नई दिल्ली. अमेरिका की चेतावनी और रूस के सस्ता तेल देने के ऑफर के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ कर दिया है कि भारत रूस से कच्चा तेल खरीदना जारी रखेगा. भारत के हित और ऊर्जा संबंधी चिंताओं को दूर करने के लिए ऐसा करना जरूरी है. अगर भारत और रूस में सस्ते तेल के सौदे पर समझौता हो जाता है तो इससे न सिर्फ पेट्रोलियम प्रॉडक्ट की घरेलू कीमतें कम रखने में मदद मिलेगी बल्कि आयात बिल भी कम रहेगा जिससे चालू खाते का घाटा काबू रखने में मदद मिलेगी. सस्ते कच्चे तेल की बदौलत थोक और खुदरा महंगाई के भी काबू में रहने की उम्मीद है.
रूस ने कच्चे तेल के आयात पर भारत को 35 डॉलर प्रति बैरल तक की छूट देने का ऑफर दिया है. रूस का कहना है कि अगर भारत 1.5 करोड़ बैरल कच्चा तेल खरीदने का एग्रीमेंट करता है तो कीमत युद्ध से पहले के भाव से 35 डॉलर प्रति बैरल कम रहेगी. दोनों देशों में फिलहाल इसे लेकर बातचीत चल रही है.
देश हित में है रूस से सस्ता तेल खरीदना
मुंबई में शुक्रवार को आयोजित एक बिजनेस लीडर्स अवॉर्ड समारोह में बिजनेस लीडर्स के सवालों का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने साफ कर दिया कि भारत के हित और ऊर्जा संबंधी चिंताओं को सबसे ऊपर रखा जाएगा. भारत ने रूस से सस्ता तेल खरीदना शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि अगर हमें सस्ते रेट पर तेल ऑफर किया जा रहा है तो हमें इसे क्यों नहीं लेना चाहिए ताकि लोगों को फायदा हो. निर्मला सीतारमण ने बताया कि भारत ने फिलहाल 3-4 दिन की सप्लाई के बराबर तेल रूस से खरीदा है. देश के विकास को ध्यान में रखते हुए किसी भी स्थिति से निपटने का प्रावधान मैं कर रही हूं.
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एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने जनवरी और फरवरी में रूस से कोई तेल नहीं खरीदा लेकिन मार्च और अप्रैल के लिए उसने 60 लाख बैरल तेल का सौदा किया है. भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा और एशिया का दूसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है. कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में उछाल की वजह से भारत में महंगाई बढ़ रही है. रूस का सस्ता तेल भारत को राहत देगा.
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जारी रहेगी खाद सब्सिडी
एक अन्य सवाल के जवाब में निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार किसानों को खाद पर दी जाने वाली सब्सिडी को जारी रखेगी. किसानों पर बोझ डालने की बजाय सरकार सब्सिडी का बोझ उठाएगी. 400 अरब डॉलर के निर्यात लक्ष्य को हासिल करने पर उन्होंने उद्योग जगत का आभार जताया और उन्हें धन्यवाद दिया.
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