Rajya Sabha Election: भाजपा घटी, कांग्रेस को उम्मीद से कम फायदा, राज्यसभा चुनाव का पार्टियों पर क्या हुआ असर?


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राज्यसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। सभी पार्टियां अपनी जीत हार के मंथन में जुट गई हैं। भाजपा की सीटें घटी हैं लेकिन इसके बाद भी वह फायदे में है। वहीं, कांग्रेस की सीटें बढ़ी हैं, लेकिन उम्मीद से कम। सपा सहयोगियों को साधने में सिकुड़ गई। आम आदमी पार्टी के अब सदन में 10 सासंद हो जाएंगे।  इन नतीजों सीधा असर अगले महीने होने वाले राष्ट्रपति चुनाव पड़ेगा। 

नतीजे के बाद घट गईं भाजपा की सीटें

राज्यसभा में इस वक्त भाजपा के पास कुल 95 सीटें हैं। इनमें से 25 सीटों पर चुनाव हुआ। चुनाव के बाद भाजपा की तीन सीटें कम हो जाएंगी। अब सदन में भाजपा सांसदों की संख्या घटकर 92 हो जाएगी। इसके बाद भी भाजपा फायदे में रही है। महाराष्ट्र और कर्नाटक में मौजूदा संख्या बल के हिसाब से उसे एक-एक सीट का फायदा हुआ है। वहीं, हरियाणा में भाजपा समर्थित निर्दलीय की जगह फिर से भाजपा समर्थित निर्दलीय के जीतने पर भी भाजपा फायदे में रही है।  

कांग्रेस की सीटें बढ़ीं, लेकिन उम्मीद से कम

कांग्रेस को नौ सीटों पर जीतने में सफल रही। उसे सबसे ज्यादा तीन सीटें राजस्थान, दो सीटें छत्तीसगढ़ और एक-एक सीट मध्य प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में मिलीं। जिन सीटों पर चुनाव हुआ उनमें से सात फिलहाल कांग्रेस के पास थीं। इस लिहाज से उसे दो सीटों का फायदा हुआ है।

 हालांकि, ये फायदा उम्मीद के मुताबिक नहीं है। बेहतर मैनेजमेंट के जरिए पार्टी कम से कम दो सीटें और जीत सकती थी। हरियाणा में जहां उसे अपने ही विधायक की बगावत ने एक सीट से वंचित कर दिया तो कर्नाटक में जेडीएस के साथ तालमेल नहीं होने से नुकसान हुआ।  

सहयोगियों को साधने में सिकुड़ी सपा

सपा को इस चुनाव में केवल एक सीट मिली। नए सदस्यों के शपथ लेने के बाद उसकी दो सीटें कम हो जाएंगी। हालांकि, ये संख्या तीन बनी रहती अगर सपा सहयोगियों को साधने के लिए दो सीटें नहीं देती। यूपी में सपा तीन सीटें मिलनी तय थी। इसमें से एक सीट उसने अपने सहयोगी रालोद को तो एक सीट निर्दलीय कपिल सिब्बल को दे दी।   

वाईएसआर को सबसे ज्यादा फायदा, आप भी दहाई में पहुंची

इन चुनावों में सबसे ज्यादा सीटें वाईएसआर कांग्रेस की बढ़ीं है। आंध्र प्रदेश की चारों सीट पर उसे जीत मिली। चुनाव से पहले उसके पास इनमें से केवल एक सीट थी। यानीं, उसे तीन सीटों का फायदा हुआ है। आम आदमी पार्टी को दो सीटों का फायदा हुआ है। राज्यसभा में उसकी कुल सीटें अब 10 हो जाएंगी। 

किस राज्य में किसे कितनी सीटें?

 

राज्य

कितनी सीटों पर चुनाव

किसे कितनी सीटें

यूपी

11

भाजपा: 8, सपा: 1, रालोद: 1, निर्दलीय: 1

महाराष्ट्र

6

भाजपा: 3, कांग्रेस: 1, शिवसेना: 1, एनसीपी: 1

तमिलनाडु

6

डीएमके: 3, एआईएडीएमके: 2 और कांग्रेस: 1

बिहार

5

भाजपा: 2, राजद: 2, जदयू: 1 

राजस्थान

4

कांग्रेस: 3, भाजपा:1

कर्नाटक

4

भाजपा: 3, कांग्रेस: 1

आंध्र प्रदेश 

4

वाईएसआर कांग्रेस: 4

मध्य प्रदेश

3

भाजपा: 2, कांग्रेस: 1

ओडिशा

3

बीजद:  3

हरियाणा

2

भाजपा: 1, निर्दलीय: 1

तेलंगाना

2

टीआरएस:  2

छत्तीसगढ़

2

कांग्रेस: 2

पंजाब

2

आप: 2

झारखंड

2

झामुमो: 1, भाजपा: 1

उत्तराखंड 

1

भाजपा: 1 

 

55 सांसदों का कार्यकाल खत्म हो रहा, दो सीटें पहले से खाली थीं

जिन 57 सीटों पर चुनाव की प्रक्रिया संपन्न हुई है उनमें 55 सीटें ऐसी हैं जिनमें सांसदों के कार्यकाल जून से अगस्त तक खत्म हो रहा है। दो सीटें पिछले कुछ समय से खाली पड़ी थीं। इनमें कर्नाटक और बिहार की एक-एक सीट है। कर्नाटक में कांग्रेस सांसद रहे ऑस्कर फर्नाडीज के निधन से एक सीट खाली थी। वहीं, बिहार में जदयू सांसद रहे शरद यादव को अयोग्य ठहराए जाने के कारण एक सीट पर चुनाव हुआ। 

चुनाव के बाद भी 11 सीटें क्यों खाली रह गई हैं?

फिलहाल 13 सीटें खाली पड़ी हैं। इनमें से दो सीटों पर चुनाव सम्पन्न हो गया। बाकी 11 सीटों में से सात सीटें मनोनीत सदस्यों की हैं। सरकार की सिफारिश पर जल्द ही राष्ट्रपति इन सीटों पर सदस्यों का मनोनयन कर सकते हैं। 

चार सीटें इसके बाद भी खाली रह जाएंगी। ये सीटें जम्मू-कश्मीर के कोटे की हैं। जहां अनुच्छेद 370 के हटने के बाद विधानसभा भंग चल रही है। चुनाव आयोग की ओर से नए सिरे से परिसीमन हो चुका है और नई विधानसभा के गठन को लेकर प्रक्रिया जारी है। जब तक नई विधानसभा गठित नहीं हो जाती तब तक ये चार राज्यसभा सीटें खाली ही रहेंगी। 

भाजपा को कुल 22 तो कांग्रेस को मिलीं नौ सीटें

राज्यसभा के लिए कुल 15 राज्यों की 57 सीटों पर चुनाव हुए। इनमें से 11 राज्यों की 41 सीटों पर निर्विरोध निर्वाचन तीन जून को ही हो गया था। सभी 57 सीटों के नतीजे आने के बाद दलगत सीटों की बात करें तो सबसे ज्यादा 22 सीटें भाजपा को मिलीं। 

कांग्रेस को नौ, वाईएसआर कांग्रेस को चार, बीजद और डीएमके को तीन-तीन सीटें मिलीं। आप, एआईएडीमके, राजद, टीआरएस दो-दो सीटें जीतने में सफल रहे। जदयू, झामुमो, शिवसेना, एनसीपी, सपा और रालोद के खाते में एक-एक सीट गई। दो निर्दलीय भी जीतने में सफल रहे। इनमें से एक सपा के समर्थन से तो एक को भाजपा के समर्थन से जीत मिली।

विस्तार

राज्यसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। सभी पार्टियां अपनी जीत हार के मंथन में जुट गई हैं। भाजपा की सीटें घटी हैं लेकिन इसके बाद भी वह फायदे में है। वहीं, कांग्रेस की सीटें बढ़ी हैं, लेकिन उम्मीद से कम। सपा सहयोगियों को साधने में सिकुड़ गई। आम आदमी पार्टी के अब सदन में 10 सासंद हो जाएंगे।  इन नतीजों सीधा असर अगले महीने होने वाले राष्ट्रपति चुनाव पड़ेगा। 

नतीजे के बाद घट गईं भाजपा की सीटें

राज्यसभा में इस वक्त भाजपा के पास कुल 95 सीटें हैं। इनमें से 25 सीटों पर चुनाव हुआ। चुनाव के बाद भाजपा की तीन सीटें कम हो जाएंगी। अब सदन में भाजपा सांसदों की संख्या घटकर 92 हो जाएगी। इसके बाद भी भाजपा फायदे में रही है। महाराष्ट्र और कर्नाटक में मौजूदा संख्या बल के हिसाब से उसे एक-एक सीट का फायदा हुआ है। वहीं, हरियाणा में भाजपा समर्थित निर्दलीय की जगह फिर से भाजपा समर्थित निर्दलीय के जीतने पर भी भाजपा फायदे में रही है।  

कांग्रेस की सीटें बढ़ीं, लेकिन उम्मीद से कम

कांग्रेस को नौ सीटों पर जीतने में सफल रही। उसे सबसे ज्यादा तीन सीटें राजस्थान, दो सीटें छत्तीसगढ़ और एक-एक सीट मध्य प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में मिलीं। जिन सीटों पर चुनाव हुआ उनमें से सात फिलहाल कांग्रेस के पास थीं। इस लिहाज से उसे दो सीटों का फायदा हुआ है।

 हालांकि, ये फायदा उम्मीद के मुताबिक नहीं है। बेहतर मैनेजमेंट के जरिए पार्टी कम से कम दो सीटें और जीत सकती थी। हरियाणा में जहां उसे अपने ही विधायक की बगावत ने एक सीट से वंचित कर दिया तो कर्नाटक में जेडीएस के साथ तालमेल नहीं होने से नुकसान हुआ।  

सहयोगियों को साधने में सिकुड़ी सपा

सपा को इस चुनाव में केवल एक सीट मिली। नए सदस्यों के शपथ लेने के बाद उसकी दो सीटें कम हो जाएंगी। हालांकि, ये संख्या तीन बनी रहती अगर सपा सहयोगियों को साधने के लिए दो सीटें नहीं देती। यूपी में सपा तीन सीटें मिलनी तय थी। इसमें से एक सीट उसने अपने सहयोगी रालोद को तो एक सीट निर्दलीय कपिल सिब्बल को दे दी।   

वाईएसआर को सबसे ज्यादा फायदा, आप भी दहाई में पहुंची

इन चुनावों में सबसे ज्यादा सीटें वाईएसआर कांग्रेस की बढ़ीं है। आंध्र प्रदेश की चारों सीट पर उसे जीत मिली। चुनाव से पहले उसके पास इनमें से केवल एक सीट थी। यानीं, उसे तीन सीटों का फायदा हुआ है। आम आदमी पार्टी को दो सीटों का फायदा हुआ है। राज्यसभा में उसकी कुल सीटें अब 10 हो जाएंगी। 

किस राज्य में किसे कितनी सीटें?

 

राज्य

कितनी सीटों पर चुनाव

किसे कितनी सीटें

यूपी

11

भाजपा: 8, सपा: 1, रालोद: 1, निर्दलीय: 1

महाराष्ट्र

6

भाजपा: 3, कांग्रेस: 1, शिवसेना: 1, एनसीपी: 1

तमिलनाडु

6

डीएमके: 3, एआईएडीएमके: 2 और कांग्रेस: 1

बिहार

5

भाजपा: 2, राजद: 2, जदयू: 1 

राजस्थान

4

कांग्रेस: 3, भाजपा:1

कर्नाटक

4

भाजपा: 3, कांग्रेस: 1

आंध्र प्रदेश 

4

वाईएसआर कांग्रेस: 4

मध्य प्रदेश

3

भाजपा: 2, कांग्रेस: 1

ओडिशा

3

बीजद:  3

हरियाणा

2

भाजपा: 1, निर्दलीय: 1

तेलंगाना

2

टीआरएस:  2

छत्तीसगढ़

2

कांग्रेस: 2

पंजाब

2

आप: 2

झारखंड

2

झामुमो: 1, भाजपा: 1

उत्तराखंड 

1

भाजपा: 1 

 

55 सांसदों का कार्यकाल खत्म हो रहा, दो सीटें पहले से खाली थीं

जिन 57 सीटों पर चुनाव की प्रक्रिया संपन्न हुई है उनमें 55 सीटें ऐसी हैं जिनमें सांसदों के कार्यकाल जून से अगस्त तक खत्म हो रहा है। दो सीटें पिछले कुछ समय से खाली पड़ी थीं। इनमें कर्नाटक और बिहार की एक-एक सीट है। कर्नाटक में कांग्रेस सांसद रहे ऑस्कर फर्नाडीज के निधन से एक सीट खाली थी। वहीं, बिहार में जदयू सांसद रहे शरद यादव को अयोग्य ठहराए जाने के कारण एक सीट पर चुनाव हुआ। 

चुनाव के बाद भी 11 सीटें क्यों खाली रह गई हैं?

फिलहाल 13 सीटें खाली पड़ी हैं। इनमें से दो सीटों पर चुनाव सम्पन्न हो गया। बाकी 11 सीटों में से सात सीटें मनोनीत सदस्यों की हैं। सरकार की सिफारिश पर जल्द ही राष्ट्रपति इन सीटों पर सदस्यों का मनोनयन कर सकते हैं। 

चार सीटें इसके बाद भी खाली रह जाएंगी। ये सीटें जम्मू-कश्मीर के कोटे की हैं। जहां अनुच्छेद 370 के हटने के बाद विधानसभा भंग चल रही है। चुनाव आयोग की ओर से नए सिरे से परिसीमन हो चुका है और नई विधानसभा के गठन को लेकर प्रक्रिया जारी है। जब तक नई विधानसभा गठित नहीं हो जाती तब तक ये चार राज्यसभा सीटें खाली ही रहेंगी। 

भाजपा को कुल 22 तो कांग्रेस को मिलीं नौ सीटें

राज्यसभा के लिए कुल 15 राज्यों की 57 सीटों पर चुनाव हुए। इनमें से 11 राज्यों की 41 सीटों पर निर्विरोध निर्वाचन तीन जून को ही हो गया था। सभी 57 सीटों के नतीजे आने के बाद दलगत सीटों की बात करें तो सबसे ज्यादा 22 सीटें भाजपा को मिलीं। 

कांग्रेस को नौ, वाईएसआर कांग्रेस को चार, बीजद और डीएमके को तीन-तीन सीटें मिलीं। आप, एआईएडीमके, राजद, टीआरएस दो-दो सीटें जीतने में सफल रहे। जदयू, झामुमो, शिवसेना, एनसीपी, सपा और रालोद के खाते में एक-एक सीट गई। दो निर्दलीय भी जीतने में सफल रहे। इनमें से एक सपा के समर्थन से तो एक को भाजपा के समर्थन से जीत मिली।



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