संसद सत्र: जम्मू-कश्मीर का बजट आज लोकसभा में निर्मला सीतारमण करेंगी पेश


न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अभिषेक दीक्षित
Updated Mon, 14 Mar 2022 12:54 AM IST

सार

बजट सत्र का दूसरा हिस्सा उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद शुरू हो रहा है।

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संसद के बजट सत्र का दूसरा हिस्सा सोमवार से शुरू हो रहा है। पहले दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में जम्मू-कश्मीर का बजट पेश करेंगी। राज्य से अनुच्छेद 370 और 35 ए के निरस्त होने के बाद यह तीसरा बजट होगा। दूसरे हिस्से में विपक्ष ईपीएफ के ब्याज दरों में ऐतिहासिक कटौती और यूक्रेन संकट मामले पर सरकार को घेर सकता है।

बजट सत्र का दूसरा हिस्सा उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद शुरू हो रहा है। चार राज्यों में सत्ता बरकरार रखने के कारण सरकार का मनोबल ऊंचा है। निराशाजनक प्रदर्शन के कारण विपक्ष खासतौर से कांग्रेस में ऊहापोह की स्थिति है।

केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर का तीसरा बजट
वित्त मंत्री प्रश्नकाल के बाद, केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद से राज्य का तीसरा बजट पेश करेंगी। इससे पहले के दोनों बजट 17 मार्च को पेश किए गए थे। बजट में मामूली वृद्धि हो सकती है। बीते साल की 1.08 लाख करोड़ की तुलना में इस बार का बजट लगभग 1.10 लाख करोड़ का हो सकता है। बजट में शहरों व ग्रामीण क्षेत्रों में आधारभूत विकास करने पर जोर दिया जा सकता है।

विस्तार

संसद के बजट सत्र का दूसरा हिस्सा सोमवार से शुरू हो रहा है। पहले दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में जम्मू-कश्मीर का बजट पेश करेंगी। राज्य से अनुच्छेद 370 और 35 ए के निरस्त होने के बाद यह तीसरा बजट होगा। दूसरे हिस्से में विपक्ष ईपीएफ के ब्याज दरों में ऐतिहासिक कटौती और यूक्रेन संकट मामले पर सरकार को घेर सकता है।

बजट सत्र का दूसरा हिस्सा उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद शुरू हो रहा है। चार राज्यों में सत्ता बरकरार रखने के कारण सरकार का मनोबल ऊंचा है। निराशाजनक प्रदर्शन के कारण विपक्ष खासतौर से कांग्रेस में ऊहापोह की स्थिति है।

केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर का तीसरा बजट

वित्त मंत्री प्रश्नकाल के बाद, केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद से राज्य का तीसरा बजट पेश करेंगी। इससे पहले के दोनों बजट 17 मार्च को पेश किए गए थे। बजट में मामूली वृद्धि हो सकती है। बीते साल की 1.08 लाख करोड़ की तुलना में इस बार का बजट लगभग 1.10 लाख करोड़ का हो सकता है। बजट में शहरों व ग्रामीण क्षेत्रों में आधारभूत विकास करने पर जोर दिया जा सकता है।



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