Money Laundering: राणा अय्यूब ने नकारा चंदे के पैसे का दुरुपयोग करने का आरोप, ईडी ने जब्त की है संपत्ति


न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Fri, 11 Feb 2022 10:17 PM IST

सार

कोरोना पीड़ितों की मदद के लिए जमा किए गए पैसे का दुरुपयोग करने के आरोप का सामना कर रहीं पत्रकार राणा अय्यूब ने इन आरोपों का सिरे से खारिज किया है। 

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पत्रकार राणा अय्यूब ने शुक्रवार को कोरोना वायरस महामारी के दौरान जरूरतमंदों की मदद के नाम पर जमा की गई राशि का दुरुपयोग करने के आरोपों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप निंदनीय हैं और पूरी तरह से दुर्भावनापूर्ण हैं।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मस पर एक बयान जारी करते हुए अय्यूब ने कहा कि मैंने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट रूप से दिखा दिया है कि राहत अभियान राशि का कोई भी हिस्सा किसी अन्य कार्य के लिए या अपने लिए खर्च नहीं हुआ है।

अय्यूब ने कहा कि यह पूरी तरह साफ है कि राहल अभियान फंड का कोई भी हिस्सा हिसाब से बाहर नहीं है और निजी खर्चों के लिए इस धन राशि का इस्तेमाल करने के आरोप की दूर-दूर तक कोई गुंजाइश नहीं है। मैं अपने सभी निजी खर्च मेरी निजी आय और बचत से करती हूं।

इस महीने की शुरुआत में ईडी ने राणा अय्यूब के खिलाफ चल रही मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनके बैंक में जमा 1.77 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जब्त कर ली थी। 

एजेंसी के अनुसार जांच में पता चला है कि पैसा पूरी तरह सुनियोजित और व्यवस्थित तरीके से चैरिटी के नाम पर जुटाया गया और जिस उद्देश्य के लिए यह पैसा एकत्र किया गया था उस पर इसे पूरी तरह खर्च नहीं किया गया।

ईडी ने अय्यूब के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला गाजियाबाद पुलिस की ओर से सितंबर 2021 में दर्ज एक एफआईआर का संज्ञान लेते हुए दर्ज की थी। यह अय्यूब द्वारा क्राउडफंडिंग वेबसाइट ‘केट्टो’ के जरिए जुटाए 2.69 करोड़ की राशि में कथित अनियमितताओं को लेकर थी।

शिवसेना सांसद ने कहा, होनी चाहिए मामले की जांच
शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी इस मामले में जांच की आवश्यकता पर जोर दिया है और कहा है कि हो सकता है कि कोविड महामारी के दौरान जरूरतमंदों की मदद के नाम पर जमा किए गए चंदे का दुरुपयोग किया गया हो।

चतुर्वेदी ने आगे कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान बहुत सारे लोग बिना आय के जी रहे थे। दान उन लोगों के नाम पर लिया गया जिन्हें इस महामारी से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ था। ऐसे में अगर इस पैसे का दुरुपयोग हुआ है तो इस मामले की जांच होना जरूरी हो जाता है। 

विस्तार

पत्रकार राणा अय्यूब ने शुक्रवार को कोरोना वायरस महामारी के दौरान जरूरतमंदों की मदद के नाम पर जमा की गई राशि का दुरुपयोग करने के आरोपों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप निंदनीय हैं और पूरी तरह से दुर्भावनापूर्ण हैं।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मस पर एक बयान जारी करते हुए अय्यूब ने कहा कि मैंने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट रूप से दिखा दिया है कि राहत अभियान राशि का कोई भी हिस्सा किसी अन्य कार्य के लिए या अपने लिए खर्च नहीं हुआ है।

अय्यूब ने कहा कि यह पूरी तरह साफ है कि राहल अभियान फंड का कोई भी हिस्सा हिसाब से बाहर नहीं है और निजी खर्चों के लिए इस धन राशि का इस्तेमाल करने के आरोप की दूर-दूर तक कोई गुंजाइश नहीं है। मैं अपने सभी निजी खर्च मेरी निजी आय और बचत से करती हूं।

इस महीने की शुरुआत में ईडी ने राणा अय्यूब के खिलाफ चल रही मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनके बैंक में जमा 1.77 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जब्त कर ली थी। 

एजेंसी के अनुसार जांच में पता चला है कि पैसा पूरी तरह सुनियोजित और व्यवस्थित तरीके से चैरिटी के नाम पर जुटाया गया और जिस उद्देश्य के लिए यह पैसा एकत्र किया गया था उस पर इसे पूरी तरह खर्च नहीं किया गया।

ईडी ने अय्यूब के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला गाजियाबाद पुलिस की ओर से सितंबर 2021 में दर्ज एक एफआईआर का संज्ञान लेते हुए दर्ज की थी। यह अय्यूब द्वारा क्राउडफंडिंग वेबसाइट ‘केट्टो’ के जरिए जुटाए 2.69 करोड़ की राशि में कथित अनियमितताओं को लेकर थी।

शिवसेना सांसद ने कहा, होनी चाहिए मामले की जांच

शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी इस मामले में जांच की आवश्यकता पर जोर दिया है और कहा है कि हो सकता है कि कोविड महामारी के दौरान जरूरतमंदों की मदद के नाम पर जमा किए गए चंदे का दुरुपयोग किया गया हो।

चतुर्वेदी ने आगे कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान बहुत सारे लोग बिना आय के जी रहे थे। दान उन लोगों के नाम पर लिया गया जिन्हें इस महामारी से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ था। ऐसे में अगर इस पैसे का दुरुपयोग हुआ है तो इस मामले की जांच होना जरूरी हो जाता है। 



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