नई दिल्ली . इंर्फोमेशन टेक्नोलॉजी (IT) स्टॉक को निवेश के लिहाज से डिफेंसिफ माना जाता है. जब बाजार की स्थिति खराब होती है, तो भारतीय निवेशक इन शेयरों में दांव लगाते हैं. इस धारणा के विपरीत बिकवाली के इस दौर में यह सेक्टर डिफेंसिव नहीं साबित हो रहा है. आर्थिक अनिश्चितता, विदेशी निवेशकों की निकासी और अमेरिका में मंदी की आहट से आईटी सेक्टर में लघु और मध्यम अवधि में संशय के बादल छाए हुए हैं. इस कैलेंडर वर्ष में आईटी सेक्टर सबसे ज्यादा नुकसान में रहा है.
बेंचमार्क सूचकांकों में 17 प्रतिशत की गिरावट की तुलना में निफ्टी आईटी (Nifty IT) अब तक 20 फीसदी से अधिक टूट चुका है. 2022 में आईटी इंडेक्स के शेयर 35 फीसदी तक लुढ़क चुके हैं, जबकि कुछ तो अपने 52-सप्ताह की हाई से 50 फीसदी तक टूट चुके हैं. स्थिति यह है कि चाहे वह देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टीसीएस हो या मिडकैप एलएंडटी टेक, बाजार में भारी बिकवाली ने किसी भी शेयर को नहीं बख्शा है. यह ऐसे समय में हो रहा है, जबकि अमेरिकी डॉलर की तुलना में रुपया कमजोर हो रहा है. रुपये की कमजोर स्थिति को निर्यात आधारित आईटी सेक्टर के लिए पॉजिटिव माना जाता है.
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क्या करे निवेशक?
सवाल उठता है कि बिकवाली को देखते हुए क्या आपको इन शेयरों को खरीदना चाहिए? मार्केट एक्सपर्ट भी इसको लेकर निश्चित नहीं हैं. उनका मानना है कि आईटी स्टॉक कुछ समय के लिए अंडरपरफॉर्मर बने रहेंगे. जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा, “आईटी सेक्टर में लॉन्ग टर्म ट्रेंड की तुलना में शॉर्ट से मीडियम टर्म में वैल्यूएशन महंगा बना रहेगा.” वह आईटी स्टॉक में मौजूदा करेक्शन के सवाल पर मनीकंट्रोल को बताते हैं कि लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए विशेष रूप से आईटी और ऑनलाइन सर्विसेज टॉप पिक हो सकते हैं.
हाई वैल्यूएशन पर कारोबार
एम्फेसिस, एलएंडटी टेक सर्विसेज जैसे मिडकैप आईटी स्टॉक अपेक्षाकृत हाई वैल्यूएशन पर कारोबार कर रहे हैं. अधिकतर आईटी स्टॉक अपने पांच साल के औसत वैल्यूएशन के करीब कारोबार कर रहे हैं. वहीं, टॉप आईटी स्टॉक्स जैसे टीसीएस, इंफोसिस, टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक और विप्रो प्राइस टू अर्निंग रेशियो (PE Ratio) के 20-30 गुना के दायरे में कारोबार कर रहे हैं.
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विदेशी निवेशकों की मार
आईटी सेक्टर के स्टॉक के खराब प्रदर्शन का एक अहम कारण इन कंपनियों में विदेशी निवेशकों की बड़ी हिस्सेदारी है. विदेशी निवेशक पिछले आठ महीने से भारतीय मार्केट से हर महीने हजारों करोड़ रुपये निकाल रहे हैं. इसका प्रभाव आईटी स्टॉक की प्राइस पर पड़ रहा है. वेंचुरा सिक्योरिटीज के रिसर्च चीफ विनीत बोलिंजकर ने कहते हैं कि 2020-21 के दौरान भारतीय आईटी कंपनियों ने वैश्विक कॉरपोरेट्स से महत्वपूर्ण ऑर्डर फ्लो देखा. अभी स्थिति बदली हुई दिखती है.
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Tags: Business news in hindi, IT Companies, Share market, TCS
FIRST PUBLISHED : June 22, 2022, 13:03 IST