NEET Controversy: नीट विरोधी विधेयक पर केंद्र और तमिलनाडु में टकराव, गृह मंत्रालय ने मांगा स्पष्टीकरण


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Anti NEET Bill Controversy: चिकित्सा पाठ्यक्रमों के लिए होने वाली दाखिला परीक्षा नीट को लेकर एक बार फिर केंद्र सरकार और तमिलनाडु सरकार में टकराव के आसार हैं। तमिलनाडु की द्रुमक सरकार नीट परीक्षा की विरोधी रही है। इसके खिलाफ राज्य विधानसभा में दो बार विधेयक भी पारित कर चुकी है।
 

लोक सभा को दी गई जानकारी

अब इसी विधेयक को लेकर केंद्र और राज्य सरकार आमने-सामने है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने तमिलनाडु सरकार से नीट विरोधी विधेयक पर स्पष्टीकरण मांगा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को लोक सभा को सूचित किया कि तमिलनाडु सरकार की ओर से पारित विधेयक, जो कि राज्य के छात्रों को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) के दायरे में आने से छूट देता है, पर स्पष्टीकरण मांगा गया है। 
 

राष्ट्रपति के विचार और सहमति के लिए आया था विधेयक

लोकसभा में एक लिखित प्रश्न का उत्तर देते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने कहा कि मंत्रालय को 02मई, 2022 को राष्ट्रपति के विचार और सहमति के लिए तमिलनाडु के राज्यपाल द्वारा आरक्षित ‘द तमिलनाडु अंडरग्रेजुएट मेडिकल डिग्री कोर्स बिल 2021’ नामक एक विधेयक सदन में प्राप्त हुआ था। उन्होंने कहा कि परंपरा के अनुसार, राज्य के राज्यपाल द्वारा राष्ट्रपति की सहमति और विचार के लिए आरक्षित विधेयकों को गृह मंत्रालय में नोडल केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के परामर्श से संसाधित किया जाता है। नियमानुसार, संबंधित नोडल केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के साथ परामर्श प्रक्रिया शुरू की गई थी। 
 

मंत्रालयों से मिले जवाब पर राज्य से विमर्श जारी

मिश्रा ने कहा कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और आयुष मंत्रालय ने विधेयक पर अपनी ‘टिप्पणियां’ प्रस्तुत की हैं, जिन्हें क्रमशः 21 जून, 2022 और 27 जून, 2022 को तमिलनाडु सरकार के साथ उनकी टिप्पणियों और स्पष्टीकरण के लिए साझा किया गया है। मिश्रा ने कहा कि ऐसे मामलों में परामर्श प्रक्रिया में समय लगता है और इसलिए इस तरह की मंजूरी के लिए कोई निश्चित समय निर्धारित नहीं किया जा सकता है। 

 

एनटीए करता है नीट यूजी का आयोजन

नीट देश भर के मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में MBBS और BDS अन्य स्नातक चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एक सामान्य योग्यता परीक्षा है। नीट यूजी का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा आयोजित किया जाता है। जबकि नीट पीजी का आयोजन राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान परीक्षा बोर्ड की ओर से किया जाता है। हालांकि, तमिलनाडु सरकार चाहती है कि राज्य के छात्रों को परीक्षा से छूट दी जाए। राज्य ने सुझाव दिया है कि छात्रों को उनके कक्षा 12वीं के अंकों के आधार पर मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश दिया जा सकता है। पिछले साल, राज्यपाल द्वारा इसे वापस कर दिया गया था। जिसके बाद तमिलनाडु सरकार ने फरवरी में दूसरी बार नीट विरोधी विधेयक पारित किया। 

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Anti NEET Bill Controversy: चिकित्सा पाठ्यक्रमों के लिए होने वाली दाखिला परीक्षा नीट को लेकर एक बार फिर केंद्र सरकार और तमिलनाडु सरकार में टकराव के आसार हैं। तमिलनाडु की द्रुमक सरकार नीट परीक्षा की विरोधी रही है। इसके खिलाफ राज्य विधानसभा में दो बार विधेयक भी पारित कर चुकी है।

 



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