दरअसल, दिल्ली मेट्रो अपनी सभी लाइनों पर आठ कोच की क्षमता के साथ अपनी ट्रेन चला सकती है। लेकिन अभी कई मेट्रो में छह कोच ही लगाए जा रहे हैं। रेड लाइन पर यह दिक्कत ज्यादा है। इससे पीक आवर्स में कोच में भीड़ हो जाती है। कई बार खड़े होने तक की भी जगह नहीं बचती। वहीं, मेट्रो की क्षमता का भी पूरी तरह इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है।
इससे निकलने के लिए डीएमआरसी ने पिछले साल सभी 120 कोच मेट्रो ट्रेनों में जोड़ने का लक्ष्य था। इसके लिए दो कंपनियों से खरीद के लिए करार किया गया था। कोरोना की वजह से तयशुदा समय में कोच की आपूर्ति नहीं हो सकी। हालात सामान्य होने के साथ अब कोच आपूर्ति में भी सुधार हुआ है। बंगलुरू से भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (बीईएमएल) से कोच की सप्लाई शुरू हो गई। वहीं, बम्बॉर्डियर पहले से कोच की सप्लाई कर रहा है।
मेट्रो अधिकारियों का कहना है कि अगले कुछ महीनों में चरणबद्ध तरीके से सभी कोच मेट्रो बेड़े से जुड़ जाएंगे। नए कोच हर अगर आठ फेरे भी लगाते हैं तो प्रति फेरे में तीस हजार अतिरिक्त यात्रियों के लिए जगह बनेगी। इस स्थित में दिन भर में करीब ढाई लाख अतिरिक्त यात्री सहूलियत से मेट्रो ट्रेन का सफर कर सकेंगे। गौरतलब है कि कोरोना महामारी काल से पहले मेट्रो में रोजाना औसतन करीब 60 लाख यात्राएं हो रही थीं। एक कोच में औसतन 250-300 यात्री कोरोना महामारी से पहले एक कोच में सफर कर रहे थे।
देश में निर्मित कोच मेट्रो में किए जा रहे हैं शामिल, करोड़ों की बचत
बीईएमएल को 80 कोच देने हैं। इसमें से दो कोच शास्त्री पार्क डिपो पहुंच चुके हैं। जबकि बॉम्बार्डियर से 40 कोच का करार हुआ है। कंपनी ने भी सप्लाई शुरू कर दी है। मेक इन इंडिया के तहत सभी कोच का निर्माण भारत में किया जा रहा है। इससे दिल्ली मेट्रो को सालाना करोड़ों की बचत भी हो रही है।
तीन मेट्रो लाइनों पर जुड़ रहे हैं 120 कोच
. येलो लाइन पर 12 ट्रेनों में 24 नए कोच शामिल किए जा रहे हैं।
. ब्लू लाइन पर 6 कोच वाली नौ ट्रेन में जुड़ेंगे 18 कोच।
. रेड लाइन पर आएंगे 78 नए कोच। सभी ट्रनों में लगेंगे आठ कोच।
. पहले अक्टूबर 2021 के अंत तक सभी 120 कोच की डिलीवरी होने की थी। कोविड की वजह से देरी।
336 मेट्रो ट्रेन सेट हैं बेड़े में
. मेट्रो की सभी लाइनों पर कुल 336 ट्रेन चल रही हैं।
. इसमें से ज्यादातर छह और आठ कोच की हैं। जबकि रेड लाइन पर चार कोच की कुछ ट्रेन थीं।
. ब्लू लाइन पर कुल 74 ट्रेनें, येलो लाइन पर 64 ट्रेनें और रेड लाइन पर 39 ट्रेनें चलती हैं।
. तीनों लाइनें पर कोरोना काल से पहले रोजाना करीब 20 लाख यात्री सफर करते थे।
. फेज-4 कॉरिडोर के लिए 288 कोच शामिल होने हैं।
. चौथा चरण पूरा होने के बाद मेट्रो के बेड़े में होंगे 2,494 कोच।