अब डोडा में फटा बादल: हाईवे पर यातायात बाधित, कई वाहन मिट्टी में धंसे, ITBP ने कहा- अमरनाथ से 15,000 लोगों को निकाला


अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने के बाद शनिवार सुबह जम्मू संभाग के डोडा जिले में बादलों ने भारी नुकसान पहुंचाया है। सुबह करीब चार बजे डोडा गुंटी वन क्षेत्र में बादल फटने से ठठरी के ठठरी कस्बे में बाढ़ आई। जनहानि की अभी तक कोई सूचना नहीं है। बादल फटने से कई वाहन मिट्टी में धंस गए हैं। साथ ही हाईवे पर यातायात भी बाधित हो गया है, जिसको खोलने का कार्य किया जा रहा है।  उधर, अमरनाथ पवित्र गुफा क्षेत्र के पास फंसे अधिकांश तीर्थयात्रियों को पंजतरणी में स्थानांतरित किया गया है। करीब 15,000 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। बादल फटने से प्रभावित क्षेत्र में भारतीय सेना का बचाव अभियान जारी है। लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के साथ ही सेना के जवान तीर्थयात्रियों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था में भी जुटे हैं।

अमरनाथ गुफा के पास पिछले 12 वर्षों में तीन बार अमरनाथ यात्रा के दौरान बादल फटने की घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन कभी भी इतनी तबाही नहीं हुई। ऐसा पहली बार हुआ है कि बादल फटने से इतने लोगों की जान चली गई और अब भी कई लापता हैं। अमरनाथ यात्रा में तैनात कुछ अफसरों ने बताया कि सब कुछ सामान्य चल रहा था। एकदम से एक आवाज आई और इतनी तबाही मच गई। 

 

जानकारी के अनुसार, साल 2010 में भी गुफा के पास बादल फटा था, लेकिन तब भी कोई नुकसान नहीं हुआ था। वर्ष 2021 में 28 जुलाई को गुफा के पास बादल फटने से तीन लोग इसमें फंस गए, जिन्हें बचा लिया गया था। इसमें कोई जानी नुकसान नहीं हुआ था। इस बार बादल फटने से बड़ा नुकसान हुआ है।

 

यात्रा में तैनात कुछ अफसरों ने बताया कि बादल फटने के बाद एकदम से पानी का बहाव आया। इसमें दो बड़े पहाड़ों का मलबा आ गया। मलबे में कई बड़े बड़े पत्थर थे, जिनकी वजह से इनकी चपेट में कई यात्री आ गए। यह एक मुख्य कारण था कि इतने लोगों की जान चली गई। 

 

अमरनाथ गुफा के पास फटे बादल से एक घंटे के भीतर इतनी बारिश हो गई, जितनी पांच घंटों में भी नहीं होती। यही नहीं गुफा के आसपास के कैंपों में भी बारिश नहीं हुई, लेकिन गुफा के ऊपर भारी बारिश हुई। इस बीच बादल फट गया और तबाही मच गई।  उन्होंने कहा, गुफा के आसपास कई कैंप हैं। पंचतरणी, शेषनाग और बालटाल जैसे कैंपों में भी इतनी बारिश नहीं हुई है। यहां तक कि बारिश हुई ही नहीं। गुफा के ऊपर एकदम से इस तरह की बारिश होना और इतनी तबाही होना काफी दुखद है।



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