MP Panchayat Chunav: एक सचिव की तीन पत्नियां मैदान में, तीनों ने प्रचार का दबाव बनाया तो पति ने छोड़ा घर-गांव


न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सिंगरौली
Published by: रवींद्र भजनी
Updated Fri, 17 Jun 2022 02:06 PM IST

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मध्य प्रदेश अजब है और गजब भी। सिंगरौली जिले में एक पंचायत सचिव की तीन पत्नियां हैं। तीनों पंचायत चुनाव लड़ रही हैं। दो तो एक ही पंचायत से सरपंच चुनावों में आमने-सामने हैं। तीसरी जनपद पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ रही है। पंचायत सचिव पर प्रचार के लिए पत्नियों का दबाव है। इस वजह से उसने अब घर ही नहीं बल्कि गांव भी छोड़ दिया है। 

सिंगरौली जिले के जनपद पंचायत देवसर अंतर्गत घोंघरा पंचायत के सचिव सुखराम सिंह की तीन पत्नियां हैं। सुखराम की पहली पत्नी देवसर जनपद सदस्य का चुनाव लड़ रही हैं। दूसरी पत्नी कुसुमकली व तीसरी गीता सिंह ने पिपरखड़ ग्राम पंचायत में सरपंच पद के लिए नामांकन दाखिल किया है । अब कुसुमकली तो पहले भी सरपंच रही है, गीता सिंह की उम्मीदवारी से सुखराम का सुख-चैन उड़ गया है। दोनों ही चाहती हैं कि सुखराम उनके लिए प्रचार करें। अब परेशानी इतनी बढ़ गई है कि सुखराम ने गांव और घर से कुछ दिन के लिए रुखसत ले ली है। 

पत्नियों को परेशानी नहीं तो कार्रवाई कैसे होगी?
जनपद सीईओ बीके सिंह ने हिन्दू अधिनियम के विरुद्ध जाकर तीनों को दस्तावेज में पत्नी बताने पर नोटिस थमा दिया। हालांकि, अभी तक नामांकन खारिज नही हुआ है। देवसर एसडीएम आकाश सिंह का कहना है कि किसी भी पत्नी ने शिकायत दर्ज नहीं कराई है। जब पत्नियों को कोई समस्या नहीं है तो कार्रवाई का सवाल भी फिलहाल नहीं उठता। जब कोई शिकायत आएगी, तब जरूर कार्रवाई की जाएगी।  

विस्तार

मध्य प्रदेश अजब है और गजब भी। सिंगरौली जिले में एक पंचायत सचिव की तीन पत्नियां हैं। तीनों पंचायत चुनाव लड़ रही हैं। दो तो एक ही पंचायत से सरपंच चुनावों में आमने-सामने हैं। तीसरी जनपद पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ रही है। पंचायत सचिव पर प्रचार के लिए पत्नियों का दबाव है। इस वजह से उसने अब घर ही नहीं बल्कि गांव भी छोड़ दिया है। 

सिंगरौली जिले के जनपद पंचायत देवसर अंतर्गत घोंघरा पंचायत के सचिव सुखराम सिंह की तीन पत्नियां हैं। सुखराम की पहली पत्नी देवसर जनपद सदस्य का चुनाव लड़ रही हैं। दूसरी पत्नी कुसुमकली व तीसरी गीता सिंह ने पिपरखड़ ग्राम पंचायत में सरपंच पद के लिए नामांकन दाखिल किया है । अब कुसुमकली तो पहले भी सरपंच रही है, गीता सिंह की उम्मीदवारी से सुखराम का सुख-चैन उड़ गया है। दोनों ही चाहती हैं कि सुखराम उनके लिए प्रचार करें। अब परेशानी इतनी बढ़ गई है कि सुखराम ने गांव और घर से कुछ दिन के लिए रुखसत ले ली है। 

पत्नियों को परेशानी नहीं तो कार्रवाई कैसे होगी?

जनपद सीईओ बीके सिंह ने हिन्दू अधिनियम के विरुद्ध जाकर तीनों को दस्तावेज में पत्नी बताने पर नोटिस थमा दिया। हालांकि, अभी तक नामांकन खारिज नही हुआ है। देवसर एसडीएम आकाश सिंह का कहना है कि किसी भी पत्नी ने शिकायत दर्ज नहीं कराई है। जब पत्नियों को कोई समस्या नहीं है तो कार्रवाई का सवाल भी फिलहाल नहीं उठता। जब कोई शिकायत आएगी, तब जरूर कार्रवाई की जाएगी।  



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