ममता बनर्जी का दावा: पांच साल पहले पश्चिम बंगाल पुलिस को 25 करोड़ रुपये में हुई थी पेगासस स्पाइवेयर की पेशकश


न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Thu, 17 Mar 2022 08:35 PM IST

सार

ममता बनर्जी ने कहा था कि पांच साल पहले हमें भी पेगासस स्पाइवेयर खरीदने की पेशकश हुई थी लेकिन हमने इससे इनकार कर दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा शासित कुछ राज्यों ने यह स्पाइवेयर खरीदा था। 

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि हमारी सरकार ने कुछ साल पहले इस्राइली स्पाइवेयर पेगासस खरीदने की एक पेशकश ठुकरा दी थी। उन्होंने कहा कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों की जासूसी करने के लिए स्पाइवेयर का इस्तेमाल करना अस्वीकार्य है। 

बनर्जी ने कहा, ‘ पांच साल पहले वो (पेगासस) अपनी मशीनें बेचने के लिए हमारे पुलिस विभाग के पास आए थे। उन्होंने इसके लिए 25 करोड़ रुपये की मांग की थी। यह मामला मेरे पास आया और मैंने इससे साफ इनकार करते हुए कहा कि हम ऐसी की मशीनें नहीं खरीदना चाहते हैं।’

‘राजनीतिक कारणों से नहीं कर सकते हैं स्पाइवेयर का इस्तेमाल’
तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ने कहा, ‘अगर इसका इस्तेमाल देश विरोधी गतिविधियों के लिया और सुरक्षा के लिए किया जाता तो यह अलग बात हो सकती थी। लेकिन इसका इस्तेमाल राजनीतिक कारणों से जजों और अधिकारियों के खिलाफ किया गया जो स्वीकार्य नहीं है।’

साल 2019 में मीडिया संगठनों के एक समूह ने खुलासा किया था कि भारत के 300 फोन एनएसओ के लीक डाटाबेस की संभावित टारगेट लिस्ट में थे। पेगासस स्पाइवेयर इस्राइल के एनएसओ समूह का ही है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हुआ कि सभी फोन हैक किए गए थे।

भाजपा की सरकार वाले कुछ राज्यों ने खरीदा था पेगासस: बनर्जी
ममता बनर्जी ने बुधवार को आरोप लगाया था कि उनका फोन टैप किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम कुछ भी बात करते हैं, उन्हें (केंद्र सरकार) पता चल जाता है। तीन साल पहले मैं भी पेगासस सकती थी लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया था। लेकिन भाजपा शासित कुछ राज्यों ने इसे खरीदा था।

कुछ दिन पहले भाजपा नेता अनिर्बान गांगुली ने आरोप लगाया था कि बनर्जी 2016 से बंगाल की सत्ता में आने के बाद से स्पाइवेयर का इस्तेमाल कर रही हैं। सुप्रीम कोर्ट पत्रकारों, विपक्षी नेताओं, जजों और शख्सियतों की कथित जासूसी की दर्जनों याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है।

विस्तार

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि हमारी सरकार ने कुछ साल पहले इस्राइली स्पाइवेयर पेगासस खरीदने की एक पेशकश ठुकरा दी थी। उन्होंने कहा कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों की जासूसी करने के लिए स्पाइवेयर का इस्तेमाल करना अस्वीकार्य है। 

बनर्जी ने कहा, ‘ पांच साल पहले वो (पेगासस) अपनी मशीनें बेचने के लिए हमारे पुलिस विभाग के पास आए थे। उन्होंने इसके लिए 25 करोड़ रुपये की मांग की थी। यह मामला मेरे पास आया और मैंने इससे साफ इनकार करते हुए कहा कि हम ऐसी की मशीनें नहीं खरीदना चाहते हैं।’

‘राजनीतिक कारणों से नहीं कर सकते हैं स्पाइवेयर का इस्तेमाल’

तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ने कहा, ‘अगर इसका इस्तेमाल देश विरोधी गतिविधियों के लिया और सुरक्षा के लिए किया जाता तो यह अलग बात हो सकती थी। लेकिन इसका इस्तेमाल राजनीतिक कारणों से जजों और अधिकारियों के खिलाफ किया गया जो स्वीकार्य नहीं है।’

साल 2019 में मीडिया संगठनों के एक समूह ने खुलासा किया था कि भारत के 300 फोन एनएसओ के लीक डाटाबेस की संभावित टारगेट लिस्ट में थे। पेगासस स्पाइवेयर इस्राइल के एनएसओ समूह का ही है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हुआ कि सभी फोन हैक किए गए थे।

भाजपा की सरकार वाले कुछ राज्यों ने खरीदा था पेगासस: बनर्जी

ममता बनर्जी ने बुधवार को आरोप लगाया था कि उनका फोन टैप किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम कुछ भी बात करते हैं, उन्हें (केंद्र सरकार) पता चल जाता है। तीन साल पहले मैं भी पेगासस सकती थी लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया था। लेकिन भाजपा शासित कुछ राज्यों ने इसे खरीदा था।

कुछ दिन पहले भाजपा नेता अनिर्बान गांगुली ने आरोप लगाया था कि बनर्जी 2016 से बंगाल की सत्ता में आने के बाद से स्पाइवेयर का इस्तेमाल कर रही हैं। सुप्रीम कोर्ट पत्रकारों, विपक्षी नेताओं, जजों और शख्सियतों की कथित जासूसी की दर्जनों याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है।



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