कुछ सालों में आए 100 से ज्यादा स्पेस स्टार्टअप्स, PM Modi ने की छात्रों की तारीफ


पीएम मोदी (PM Modi) ने रविवार को ‘मन की बात’ (Mann Ki Baat) का अपना 90वां एपिसोड पूरा किया, जिसमें उसने उन्होंने अंतरिक्ष क्षेत्र में भारतीय युवाओं की दिलचस्पी और विशाल प्रगति की बात की। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में देश में 100 से ज्यादा स्टार्टअप्स सामने आए हैं, जो स्पेस टेक्नोलॉजी में देश को आगे ले जाने का काम कर रहे हैं। 

Mann ki Baat में PM Modi ने कहा कि “कुछ साल पहले, लोगों ने अंतरिक्ष क्षेत्र में स्टार्टअप के बारे में कभी नहीं सोचा था, लेकिन आज इनकी संख्या 100 को पार कर गई है।” उन्होंने आगे यह भी कहा कि “बड़ी उपलब्धियों में से एक In-Space नाम की एजेंसी का निर्माण है, जो निजी क्षेत्र के लिए नए अवसरों को बढ़ावा दे रही है और पैदा कर रही है।”

युवाओं की प्रतिभा की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, “पहले युवा अंतरिक्ष क्षेत्र को एक गुप्त मिशन के रूप में समझते थे, लेकिन देश द्वारा अंतरिक्ष सुधार किए जाने के बाद, वही युवा अब अपने उपग्रह लॉन्च कर रहे हैं।” उन्होंने बताया कि देश भर के 750 से अधिक स्कूली छात्र अब अमृत महोत्सव में 75 छोटे उपग्रहों पर काम कर रहे हैं।

पीएम ने दो देसी स्टार्टअप- चेन्नई और हैदराबाद के Agnikul और Skyroot का भी जिक्र किया। ये स्टार्टअप ऐसे लॉन्च व्हीकल विकसित कर रहे हैं, जो छोटे पेलोड को अंतरिक्ष में ले जाने में सक्षम होंगे, जिससे लॉन्चिंग की लागत में काफी कमी आने का अनुमान है। इसके बाद उन्होंने Dhruva Space स्टार्टअप के बारे में बताया, जो सैटेलाइट ले जाने वाले एक्विपमेंट और सैटेलाइट के लिए हाई-टेक सौर पैनलों पर काम कर रहा है।

पीएम मोदी ने आगे एक अन्य अंतरिक्ष स्टार्टअप Digantara के तनवीर अहमद के बारे में बात की, जो अंतरिक्ष में कचरे को मैप करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने अपने शब्दों में कहा “मैंने उन्हें एक ऐसी तकनीक विकसित करने की चुनौती दी जो अंतरिक्ष मलबे के मुद्दे को हल करने में मदद करेगी।” मोदी ने कहा कि दिगंतारा और ध्रुव एयरोस्पेस दोनों 30 जून को ISRO के प्रक्षेपण यान (PSLV-C53 रॉकेट) द्वारा अपना पहला पेलोड लॉन्च करने जा रहे हैं।

पीएम आगे बोलते हैं “बेंगलुरू में एक अंतरिक्ष स्टार्टअप Astrome की संस्थापक नेहा एक अद्भुत विचार पर काम कर रही हैं। यह स्टार्टअप ऐसे फ्लैट एंटेना बना रहा है जो न सिर्फ छोटे होंगे बल्कि उनकी कीमत भी काफी कम होगी। इस तकनीक की मांग पूरी दुनिया में हो सकती है।” 

इसके बाद, मेहसाणा की स्कूली छात्रा तन्वी पटेल का जिक्र करते हुए मोदी ने बताया कि वह एक बहुत छोटे सैटेलाइट पर काम कर रही है, जिसे अगले कुछ महीनों में अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।

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