13 जुलाई: सौरव गांगुली ने जब जर्सी उतारकर लॉर्ड्स में लहराई, युवी-कैफ का वो कमाल याद है?


नई दिल्ली. भारतीय क्रिकेट इतिहास में 13 जुलाई का दिन बेहद खास है. यही वो दिन है जब आज से 20 साल पहले सौरव गांगुली लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर खेले गए नैटवेस्ट सीरीज के फाइनल में जर्सी उतारकर चर्चा में आ गए थे. साल 2002 में नैटवेस्ट सीरीज का फाइनल मुकाबला लंदन के लॉर्ड्स मैदान पर खेला गया था. धुरंधर ऑलराउंडर युवराज सिंह और मोहम्मद कैफ ने लगभग असंभव सी नजर आ रही जीत को भारत के खाते में दर्ज कराया. इन दोनों की बदौलत ही भारत ने हारी हुई बाजी पलटकर जीत अपने नाम की थी.

युवी और कैफ का धमाल
13 जुलाई 2002 को को भारत और इंग्लैंड के बीच नैटवेस्ट सीरीज (India vs England NatWest Series Final 2002) खेला गया. टीम इंडिया की कप्तानी मौजूदा बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली कर रहे थे. क्रिकेट के मक्का कहे जाने वाले इस मैदान पर भारत ने 3 गेंद शेष रहते 2 विकेट से जीत दर्ज की. मैन ऑफ द मैच मोहम्मद कैफ चुने गए जिन्होंने 75 गेंदों पर 87 रन बनाए और नाबाद लौटे. युवराज सिंह ने भी 63 गेंदों पर 9 चौके और 1 छक्के की मदद से 69 रन बनाए. इस जीत के बाद ‘दादा’ से मशहूर गांगुली ने लॉर्ड्स की बालकनी में अपनी जर्सी उतारकर जश्न मनाया और यह भारतीय क्रिकेट के सबसे खास और यादगार दृश्यों में शामिल हो गया.

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326 रनों का मिला था लक्ष्य
सौरव गांगुली की कप्तानी में टीम इंडिया ने फाइनल में इंग्लैंड को उसी की सरजमीं पर हराकर नैटवेस्ट ट्रॉफी पर कब्जा जमाया. लॉर्ड्स में मेजबान टीम ने 5 विकेट पर 325 रनों का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया. कप्तान नासिर हुसैन और ओपनर मार्कस ट्रैसकोथिक ने शतक जमाए. मार्कस ने 100 गेंदों पर 7 चौकों और 2 छक्कों की बदौलत 109 रन बनाए जबकि हुसैन ने 128 गेंदों पर 10 चौके लगाते हुए 115 रन का योगदान दिया. दोनों ने दूसरे विकेट के लिए 185 रन जोड़े. भारत के लिए जहीर खान ने 3 विकेट अपने नाम किए जबकि आशीष नेहरा और अनिल कुंबले को 1-1 विकेट मिला.

भारत ने 146 रनों तक गंवाए 5 विकेट
326 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने 5 विकेट महज 146 रन पर खो दिए थे. ऐसे में बहुत से निराश दर्शकों ने टीवी सेट बंद कर दिया. धुरंधर ओपनर वीरेंदर सहवाग ने 45 तो कप्तान गांगुली ने 60 रन का योगदान दिया. दिनेश मोंगिया 9 जबकि दिग्गज सचिन तेंदुलकर 14 रन बनाकर आउट हुए. महान विकेटकीपर राहुल द्रविड़ 5 रन बनाकर पवेलियन लौटे. इसके बाद युवराज सिंह और मोहम्मद कैफ ने शानदार बल्लेबाज करते हुए टीम इंडिया को जीत दिलाई. दोनों ने संयमित अंदाज में बल्लेबाजी करते हुए छठे विकेट के लिए 121 रन जोड़े.

कैफ बने मैन ऑफ द मैच
मुकाबले में 7वें नंबर पर बल्लेबाजी को उतरे मोहम्मद कैफ ने इस यादगार मैच में नाबाद 87 रनों की पारी खेलकर भारत को इंग्लैंड पर ऐतिहासिक जीत दिलाई. कैफ और युवराज सिंह ने शानदार खेल दिखाया. जीत के हीरो मोहम्मद कैफ को करियर में पहली बार ‘मैन ऑफ द मैच’ बने. युवराज और कैफ की संयुक्त उम्र तब 41 साल थी.

फ्लिंटॉफ को ‘दादा’ ने दिया था जवाब
माना जाता है कि गांगुली ने जर्सी उतारकर एंड्रयू फ्लिंटॉफ को जवाब दिया था. उसी साल फ्लिंटॉफ ने मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में भारत के खिलाफ वनडे मैच में मिली जीत के बाद अपनी टी-शर्ट को हवा में लहराया था. इंग्लैंड के मैच जीतने के बाद तब वह सीरीज 3-3 से बराबर हुई थी, जिसके बाद फ्लिंटॉफ टी-शर्ट उतारकर मैदान पर घूमे थे.

कैफ ने साल 2018 में 13 जुलाई को ही लिया था संन्यास
कैफ के जिंदगी में यह दिन कितना यादगार है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने संन्यास के लिए भी इसी तारीख को चुना. कैफ ने साल 2018 में जब क्रिकेट से संन्यास का फैसला किया तो इसके ऐलान के लिए 13 जुलाई के दिन को चुना. उन्होंने संन्यास का ऐलान करते हुए लिखा था, ‘नैटवेस्ट ट्रॉफी में मिली जीत को 16 साल पूरे हो गए हैं और आज मैं संन्यास ले रहा हूं.’ गांगुली मौजूदा समय में बीसीसीआई के अध्यक्ष हैं जबकि कैफ कई अहम सीरीज में कमेंटेटर की भूमिका निभाते हैं.

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