President Election 2022: राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को मिला एक और पार्टी का समर्थन, आज करेंगे नामांकन


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तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार य़शवंत सिन्हा को समर्थन देने का फैसला किया है। पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष  के टी रामाराव और मुख्यमंत्री केसीआर आज सिन्हा के नामांकन कार्यक्रम में भी शामिल होंगे।  बता दें कि कांग्रेस समेत 17 विपक्षी दलों ने यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए समर्थन देने का फैसला किया है। नामांकन के दौरान एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, माकपा नेता सीताराम येचुरी, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी समेत कई अन्य विपक्षी नेता भी मौजूद रहेंगे।

चुनाव से नाम वापस लेने का सवाल ही नहीं: यशवंत सिन्हा
राजग उम्मीदवार की स्पष्ट बढ़त पर सिन्हा ने दावा किया कि उन्हें कई अदृश्य ताकतों का समर्थन मिलेगा। उन्होंने कहा कि चुनाव से नाम वापस लेने का सवाल ही नहीं उठता है। इससे पहले उन्होंने वादा किया था कि यदि वह चुनाव जीते तो किसानों, कामगारों, बेरोजगार युवाओं, महिलाओं और हाशिये पर पड़े समाज के सभी वर्गों की आवाज को उठाएंगे। राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 18 जुलाई को कराया जाएगा और मतगणना 21 जुलाई को होगी।

राष्ट्रपति भवन में एक और रबड़ स्टांप आया तो विनाशकारी होगा : यशवंत सिन्हा
विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने रविवार को कहा कि अगले महीने होने वाला राष्ट्रपति चुनाव व्यक्तिगत मुकाबले से कहीं अधिक है और सरकार की तानाशाही प्रवृत्तियों का विरोध करने की दिशा में एक कदम है। सिन्हा ने कहा कि वह अपने बेटे एवं भाजपा सांसद जयंत सिन्हा का समर्थन नहीं मिलने को लेकर किसी ‘धर्म संकट’ में नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘मेरा बेटा अपने ‘राज धर्म’ का पालन करेगा और मैं अपने ‘राष्ट्र धर्म’ का पालन करूंगा। उन्होंने कहा, ‘यह चुनाव महज भारत के राष्ट्रपति के चुनाव से कहीं बढ़कर है। यह चुनाव सरकार की तानाशाही प्रवृत्तियों का विरोध करने की दिशा में एक कदम है। यह चुनाव भारत की जनता के लिए संदेश है कि इन नीतियों का विरोध होना चाहिए।”

यशवंत सिन्हा को जिताने के लिए करें कोशिश, बहकावे में न आएं: शरद पवार
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी दलों को अपने उम्मीदवार यशवंत सिन्हा की जीत सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि यदि कोई राष्ट्रपति चुनाव के अंकगणित पर नजर डालें तो स्थिति उतनी खराब नहीं है, जितनी बताई जा रही है और विपक्षी दलों को अच्छी लड़ाई लड़ने के लिए ठोस प्रयास करने होंगे। पवार ने कहा, ‘जब हम चुनाव लड़ते हैं, तो हम जीतने के लिए लड़ते हैं। जब दो उम्मीदवार हों, तो दोनों जीत नहीं सकते। प्रत्येक उम्मीदवार के लिए स्थिति अलग है। यह मुकाबला सिद्धांतों के बारे में है। हमने यशवंत सिन्हा को अपने साझा उम्मीदवार के रूप में चुना है और उनकी जीत सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करना हमारी जिम्मेदारी है। परिणाम कुछ भी हो, हम इसके बारे में बाद में बात कर सकते हैं।’

एनसीपी प्रमुख की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब वाईएसआर कांग्रेस पार्टी और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) जैसे कुछ विपक्षी दलों ने पहले ही 18 जुलाई के चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने की घोषणा कर दी है।

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तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार य़शवंत सिन्हा को समर्थन देने का फैसला किया है। पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष  के टी रामाराव और मुख्यमंत्री केसीआर आज सिन्हा के नामांकन कार्यक्रम में भी शामिल होंगे।  बता दें कि कांग्रेस समेत 17 विपक्षी दलों ने यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए समर्थन देने का फैसला किया है। नामांकन के दौरान एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, माकपा नेता सीताराम येचुरी, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी समेत कई अन्य विपक्षी नेता भी मौजूद रहेंगे।

चुनाव से नाम वापस लेने का सवाल ही नहीं: यशवंत सिन्हा

राजग उम्मीदवार की स्पष्ट बढ़त पर सिन्हा ने दावा किया कि उन्हें कई अदृश्य ताकतों का समर्थन मिलेगा। उन्होंने कहा कि चुनाव से नाम वापस लेने का सवाल ही नहीं उठता है। इससे पहले उन्होंने वादा किया था कि यदि वह चुनाव जीते तो किसानों, कामगारों, बेरोजगार युवाओं, महिलाओं और हाशिये पर पड़े समाज के सभी वर्गों की आवाज को उठाएंगे। राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 18 जुलाई को कराया जाएगा और मतगणना 21 जुलाई को होगी।

राष्ट्रपति भवन में एक और रबड़ स्टांप आया तो विनाशकारी होगा : यशवंत सिन्हा

विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने रविवार को कहा कि अगले महीने होने वाला राष्ट्रपति चुनाव व्यक्तिगत मुकाबले से कहीं अधिक है और सरकार की तानाशाही प्रवृत्तियों का विरोध करने की दिशा में एक कदम है। सिन्हा ने कहा कि वह अपने बेटे एवं भाजपा सांसद जयंत सिन्हा का समर्थन नहीं मिलने को लेकर किसी ‘धर्म संकट’ में नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘मेरा बेटा अपने ‘राज धर्म’ का पालन करेगा और मैं अपने ‘राष्ट्र धर्म’ का पालन करूंगा। उन्होंने कहा, ‘यह चुनाव महज भारत के राष्ट्रपति के चुनाव से कहीं बढ़कर है। यह चुनाव सरकार की तानाशाही प्रवृत्तियों का विरोध करने की दिशा में एक कदम है। यह चुनाव भारत की जनता के लिए संदेश है कि इन नीतियों का विरोध होना चाहिए।”

यशवंत सिन्हा को जिताने के लिए करें कोशिश, बहकावे में न आएं: शरद पवार

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी दलों को अपने उम्मीदवार यशवंत सिन्हा की जीत सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि यदि कोई राष्ट्रपति चुनाव के अंकगणित पर नजर डालें तो स्थिति उतनी खराब नहीं है, जितनी बताई जा रही है और विपक्षी दलों को अच्छी लड़ाई लड़ने के लिए ठोस प्रयास करने होंगे। पवार ने कहा, ‘जब हम चुनाव लड़ते हैं, तो हम जीतने के लिए लड़ते हैं। जब दो उम्मीदवार हों, तो दोनों जीत नहीं सकते। प्रत्येक उम्मीदवार के लिए स्थिति अलग है। यह मुकाबला सिद्धांतों के बारे में है। हमने यशवंत सिन्हा को अपने साझा उम्मीदवार के रूप में चुना है और उनकी जीत सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करना हमारी जिम्मेदारी है। परिणाम कुछ भी हो, हम इसके बारे में बाद में बात कर सकते हैं।’

एनसीपी प्रमुख की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब वाईएसआर कांग्रेस पार्टी और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) जैसे कुछ विपक्षी दलों ने पहले ही 18 जुलाई के चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने की घोषणा कर दी है।



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