पी चिदम्बरम : कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदम्बरम भी आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंस चुके हैं। कथित तौर पर भ्रष्टाचार के मामले में 2019 में वह तिहाड़ जेल में बंद थे। उस दौरान ईडी ने कोर्ट की विशेष अनुमति लेकर जेल में ही पूछताछ की थी।
मल्लिकार्जुन खड़गे : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे खुद नेशनल हेराल्ड केस में ईडी के निशाने पर हैं। अप्रैल में ईडी ने खड़गे से दो दिन पूछताछ की थी। आरोप है कि गलत तरीके से एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के अधिग्रहण में खड़गे की भूमिका भी है। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि खड़गे की इसमें क्या भूमिका थी?
भूपेंद्र सिंह हुड्डा : हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी ईडी के शिकंजे में फंस चुके हैं। मानेसर भूमि घोटाला और एजेएल प्लाट आवंटन मामले में हुड्डा से 2019 में चार दिन लगातार पूछताछ हुई थी। मानेसर जमीन अधिग्रहण से जुड़ा मामला करीब 15 साल पुराना है। 27 अगस्त 2004 में इनेलो की ओम प्रकाश चौटाला सरकार ने गुरुग्राम के मानेसर, लखनौला और नौरंगपुर की 912 एकड़ जमीन पर आइएमटी बनाने के लिए सेक्शन-चार का नोटिस जारी किया। इसके बाद कांग्रेस सत्ता में आई और भूपेंद्र सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री बने।
हुड्डा ने आइएमटी का प्रोजेक्ट रद कर 25 अगस्त 2005 में सार्वजनिक कामों के लिए जमीन अधिग्रहण के लिए सेक्शन-6 का नोटिस जारी कराया। मुआवजा 25 लाख रुपये एकड़ तय हुआ। अवार्ड के लिए सेक्शन-9 का नोटिस भी जारी हुआ, लेकिन इससे पहले ही बिल्डर्स ने किसानों को अधिग्रहण का डर दिखाकर 400 एकड़ जमीन औने-पौने दाम पर खरीद ली। वर्ष 2007 में बिल्डर्स की 400 एकड़ जमीन अधिग्रहण से मुक्त कर दी गई। इससे किसानों को करीब 1500 करोड़ का नुकसान हुआ। इसी में भूपेंद्र पर धांधली का आरोप है।