एक दिन में 4 फिल्मों की शूटिंग करते थे मिथुन चक्रवर्ती, स्टारडम के पीछे का बताया सच, कहा- अकेला आदमी हो गया था


मिथुन चक्रवर्ती (Mithun Chakraborty)… एक ऐसा नाम, जो किसी पहचान का मोहताज नहीं है। उन्होंने 80 के दशक में दर्शकों के दिलों में अपनी जगह बनाई। खूब नाम कमाया, शोहरत कमाई, लेकिन इस स्टारडम (Mithun Chakraborty Stardom) के पीछे की एक गहरी सच्चाई है। इसकी सच्चाई का खुलासा अब दिग्गज अभिनेता ने किया है। उन्होंने करियर के पीक पर खुद को रिएलिटी से जूझते हुए पाया। उन्होंने महसूस किया कि फेम न सिर्फ फैंस की संख्या लेकर आता है, बल्कि अकेलेपन (Mithun Chakraborty Lonely) को भी।

71 साल के मिथुन ने फिल्ममेकर मृणाल सेन की नेशनल अवॉर्ड विनिंग 1976 के ड्रामा ‘मृगया’ से ऐक्टिंग की शुरुआत की। 1979 में रिलीज हुई स्पाई थ्रिलर ‘सुरक्षा’ से उन्होंने सफलता का स्वाद चखा। 80 के ब्लॉकबस्टर जैसे ‘डिस्को डांसर’, ‘डांस डांस’, ‘प्यार झुकता नहीं’, ‘कसम पैदा करने वाले की’ और ‘कमांडों’ सहित अन्य ने उन्हें स्टारडम दिया।

एक दिन में चार फिल्मों की शूटिंग
ये ऐक्टर के लिए बहुत बिजी साल थे, जिसने दशक में 100 से ज्यादा फिल्मों में सुर्खियां बटोरी थीं, जो अक्सर एक दिन में चार फिल्मों की शूटिंग करते थे। फैंस ने उन्हें डांसिंग स्टार और डिस्को डांसर का नाम दे डाला।

नंबर वन स्टार, लेकिन अकेलापन
ऐक्टर ने पीटीआई को कहा, ‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं एक सुपरस्टार बनूंगा, लेकिन जब मैं देश का नंबर वन स्टार बन गया तो मैंने पाया कि ये था… हे भगवान, एक बेहद अकेली जगह। ये वास्तव में बहुत, बहुत अकेला है। आप वहां अकेले हैं। ये अकेला था, क्योंकि हर कोई सोचता था कि मैं उनकी पहुंच से बाहर हूं, वो मुझ तक नहीं पहुंच सकते।’

स्टारडम के साथ बढ़ा मिथ
जैसे-जैसे मिथुन का कद बढ़ता गया, वैसे-वैसे उनके स्टारडम का मिथक भी बढ़ता गया, जिसने उनके प्राइवेट स्पेस में घुसना शुरू कर दिया। अभिनेता ने कहा कि वो शोबिज की पज्लिंग रिएलिटी के साथ रहते थे: वो मोस्ट वांटेड स्टार थे, लेकिन हर कोई उनसे बात करने के लिए भी डरा था।

अकेला रहता था
मिथुन ने कहा, ‘वे कहते थे कि दादा से दूर रहो, वो बहुत बड़ा हो गया है। मेरे दोस्त भी मुझसे डरते होंगे। ये बहुत अजीब माहौल था। मैं उठता, शूटिंग के लिए जाता, वापस आता और अकेला रहता, जबकि सबसे बड़ा स्टार, देश का सबसे ज्यादा बिकने वाला स्टार, मैं एक बहुत अकेला आदमी हो गया था, लेकिन ये भी जिंदगी का एक हिस्सा है।’

बप्पी लहिरी के गानें
90 के दशक में जब बॉलिवुड बदला, धीरे-धीरे रोमांस की तरफ रुख किया तो धीरे-धीरे 80 के दशक की मसाला फिल्मों को बंद कर दिया, जिसे उन्होंने और जितेंद्र ने दिवंगत संगीतकार बप्पी लहिरी के चार्टबस्टर धुनों के सपोर्ट के साथ पॉप्युलर किया था। अभिनेता के अनुसार, स्टारडम बनाए रखने की कुंजी सिर्फ अच्छा ऐक्टर ही नहीं, एक अद्भुत इंसान का होना भी है।

टैलेंट ही आगे तक लेकर जाता है
अगर कोई ऐक्टर अच्छा इंसान नहीं है तो मिथुन ने कहा कि फेम ‘दिल की धड़कन में गायब हो जाएगी’। उन्होंने कहा, ‘प्रतिभा के बिना कोई अस्तित्व नहीं है। केवल आपकी प्रतिभा ही आपको आगे ले जा सकती है, अगर आपके पास है, तो आप इसे बना लेंगे। दुनिया में कोई भी आपको रोक नहीं सकता है। एक अच्छा ऐक्टर, जो एक बुरा इंसान है, उसके पास एक छोटा जीवन होगा। एक बुरा अभिनेता, जो एक बुरा इंसान है, उसका कोई जीवन नहीं होगा। एक अच्छा अभिनेता, जो एक अच्छा इंसान है, उसकी उम्र लंबी होगी।’

अच्छा ऐक्टर
उन्होंने आगे कहा, ‘इतने लंबे समय तक स्टारडम को बनाए रखने का एकमात्र जादू है एक अच्छा ऐक्टर, जो एक अच्छा इंसान भी है, लंबे समय तक जिंदा रहेगा। अगर आप एक अच्छे इंसान नहीं हैं तो आपका सुपरस्टारडम दिल की धड़कन में गायब हो जाएगा। कर्मा बस सही समय का इंतजार करेगा, इससे कोई नहीं बच सकता है।’

छोटे पर्दे पर की शुरुआत
तीन नेशनल अवॉर्ड विनिंग ऐक्टर बॉलिवुड और बंगाली दोनों फिल्मों में काम किया और फिर साल 2000 के अंत में छोटे पर्दे पर अपनी शुरुआत की। उन्होंने अब प्राइम वीडियो की साइकोलॉजिकल थ्रिलर सीरीज ‘बेस्टसेलर’ से अपना डिजिटल डेब्यू किया है।

Mithun Chakraborty

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