‘जो क्लॉस में ना आए और ट्रेनिंग ना ले, उसे इंजीनियर नहीं कहा जा सकता’, पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट


Jobs

oi-Foziya Khan

|

Google Oneindia News

नई दिल्ली,22 जुलाई: देश में चलने वाले इंजीनियरिंग कॉलेजों की बात करें तो, इनकी तादात इतनी है कि हमें हर एक जिले में निजी इंजीनियरिंग कॉलेज मिल जाएंगे। इन कॉलेजों का दावा रहता है,आपको बिना कॉलेज आए घर बैठे डिग्री दिलाना। अगर आप डिस्टेन्स मोड से इंजीनियरिंग करने की सोच रहें तो सावधान हो जाएं। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय की ओर से ये कहा गया है कि “एक व्यक्ति जिसने शारीरिक (फिजिकल) रूप से कक्षाओं/पाठ्यक्रम में भाग नहीं लिया और व्यावहारिक प्रशिक्षण नहीं लिया है, उसे इंजीनियर नहीं कहा जा सकता है।” बता दें कि ऐसा हरियाणा उच्च न्यायालय ने तब कहा जब हरियाणा पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन में एक कर्मचारी को कार्यकारी इंजीनियर के पद पर रखा गया था। जिसने डिस्टेन्स मोड से सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की थी। इसी आदेश को रद्द करते हुए हरियाणा उच्च न्यायालय ने हरियाणा पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन (HPHC)को फटकार लगाई।

order

न्यायमूर्ति अनुपिंदर सिंह ग्रेवाल की पीठ ने कहा, “यह मानना मुश्किल है कि डिस्टेन्स मोड से पढ़ कर प्राप्त की गई इंजीनियरिंग की डिग्री, फिजिकल मोड से पढ़ कर प्राप्त की गई डिग्री के बराबर है। इंजीनियरिंग की पढ़ाई में सैद्धांतिक अवधारणाओं (theoretical concept) को पढ़ कर उनको बाद में प्रैक्टिकल रुप से भी अप्लाई कर के सिखा जाता है। उस ज्ञान को व्यवहार में लाया जाता है। अगर किसी व्यक्ति ने फिजिकल क्लास नहीं ली हैं। व्यावहारिक प्रशिक्षण नहीं किया है। वे इंजीनियर कहलाने के काबिल नही है। अगर हम ऐसे ही डिस्टेन्स मोड से की गई डिग्रियों को अपनाते रहें,तो वह दिन दूर नहीं जब एमबीबीएस की पढ़ाई डिस्टेन्स मोड करवाई जाएगी,जिसका परिणाम विनाशकारी होगा।”

PPSC Recruitment 2022:पीपीएससी ने कई पदों पर निकाली भर्ती,ऐसे करें आवेदनPPSC Recruitment 2022:पीपीएससी ने कई पदों पर निकाली भर्ती,ऐसे करें आवेदन

“मैं यह सोचकर कांपता हूं कि क्या कोई मरीज ऐसे डॉक्टर से इलाज कराना चाहेगा जिसने डिस्टेन्स मोड से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की हो। इंजीनियरों के कामों का महत्व बहुत अधिक है क्योंकि वे देश के बुनियादी ढांचे के निर्माण में शामिल हैं। ऐसे ही अगर वे ज्ञान की कमी से जुझते रहे तो नागरिकों की कीमती जानों को खतरा होगा। इसके साथ ही राज्य के खजाने को भी महंगा पड़ेगा। “

  • कर्नाटक HC के जज से सुप्रीम कोर्ट का अनुरोध, 3 दिन के लिए टाल दें सुनवाई, जानिए क्या है पूरा मामला
  • MP High Court: नहीं रोकी जा सकती प्रोविजनल पेंशन, पटवारी को मिलेगा बीते 6 सालों का लाभ
  • जोधपुर में नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट करने वाले मुंशी को मिली धमकी, आरोपी मुंशी गिरफ्तार
  • मप्र नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता के 37 हजार पेज गायब, हाईकोर्ट ने लगाई फटकार सरकार से माँगा जबाब
  • MP High Court: रेजिडेंट डॉक्टर की नियुक्ति का मामला, गांधी मेडिकल कॉलेज चिकित्सा शिक्षा विभाग को नोटिस
  • आंध्र प्रदेश: एक भी सरकारी स्कूल को नहीं किया जाएगा बंद, नाडु-नेडु पहल को मिली जबरदस्त प्रतिक्रिया
  • केंद्र सरकार के आदेशों को पलटने की मांग कर रहा ट्विटर, कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दाखिल
  • Karnataka HC: जस्टिस एचपी संदेश को मिली थी तबादले की धमकी , जानिए क्या है मामला?
  • ‘राम रहीम का हमशक्ल है’, HC ने फटकारते हुए खारिज की याचिका, कहा- ये फिल्म चल रही है क्या
  • केन्द्रीय कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी से मुक्त रखने हाईकोर्ट का आदेश, जबलपुर के 1 हजार कर्मियों को राहत
  • पंजाब के पूर्व CM चन्नी के भांजे की जमानत पर हाईकोर्ट में फैसला आज, ED को मिले थे करोड़ों रु.
  • ग्वालियर-चम्बल अंचल में कागजों में चल रहे 70 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता हुई निरस्त

English summary

‘He who does not appear in the class and does not take training, cannot be called an engineer’, Punjab-Haryana High Court

Story first published: Friday, July 22, 2022, 11:59 [IST]

Source link

Enable Notifications OK No thanks