अमर उजाला नेटवर्क, नोएडा
Published by: नोएडा ब्यूरो
Updated Wed, 02 Feb 2022 03:17 AM IST
सार
दोनों प्राधिकरण और बिल्डरों को 30 दिन के अंदर जुर्माने की धनराशि जमा करनी होगा। ऐसा नहीं करने पर रिकवरी सर्टिफिकेट (आरसी) जारी कर वसूली की जाएगी।
उत्तर प्रदेश भूसंपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) ने आदेश का पालन नहीं करने पर दो विकास प्राधिकरण और चार बिल्डरों पर 66 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। दोनों प्राधिकरण और बिल्डरों को 30 दिन के अंदर जुर्माने की धनराशि जमा करनी होगा। ऐसा नहीं करने पर रिकवरी सर्टिफिकेट (आरसी) जारी कर वसूली की जाएगी।
यूपी रेरा की सभी पीठ लगातार शिकायतों का निस्तारण कर रही है। लेकिन बिल्डर आदेशों का पालन नहीं कर रहे है। इससे खरीदारों को न्याय नहीं मिल पा रहा है। परेशान होकर खरीदार वापस यूपी रेरा का दरवाजा खटखटाकर आदेश का पालन कराने की गुहार लगा रहे हैं। जिस पर यूपी रेरा बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। मंगलवार को यूपी रेरा ने 83वीं बैठक में दो विकास प्राधिकरण और चार बिल्डरों पर 66 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। सबसे अधिक 20 लाख का जुर्माना अंसल हाउसिंग बिल्डर पर लगाया गया है। आदेशों का पालन नहीं करने वालों में लखनऊ और गोरखपुर विकास प्राधिकरण भी शामिल हैं। प्राधिकरण और बिल्डरों को 15 दिन के अंदर आदेशों का पालन कर रिपोर्ट भी देनी होगी।
पिछले सप्ताह भी सात बिल्डरों पर लगा था जुर्माना
यूपी रेरा ने पिछले सप्ताह भी सात बिल्डरों पर जुर्माना लगाया था। उनमें ज्यादातर एनसीआर के थे। सातों बिल्डरों पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। आदेश का पालन नहीं करने पर यूपी रेरा ने यह कार्रवाई की थी। बिल्डरों से 30 दिन के अंदर जुर्माने की धनराशि जमा करने का भी आदेश दिया गया है।
यूपी रेरा ने इन बिल्डरों पर लगाया है जुर्माना
बिल्डर/ प्राधिकरण जुर्माना
- लखनऊ विकास प्राधिकरण 15.01 लाख
- गोरखपुर विकास प्राधिकरण 5.71 लाख
- अंसल हाउसिंग लिमिटेड 20.12 लाख
- शाइन सिटी इंफ्राप्रोजेक्ट प्रा.लि. 5.04 लाख
- जीएस प्रमोटर्स प्रा. लि. 9.32 लाख
- जेएसएस बिल्डकॉन प्रा.लि. 11.45 लाख
ग्रेनो प्राधिकरण ने एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स पर 2.13 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। कूड़े का निस्तारण नहीं करने पर प्राधिकरण के जनस्वाथ्य विभाग ने यह कार्रवाई की है। विभाग के प्रभारी डीजीएम सलिल यादव ने बताया कि प्रबंधक वैभव नागर के नेतृत्व में टीम मंगलवार को उद्योग विहार निरीक्षण करने गई थी। टीम को कंपनी परिसर के पास कूड़े का ढेर दिखा। जिस पर जुर्माना लगाया गया है।
सलिल यादव ने बताया कि ग्रेनो में सभी बड़े कूड़ा उत्पादकों को खुद निस्तारण करना अनिवार्य है। प्राधिकरण सिर्फ आंतरिक कूड़ा ही उठाता है। इसके लिए निर्धारित शुल्क देना होता है। उन्होंने बताया कि एलजी कंपनी भी बड़े कूड़ा उत्पादक श्रेणी में आती है। फिर भी वहां कूड़े के निस्तारण का कोई इंतजाम नहीं किया गया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेेंद्र भूषण ने सभी बड़े कूड़ा उत्पादकों से कूड़े का उचित प्रबंधन करने और ग्रेटर नोएडा को और स्वच्छ बनाने में सहयोग की अपील की है।
विस्तार
उत्तर प्रदेश भूसंपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) ने आदेश का पालन नहीं करने पर दो विकास प्राधिकरण और चार बिल्डरों पर 66 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। दोनों प्राधिकरण और बिल्डरों को 30 दिन के अंदर जुर्माने की धनराशि जमा करनी होगा। ऐसा नहीं करने पर रिकवरी सर्टिफिकेट (आरसी) जारी कर वसूली की जाएगी।
यूपी रेरा की सभी पीठ लगातार शिकायतों का निस्तारण कर रही है। लेकिन बिल्डर आदेशों का पालन नहीं कर रहे है। इससे खरीदारों को न्याय नहीं मिल पा रहा है। परेशान होकर खरीदार वापस यूपी रेरा का दरवाजा खटखटाकर आदेश का पालन कराने की गुहार लगा रहे हैं। जिस पर यूपी रेरा बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। मंगलवार को यूपी रेरा ने 83वीं बैठक में दो विकास प्राधिकरण और चार बिल्डरों पर 66 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। सबसे अधिक 20 लाख का जुर्माना अंसल हाउसिंग बिल्डर पर लगाया गया है। आदेशों का पालन नहीं करने वालों में लखनऊ और गोरखपुर विकास प्राधिकरण भी शामिल हैं। प्राधिकरण और बिल्डरों को 15 दिन के अंदर आदेशों का पालन कर रिपोर्ट भी देनी होगी।
पिछले सप्ताह भी सात बिल्डरों पर लगा था जुर्माना
यूपी रेरा ने पिछले सप्ताह भी सात बिल्डरों पर जुर्माना लगाया था। उनमें ज्यादातर एनसीआर के थे। सातों बिल्डरों पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। आदेश का पालन नहीं करने पर यूपी रेरा ने यह कार्रवाई की थी। बिल्डरों से 30 दिन के अंदर जुर्माने की धनराशि जमा करने का भी आदेश दिया गया है।
यूपी रेरा ने इन बिल्डरों पर लगाया है जुर्माना
बिल्डर/ प्राधिकरण जुर्माना
- लखनऊ विकास प्राधिकरण 15.01 लाख
- गोरखपुर विकास प्राधिकरण 5.71 लाख
- अंसल हाउसिंग लिमिटेड 20.12 लाख
- शाइन सिटी इंफ्राप्रोजेक्ट प्रा.लि. 5.04 लाख
- जीएस प्रमोटर्स प्रा. लि. 9.32 लाख
- जेएसएस बिल्डकॉन प्रा.लि. 11.45 लाख
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