नवरात्र में मीट बैन : टीएमसी सांसद मोइत्रा बोलीं- संविधान ने दी जब मर्जी हो तब खाने की इजाजत, उमर ने कही यह बात


सार

मोइत्रा का कहना है कि वह दक्षिण दिल्ली में ही रहती हैं और संविधान उन्हें जब मर्जी हो तब मीट खाने की इजाजत देता है। इस मामले को नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर से जोड़ दिया है। 
 

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हलाल मीट पर विवाद के बाद अब दक्षिण दिल्ली में नवरात्र के दौरान मांस की दुकानों पर पाबंदी को लेकर मेयर के पत्र से बवाल पैदा हो गया है। हालांकि एमसीडी के अधिकारियों ने कहा है कि मेयर का औपचारिक आदेश नहीं मिला है। इस बीच, तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने इसे चुनौती दी है। 

इत्रा का कहना है कि वह दक्षिण दिल्ली में ही रहती हैं और संविधान उन्हें जब मर्जी हो तब मीट खाने की इजाजत देता है। इस मामले को नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर से जोड़ दिया है। दक्षिण दिल्ली के मेयर की मांग के बाद ऐसी ही पूर्वी दिल्ली के मेयर ने भी कर दी। मंगलवार को दक्षिण दिल्ली में तो मांस की दुकानें बंद रहने की भी खबर है। दुकानें खुली मिलने पर भारी जुर्माना लगाए जाने की बात कही जा रही है। 

मेयर सूर्यान ने कही यह बात
मेयर सूर्यान का कहना है कि चूंकि नवरात्र के दौरान दिल्ली के 99 फीसदी घरों में यहां तक कि लहसून—प्याज तक नहीं खाया जाता है, इसलिए हमने दक्षिण दिल्ली में मांस की दुकानें बंद रखने का फैसला किया है। जो दुकान खोलेगा उस पर भारी जुर्माना लगेगा।
 

दुकानदारों को कारोबार की आजादी : मोइत्रा 
मीट दुकानों पर बैन की खबरों के बीच टीएमसी सांसद माइत्रा ने ट्वीट किया है। उनका कहना है कि संविधान मुझे अपनी मर्जी से जब चाहूं मीट खाने की इजाजत देता है, उसी तरह दुकानदारों को भी अपना कारोबार करने की इजाजत है। 
 

जम्मू-कश्मीर में इस तरह लगाएं पाबंदी : उमर
उधर, जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम व नेकां नेता उमर अब्दुल्ला ने भी ट्वीट कर मीट बैन को अपने राज्य से जोड़ दिया। उमर ने कहा कि यह ठीक है। रमजान के दौरान हम सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच कुछ नहीं खाते हैं, इसलिए कश्मीर में हर गैर मुस्लिम पर्यटक को सार्वजनिक रूप से, खासकर मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में कुछ भी खाने की इजाजत नहीं होना चाहिए। यदि दक्षिण दिल्ली में बहुसंख्यकवाद जायज है तो जम्मू-कश्मीर के लिए भी यह सही होगा। 
 

 

विस्तार

हलाल मीट पर विवाद के बाद अब दक्षिण दिल्ली में नवरात्र के दौरान मांस की दुकानों पर पाबंदी को लेकर मेयर के पत्र से बवाल पैदा हो गया है। हालांकि एमसीडी के अधिकारियों ने कहा है कि मेयर का औपचारिक आदेश नहीं मिला है। इस बीच, तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने इसे चुनौती दी है। 

इत्रा का कहना है कि वह दक्षिण दिल्ली में ही रहती हैं और संविधान उन्हें जब मर्जी हो तब मीट खाने की इजाजत देता है। इस मामले को नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर से जोड़ दिया है। दक्षिण दिल्ली के मेयर की मांग के बाद ऐसी ही पूर्वी दिल्ली के मेयर ने भी कर दी। मंगलवार को दक्षिण दिल्ली में तो मांस की दुकानें बंद रहने की भी खबर है। दुकानें खुली मिलने पर भारी जुर्माना लगाए जाने की बात कही जा रही है। 

मेयर सूर्यान ने कही यह बात

मेयर सूर्यान का कहना है कि चूंकि नवरात्र के दौरान दिल्ली के 99 फीसदी घरों में यहां तक कि लहसून—प्याज तक नहीं खाया जाता है, इसलिए हमने दक्षिण दिल्ली में मांस की दुकानें बंद रखने का फैसला किया है। जो दुकान खोलेगा उस पर भारी जुर्माना लगेगा।

 

दुकानदारों को कारोबार की आजादी : मोइत्रा 

मीट दुकानों पर बैन की खबरों के बीच टीएमसी सांसद माइत्रा ने ट्वीट किया है। उनका कहना है कि संविधान मुझे अपनी मर्जी से जब चाहूं मीट खाने की इजाजत देता है, उसी तरह दुकानदारों को भी अपना कारोबार करने की इजाजत है। 

 

जम्मू-कश्मीर में इस तरह लगाएं पाबंदी : उमर

उधर, जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम व नेकां नेता उमर अब्दुल्ला ने भी ट्वीट कर मीट बैन को अपने राज्य से जोड़ दिया। उमर ने कहा कि यह ठीक है। रमजान के दौरान हम सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच कुछ नहीं खाते हैं, इसलिए कश्मीर में हर गैर मुस्लिम पर्यटक को सार्वजनिक रूप से, खासकर मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में कुछ भी खाने की इजाजत नहीं होना चाहिए। यदि दक्षिण दिल्ली में बहुसंख्यकवाद जायज है तो जम्मू-कश्मीर के लिए भी यह सही होगा। 

 

 





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