Railways Travel Insurance : महज कुछ पैसे में होता है यह बीमा, 10 लाख का मिलता है कवर


नई दिल्‍ली. भारत में हर दिन लाखों लोग ट्रेन से यात्रा करते हैं. सफर को बेहद सुविधाजनक और सस्ता माना जाता है. भारतीय रेल नेटवर्क दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्कों में शामिल है. यात्रियों की सुविधाओं और सुरक्षा के लिए रेलवे लगातार कदम उठाता रहता है. रेलवे ट्रैवल इंश्‍योरेंस (Railways Travel Insurance)  भी एक ऐसी सुविधा है, जिसका फायदा रेलयात्री महज कुछ पैसे देकर उठा सकते हैं. ट्रेन दुर्घटना होने पर रेल इंश्‍योरेंस बहुत काम आता है.

रेलवे ट्रैवल इंश्‍योरेंस उन यात्रियों को मिलता है जो ऑनलाइन रेल टिकट बुक करते हैं. लेकिन, बहुत कम लोग ही रेलवे ट्रैवल इंश्‍योरेंस का ऑप्‍शन चुनते हैं. इस इंश्‍योरेंस के फायदों की जानकारी न होने के कारण वे इसकी उपेक्षा करते हैं. इस इंश्‍यारेंस से रेल यात्रा में होने वाले नुकसान की भरपाई बीमा कंपनी करती है. इसमें 10 लाख रुपये तक का कवर मिलता है.

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ऐसे खरीदें इंश्‍योरेंस
एक व्‍यक्ति जब ऑनलाइन रेलवे टिकट बुकिंग करता है तो वेबसाइट पर रेलवे ट्रैवल इंश्‍योरेंस का आप्‍शन आता है. अगली बार जब आप टिकट बुक करें तो इंश्‍योरेंस ऑप्‍शन को जरूर चुने. इंश्‍योरेंस के लिए आपसे बस कुछ पैसे ही लिए जाएंगे. जब इंश्‍योरेंस आप इंश्‍योरेंस ऑप्‍शन को चुनेंगे तो आपकी ई-मेल आईडी (Email ID) और मोबाइल नंबर पर एक लिंक आएगा. यह लिंक बीमा करने वाली कंपनी का होता है. इस लिंक पर जाकर आप वहां नॉमिनी की डिटेल (Nominee Details) जरूर भरें. बीमा पॉलिसी में नॉमिनी होने पर ही बीमा क्लेम (Insurance Claim) मिलता है.

इतना मिलेगा क्‍लेम
रेलवे ट्रैवल इंश्‍योरेंस रेल दुर्घटना होने पर बहुत काम आता है. बीमा कंपनी यात्री को हुए नुकसान की भरपाई करती है. ट्रेन के दुर्घटनाग्रस्‍त होने पर यात्री को हुई हानि के अनुसार ही बीमा राशि मिलती है. रेलवे एक्सीडेंट में यात्री की मृत्यु हो जाने पर 10 लाख रुपये बीमा राशि के रूप में मिलते हैं. अगर दुर्घटना में रेलयात्री (Railway Passenger)  पूरी तरह विकलांग हो जाता है तो उसे 10 लाख रुपए मिलते हैं. वहीं, आंशिक तौर पर स्‍थाई विकलांगता होने पर 7.5 लाख रुपये बीमा कंपनी रेलयात्री को देती है. घायल होने पर 2 लाख रुपये अस्‍पताल खर्च के रूप में मिलते हैं. रेलयात्री की मृत्‍यु होने पर पार्थिव शरीर के ट्रांसपोर्टेशन के लिए 10 हजार रुपये भी बीमा कंपनी देती है.

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नॉमिनी होना जरूरी
रेल दुर्घटना होने पर वह व्यक्ति, नॉमिनी या उसका उत्तराधिकारी बीमा क्लेम कर सकता है. इसके लिए वह इंश्योरेंस कंपनी (Insurance Claim)  के ऑफिस में जाकर बीमा के लिए क्‍लेम आवेदन फाइल कर सकता है.  इसके लिए कुछ कागजी कार्रवाई करनी पड़ती है. ट्रेन एक्सीडेंट के 4 महीने के अंदर बीमा का दावा किया जा सकता है.

Tags: Indian Railways, Insurance

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