President Election : कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू को वोट दिया, जानें क्यों हुई क्रॉस वोटिंग, क्या पड़ेगा इसका असर?


16वें राष्ट्रपति चुनाव के लिए सोमवार को मतदान हुआ। इसमें 99 प्रतिशत से अधिक सांसदों और विधायकों ने वोट डाला। चुनाव में भाजपा की अगुआई वाले एनडीए के तरफ से द्रौपदी मुर्मू और विपक्ष की ओर से यशवंत सिन्हा प्रत्याशी हैं। 

वोटिंग के बाद अब एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू की जीत और अधिक पुख्ता होती नजर आ रही है। मुर्मू के पक्ष में विपक्ष के कई विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। समाजवादी पार्टी, एनसीपी, कांग्रेस जैसे दलों के विधायकों ने मुर्मू को वोट कर दिया। कई विधायकों ने खुलकर इसे जाहिर भी किया।  

आइए जानते हैं कि राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग का क्या मतलब है? क्या ऐसा करने वाले सदस्यों के खिलाफ पार्टी कोई एक्शन ले सकती है? 

 

मुर्मू के समर्थन में 27 से ज्यादा दल थे

द्रौपदी मुर्मू को कुल 27 से ज्यादा दलों का समर्थन मिला था। इनमें एनडीए के अलावा विपक्ष के कई दल शामिल थे। मुर्मू आदिवासी परिवार से आती हैं। ऐसे में उन्हें ज्यादा दलों का साथ मिला। खासतौर पर दक्षिण भारत के राज्यों के विपक्षी दलों ने चुनाव से पहले ही मुर्मू के समर्थन में वोट देने का एलान कर दिया था। 

इनमें वाईएसआर कांग्रेस, बीजद जैसे बड़े दल भी शामिल थे। इसके अलावा शिरोमणि अकाली दल, बहुजन समाज पार्टी, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट ने भी मुर्मू के समर्थन में वोट डालने का एलान किया था। वहीं, विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के पास सिर्फ 14 दलों का समर्थन था। 

 

देशभर में सांसदों-विधायकों के वोटों का मूल्य कितना?

देशभर के सभी विधायकों के वोट की कीमत का जोड़ 5,43,231 है। राज्यसभा के 233 और लोकसभा के 543 सासंदों के वोट की कीमत का जोड़ 5,43,200 776 है। विधायकों और सांसदों के कुल वोट की कीमत को मिलाकर ‘इलेक्टोरल कॉलेज’कहा जाता है।  यह संख्या 10,86,431 होती है। इस तरह जीत के लिए आधे से एक वोट की ज्यादा जरूरत होती है। मतलब उम्मीदवार को जीत के लिए कम से कम पांच लाख 43 हजार 216 वोट चाहिए होंगे। 

 

दो लाख से ज्यादा मतों से जीत सकती हैं मुर्मू

जिन पार्टियों की तरफ से मुर्मू को समर्थन मिला है, उनमें सत्तासीन एनडीए के 3.08 लाख वोट, बीजद के 32 हजार वोट, एआईएडीएमके के 17,200 वोट, वाईएसआर कांग्रेस के 44,000 वोट, टीडीपी के 6500 वोट, शिवसेना के 25,000 वोट, जेडीएस के 5600 वोट शामिल हैं। इसके अलावा झामुमो, सुभासपा समेत अन्य दलों के वोट जोड़ दें तो मुर्मू के पास करीब 6.67 लाख वैल्यू से ज्यादा के वोट हैं। 

ये आंकड़ा जीतने के लिए जरूरी संख्या से करीब डेढ़ लाख ज्यादा है। मुर्मू के पक्ष में विपक्ष के कई सदस्यों ने क्रॉस वोटिंग भी की है। इस तरह से मुर्मू की जीत का आंकड़े का अंतर दो लाख से अधिक हो सकता है। आगे जानिए कहां-कहां हुई क्रॉस वोटिंग? 

 

उत्तर प्रदेश : समाजवादी पार्टी में लगाई सेंध

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को समर्थन देने का एलान किया था। इसके लिए उन्होंने विधायकों और सांसदों के साथ बैठक भी की थी। इसके बाद भी सपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीते शिवपाल सिंह यादव ने एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को वोट दिया। शिवपाल के अलावा भी कुछ सपा विधायकों के क्रॉस वोटिंग की चर्चा दिनभर होती रही। हालांकि, इसका पता 21 जुलाई को वोटिंग के बाद चलेगा। 

 



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