महाराष्ट्र: प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा- मुगल काल में बंद हुई थी महिलाओं की शिक्षा और तभी शुरू हुई थी ‘घूंघट’ प्रथा


सार

महाराष्ट्र के भाजपा के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि मुगल काल में डर था अगर महिलाएं घर से बाहर निकलेंगी तो उनका अपहरण कर लिया  जाएगा।

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महाराष्ट्र में भाजपा के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने रविवार को कहा कि मुगल काल में सुरक्षा कारणों से महिलाओं को शिक्षा देना बंद कर दिया था और सुरक्षा कारणों से उन्हें घूंघट पहनना शुरू करना पड़ा। साथ ही कहा कि अगर मुगल काल में डर था अगर महिलाएं घर से बाहर निकलेंगी तो उनका अपहरण कर लिया  जाएगा।

मुगल काल के दौरान घूंघट प्रचलन में आया
चंद्रकांत पाटिल जैन समुदाय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में अपनी बात रख रहे थे। उन्होंने कहा कि मुगल काल के दौरान घूंघट प्रचलन में आया, क्योंकि इस बात का डर था कि वे शासक सुंदर महिलाओं का अपहरण कर लेंगे। लेकिन स्वतंत्रता के बाद भी घूंघट जीवन का एक हिस्सा बना रहा।

 मुगल काल में महिलाओं को अपहरण का डर था
आगे अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि मुगल काल में महिलाओं की जान बचाने के लिए उन्हें शिक्षा नहीं दी जाती थी क्योंकि उनको इस बात का डर था कि अगर वे बाहर निकलती हैं, तो मुगल शासक या मुसलमान उनका अपहरण कर लेंगे। इसलिए, उन्हें घर पर सुरक्षित रखा जाता था। लेकिन भारत को आजादी मिलने के बाद भी हम उन्हें चारदीवारी से बाहर लाना भूल गए।

जैन समुदाय की प्रशंसा की
उन्होंने कहा कि 1947 में भारत के विभाजन के बाद, मुस्लिम समुदाय के कई सदस्य पाकिस्तान चले गए और वहां बस गए, लेकिन भारत में उनकी आबादी अभी भी 23 करोड़ है। साथ ही पाटिल ने अपनी बेटियों को संस्कार देने और समुदाय के भीतर ही उनकी शादी सुनिश्चित करने के लिए जैन समुदाय की प्रशंसा की।

विस्तार

महाराष्ट्र में भाजपा के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने रविवार को कहा कि मुगल काल में सुरक्षा कारणों से महिलाओं को शिक्षा देना बंद कर दिया था और सुरक्षा कारणों से उन्हें घूंघट पहनना शुरू करना पड़ा। साथ ही कहा कि अगर मुगल काल में डर था अगर महिलाएं घर से बाहर निकलेंगी तो उनका अपहरण कर लिया  जाएगा।

मुगल काल के दौरान घूंघट प्रचलन में आया

चंद्रकांत पाटिल जैन समुदाय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में अपनी बात रख रहे थे। उन्होंने कहा कि मुगल काल के दौरान घूंघट प्रचलन में आया, क्योंकि इस बात का डर था कि वे शासक सुंदर महिलाओं का अपहरण कर लेंगे। लेकिन स्वतंत्रता के बाद भी घूंघट जीवन का एक हिस्सा बना रहा।

 मुगल काल में महिलाओं को अपहरण का डर था

आगे अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि मुगल काल में महिलाओं की जान बचाने के लिए उन्हें शिक्षा नहीं दी जाती थी क्योंकि उनको इस बात का डर था कि अगर वे बाहर निकलती हैं, तो मुगल शासक या मुसलमान उनका अपहरण कर लेंगे। इसलिए, उन्हें घर पर सुरक्षित रखा जाता था। लेकिन भारत को आजादी मिलने के बाद भी हम उन्हें चारदीवारी से बाहर लाना भूल गए।

जैन समुदाय की प्रशंसा की

उन्होंने कहा कि 1947 में भारत के विभाजन के बाद, मुस्लिम समुदाय के कई सदस्य पाकिस्तान चले गए और वहां बस गए, लेकिन भारत में उनकी आबादी अभी भी 23 करोड़ है। साथ ही पाटिल ने अपनी बेटियों को संस्कार देने और समुदाय के भीतर ही उनकी शादी सुनिश्चित करने के लिए जैन समुदाय की प्रशंसा की।



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