National Herald Case: राहुल-सोनिया ही नहीं ED के निशाने पर रहे हैं कांग्रेस के कई दिग्गज, जानिए क्या-क्या हुआ?


नेशनल हेराल्ड प्रकरण में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से आज लगातार चौथे दिन भी ईडी की पूछताछ जारी है। वहीं, उनकी मां और कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को अब 23 जून को पेश होना है। सोनिया अभी कोरोना संक्रमित हैं और अस्पताल में भर्ती हैं। 

कांग्रेस नेताओं पर ईडी के शिकंजा का ये पहला मामला नहीं है। इसके पहले भी कई दिग्गज कांग्रेसी नेता ईडी के निशाने पर आ चुके हैं। आइए जानते हैं कि ये कौन-कौन से नेता हैं और उनपर क्या आरोप लगा है? 

 

पी चिदम्बरम : कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदम्बरम भी आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंस चुके हैं। कथित तौर पर भ्रष्टाचार के मामले में 2019 में वह तिहाड़ जेल में बंद थे। उस दौरान ईडी ने कोर्ट की विशेष अनुमति लेकर जेल में ही पूछताछ की थी।  

 

मल्लिकार्जुन खड़गे : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे खुद नेशनल हेराल्ड केस में ईडी के निशाने पर हैं। अप्रैल में ईडी ने खड़गे से दो दिन पूछताछ की थी। आरोप है कि गलत तरीके से एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के अधिग्रहण में खड़गे की भूमिका भी है। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि खड़गे की इसमें क्या भूमिका थी? 

 

भूपेंद्र सिंह हुड्डा : हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी ईडी के शिकंजे में फंस चुके हैं। मानेसर भूमि घोटाला और एजेएल प्लाट आवंटन मामले में हुड्डा से 2019 में चार दिन लगातार पूछताछ हुई थी। मानेसर जमीन अधिग्रहण से जुड़ा मामला करीब 15 साल पुराना है। 27 अगस्त 2004 में इनेलो की ओम प्रकाश चौटाला सरकार ने गुरुग्राम के मानेसर, लखनौला और नौरंगपुर की 912 एकड़ जमीन पर आइएमटी बनाने के लिए सेक्शन-चार का नोटिस जारी किया। इसके बाद कांग्रेस सत्ता में आई और भूपेंद्र सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री बने।

 

हुड्डा ने आइएमटी का प्रोजेक्ट रद कर 25 अगस्त 2005 में सार्वजनिक कामों के लिए जमीन अधिग्रहण के लिए सेक्शन-6 का नोटिस जारी कराया। मुआवजा 25 लाख रुपये एकड़ तय हुआ। अवार्ड के लिए सेक्शन-9 का नोटिस भी जारी हुआ, लेकिन इससे पहले ही बिल्डर्स ने किसानों को अधिग्रहण का डर दिखाकर 400 एकड़ जमीन औने-पौने दाम पर खरीद ली। वर्ष 2007 में बिल्डर्स की 400 एकड़ जमीन अधिग्रहण से मुक्त कर दी गई। इससे किसानों को करीब 1500 करोड़ का नुकसान हुआ। इसी में भूपेंद्र पर धांधली का आरोप है। 

 

डीके शिवकुमार : कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार भी ईडी की गिरफ्त में आ चुके हैं। मामला 2018 का है। संघीय जांच एजेंसी ने सितंबर 2018 में शिवकुमार और नई दिल्ली में कर्नाटक भवन के एक कर्मचारी  ए हौमंथैया और अन्य लोगों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। मामला कथित कर चोरी और हवाला सौदे के लिए बेंगलुरु की एक अदालत में शिवकुमार और अन्य के खिलाफ दायर आयकर विभाग के आरोपपत्र पर आधारित था।

आयकर विभाग ने शिवकुमार और उनके सहयोगी एस के शर्मा पर तीन अन्य आरोपियों की मदद से हवाला चैनलों के माध्यम से नियमित रूप से बड़ी मात्रा में बेहिसाब नकदी का परिवहन करने का आरोप लगाया है। शिवकुमार को ईडी ने 2019 में इस मामले में गिरफ्तार किया था और एजेंसी ने उनकी बेटी ऐश्वर्या और कांग्रेस विधायक लक्ष्मी हेब्बालकर सहित कई लोगों और सहयोगियों से पूछताछ की थी। 26 मई को ही ईडी ने कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार और अन्य के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। 

 



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