एक रैंक एक पेंशन: बुधवार को फैसला सुनाएगी सुप्रीम कोर्ट, भारतीय पूर्व सैनिक आंदोलन ने दायर की थी याचिका 


न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Tue, 15 Mar 2022 09:46 PM IST

सार

इस याचिका पर 16 फरवरी की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि केंद्र ने ओआरओपी नीति का बढ़ा-चढ़ा कर बखान किया है। सशस्त्र बलों के पेंशन लाभार्थियों को असल में दिए गए लाभ के मुकाबले ‘कहीं अधिक गुलाबी’ तस्वीर पेश की गई है।

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भारतीय पूर्व सैनिक आंदोलन (इंडियन एक्स-सर्विसमैन मूवमेंट) की ओर से रक्षा बलों में ‘एक रैंक एक पेंशन’ पर दाखिल की गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार को फैसला सुनाएगी। अदालत ने पिछले महीने इस याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। 

न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, सूर्यकांत और विक्रम नाथ की पीठ ने फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा था कि जो भी फैसला लिया जाएगा वह वैचारिक आधार पर होगा न कि आंकड़ों पर। 

पीठ ने कहा था कि जब आप (केंद्र सरकार)नीति को पांच साल के बाद संशोधित करते हैं तो पांच साल के एरियर को ध्यान में नहीं रखा जाता है। पूर्व सैनिकों की कठिनाइयों को कुछ हद तक कम किया जा सकता है अगर इसे पांच वर्ष से कम कर दिया जाए।
 

विस्तार

भारतीय पूर्व सैनिक आंदोलन (इंडियन एक्स-सर्विसमैन मूवमेंट) की ओर से रक्षा बलों में ‘एक रैंक एक पेंशन’ पर दाखिल की गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार को फैसला सुनाएगी। अदालत ने पिछले महीने इस याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। 

न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, सूर्यकांत और विक्रम नाथ की पीठ ने फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा था कि जो भी फैसला लिया जाएगा वह वैचारिक आधार पर होगा न कि आंकड़ों पर। 

पीठ ने कहा था कि जब आप (केंद्र सरकार)नीति को पांच साल के बाद संशोधित करते हैं तो पांच साल के एरियर को ध्यान में नहीं रखा जाता है। पूर्व सैनिकों की कठिनाइयों को कुछ हद तक कम किया जा सकता है अगर इसे पांच वर्ष से कम कर दिया जाए।

 



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