क्या है धन शोधन निवारण अधिनियम?
जब अवैध या गैरकानूनी तरीके से प्राप्त की गई कमाई के सोर्स को छिपाने के लिए कानूनी माध्यमों का सहारा लिया जाता है तो वह मनी लॉन्ड्रिंग कहलाती है। मनी लॉन्ड्रिंग एक अपराक्ष है और जब गलत तरीके से की गई कमाई को सही बनाने का प्रयास किया जाता है तो वह मनी लॉन्ड्रिंग की कैटेगरी में आता है। इसे रोकने के लिए 2002 में देश में एक कानून बनाया गया था जिसे धन शोधन निवारण अधिनियम (Prevention Of Money Laundering Act) का नाम दिया गया।
धन शोधन निवारण अधिनियम सरकार या पब्लिक अथॉरिटी को इस बात की शक्ति देता है कि वह अवैध रूप से प्राप्त की गई आय से अर्जित संपत्ति को जब्त कर सके। अवैध हथियारों, ड्रग्स की तस्करी और वेश्यावृत्ति से एक बड़ी मात्रा में धन प्राप्त किया जा सकता है। जो भी इन अवैध कारकों से प्राप्त किए गए धन को यदि कोई सही रास्ते से प्राप्त किया हुआ धन बताता है तो उसे भी मनी लॉन्ड्रिंग का दोषी माना जाएगा।
इन उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए बनाया गया है अधिनियम
1- इस एक्ट का सबसे पहला ऑब्जेक्टिव मनी लॉन्ड्रिंग को रोकना है।
2- दूसरा उद्देश्य की बात की जाए तो धन को अवैध गतिविधियों और आर्थिक अपराधों में लगाने से रोकना इसका दूसरा ऑब्जेक्टिव है।
3- मनी लॉन्ड्रिंग से प्राप्त या इसमें शामिल/इस्तेमाल की गई संपत्ति की जब्ती के लिए प्रावधान किया जाए।
इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि अधिक धन और किसी क्राइम को करने के बाद धन की प्राप्ति करना हमेशा मनी लॉन्ड्रिंग की कैटेगरी में शामिल नहीं होता। यह अक्सर धन के दुरुपयोग के रूप में जाना जाता है।
इन तरीकों से की जाती है मनी लॉन्ड्रिंग
हवाला, बल्क कैश स्मगलिंग, फिक्शनल लोन, कैश-इंटेंसिव बिजनेस, राउंड-ट्रिपिंग, ट्रेड-बेस्ड लॉन्ड्रिंग, शेल कंपनियां और ट्रस्ट, रियल एस्टेट, जुआ और नकली इनवॉइसिंग मनी लॉन्ड्रिंग के कुछ सामान्य तरीके हैं।
किया गया है इस सजा का प्रावधान
यदि कोई मनी लॉन्ड्रिंग अपराध का दोषी पाया जाता है तो गलत तरीके से प्राप्त संपत्ति को जब्त कर सीज कर दिया जाएग। साथ ही इस एक्ट में दोषी के लिए सजा का प्रावधान भी किया गया है। जिसके अनुसार यदि कोई भी व्यक्ति जो मनी लॉन्ड्रिंग का अपराध करता है उसे
कम से कम तीन साल की जेल हो सकती है और इस अवधि को सात साल तक बढ़ाया भी जा सकता है।