बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Sat, 02 Apr 2022 03:06 PM IST
सार
Petrol-Diesel Price Hike In India: देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में तेजी लगातार जारी है। बीते 12 दिनों में तेल की कीमतों में दस दिन बढ़ोतरी की गई है। इस बीच इनके दाम में 7.20 रुपये की वृद्धि की जा चुकी है। गौरतलब है कि 137 दिनों तक स्थिर रहने के बाद 22 मार्च को दाम बढ़ाए गए थे और तब से ये सिलसिला जारी है।
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विस्तार
चार प्रमुख महानगरों में कीमतें
शनिवार को की गई बढ़ोतरी के बाद दिल्ली में पेट्रोल की कीमत अब 102.61 रुपये प्रति लीटर हो गई, जबकि डीजल 93.87 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है। मुंबई में पेट्रोल की कीमत 117.57 रुपये प्रति लीटर है, जबकि डीजल की कीमत 101.79 रुपये प्रति लीटर है। इसके अलावा कोलकाता में पेट्रोल का दाम 112.19 रुपये प्रति लीटर (84 पैसे बढ़ा) और डीजल 97.02 रुपये प्रति लीटर (80 पैसे बढ़ा) है। वहीं चेन्नई में पेट्रोल की कीमत 108.21 रुपये और डीजल की कीमत 98.28 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गई है।
कीमतों में तेजी पर लगाम नहीं
गौरतलब है कि बीती चार नवंबर 2021 दिवाली का तोहफा देते हुए सरकार ने उत्पाद शुल्क में कटौती की थी। पेट्रोल पर पांच रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर की उत्पाद शुल्क में कटौती के बाद जनता को राहत मिली थी। इसके बाद पहली वृद्धि 137 दिन या करीब साढ़े चार महीने तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई। लेकिन बीती 22 मार्च को पेट्रोल-डीजल के दामों में तेजी का जो सिसलिला शुरू हुआ वो लगातार जारी है। शनिवार को लगातार दसवीं बार तेल के दामों में वृद्धि की गई है। बता दें कि पहले से उम्मीद जताई जा रही थी कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद तेल की कीमतों में तेज बढ़ोतरी देखने को मिलेगी, जो सच साबित हुआ है।
कच्चे तेल की कीमतों का असर
बता दें कि कच्चे तेल की कीमतों में तेजी का असर साफतौर पर देश में पेट्रोल-डीजल के दाम में बढ़ोतरी के रूप में देखने को मिल रहा है। इसके लिए काफी हद तक रूस और यूक्रेन के बीच 38 दिनों से जारी भीषण युद्ध जिम्मेदार है। सप्लाई बाधित होने के कारण कच्चे तेल की कीमतों में आग लगी हुई है। बीती सात मार्च 2022 को ब्रेंट क्रूड तेज उछाल भरता हुआ 2008 के बाद के अपने सर्वकालिक उच्च स्तर 139 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया था। हालांकि, इसके बाद कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट देखने को मिली, लेकिन फिलहाल भी ये 100 डॉलर प्रति बैरल के पार बना हुआ है।
जल्द राहत की उम्मीद नहीं
पूर्व में आई रिपोर्टों की मानें तो पेट्रोल-डीजल की कीमतों में जारी तेजी से देश की जनता को जल्द राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। जेपी मॉर्गन ने अपनी रिपोर्ट में पहले कहा था कि तेल कंपनियों को सामान्य विपणन मार्जिन पर वापस जाने के लिए या अपने घाटे को कम करने के लिए खुदरा कीमतों में 9 रुपये प्रति लीटर या 10 प्रतिशत की वृद्धि करने की आवश्यकता है। इस रिपोर्ट में रूस-यूक्रेन जंग का हवाला देते हुए कहा गया था कि भारत में पेट्रोल और डीजल की घरेलू कीमतें 15 से 22 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ सकती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, उत्पाद शुल्क में कटौती से पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर असर कम हो सकता है, लेकिन केवल एक हद तक ही।