अब सोना-चांदी में निवेश नहीं कर रहे भारतीय, तो कहां डाल रहे हैं पैसा? जानिए


नई दिल्ली. वित्त वर्ष 2021 में सोने और चांदी के गहनों के रूप में बचत में गिरावट देखी गई है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की रिसर्च टीम की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह बचतकर्ताओं के बदलते व्यवहार को दर्शाता है.

NSO और SBI की रिसर्च के आंकड़ों से पता चलता है कि कोरोना महामारी के दौरान सोने और चांदी के गहनों के रूप में घरेलू बचत 2020-21 में गिरकर 38,444 करोड़ रुपये हो गई, जो 2019-20 में 43,136 करोड़ रुपये थी. 2018-19 में सोने की बचत गिरकर ₹42,673 करोड़ हो गई थी, जो 2017-18 में ₹46,665 करोड़ थी.
2017-18 – ₹46,665 करोड़
2018-19 – ₹42,673 करोड़
2019-20 – ₹43,136 करोड़
2020-21 – ₹38,444 करोड़

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कर्ज में हुई है बढ़ोतरी
31 जनवरी को NSO के आंकड़े जारी होने के साथ ही महामारी के दौरान घरेलू कर्ज में बढ़ोतरी की कहानी सामने आई है. जबकि कुल सकल वित्तीय बचत (Total Gross Financial Savings) में बड़े पैमाने पर उछाल आया. यह वित्त वर्ष 2021 में 7.1 लाख करोड़ रहा, जोकि किसी भी वित्तीय वर्ष में अब तक का सबसे अधिक है. कुल वित्तीय देनदारियों (Total Financial Liabilities) में ₹18,669 करोड़ की वृद्धि हुई है.

कोविड महामारी के बीच बचतकर्ताओं के व्यवहार में बदलाव का असर महंगाई पर पड़ रहा है. पीएफसीई (PFCE) डेटा के विश्लेषण से पता चलता है कि इसके चलते लोगों के उपभोग पैटर्न (Individuals’ Consumption Pattern) को भी काफी प्रभावित हुआ है.

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खाने-पीने पर खर्च किया, मगर ट्रांसपोर्ट पर नहीं
SBI की रिपोर्ट के अनुसार, खाद्य और गैर-मादक पेय (Food And Non-Alcoholic Drinks) की खपत में वित्त वर्ष 2021 में 3.5 लाख करोड़ की वृद्धि हुई थी. ट्रांसपोर्ट, कपड़े और जूते, रेस्तरां और होटल जैसी श्रेणियों पर खर्च में 6.1 लाख करोड़ की गिरावट आई है.

शेयर बाजार की तरफ हुआ रुझान
इस बीच, बीते सोमवार को जारी आर्थिक सर्वेक्षण 2022 ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत के लोग पूंजी बाजार (Capital Markets) में अधिक पैसा खर्च कर रहे हैं. इक्विटी कैश सेगमेंट (Equity Cash Segment) में खुदरा निवेशकों (Retail Investors) में वृद्धि हुई है और एनएसई (NSE) में कुल कारोबार में व्यक्तिगत निवेशकों की हिस्सेदारी अप्रैल-अक्टूबर 2021 की अवधि में 39% से बढ़कर 45% हो गई है.

सर्वेक्षण में कहा गया है कि 2020-21 और 2021-22 में व्यक्तिगत निवेशकों की हिस्सेदारी में हुई इस वृद्धि को आंशिक रूप से फरवरी 2020 के बाद देखे गए नए निवेशकों के रजिस्ट्रेशन में वृद्धि से जोड़ा जा सकात है. दूसरी ओर, पिछले वर्ष में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) द्वारा जुटाई गई धनराशि पिछले दशक में किसी भी वर्ष में बड़े अंतर से जुटाई गई राशि से अधिक रही है.

Tags: COVID 19, Gold, Saving

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