Ram Mandir: परकोटे में होंगे चार दरवाजे, नवंबर से शुरू होगा निर्माण, 70 फीसदी भाग में होगी लैंडस्केपिंग


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राममंदिर निर्माण समिति एवं श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की दो दिवसीय बैठक शुक्रवार को समाप्त हो गई। बैठक में मंदिर समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने निर्माण कार्यों की समीक्षा की। रामजन्मभूमि परिसर के 70 फीसदी भाग में लैंडस्केपिंग सहित परकोटा के निर्माण को लेकर चर्चा हुई। बैठक में भक्तों के लिए सुविधाएं विकसित करने का काम तेज करने पर सहमति बनी है। राममंदिर परिसर के आठ एकड़ में बनने वाले परकोटा में चार दरवाजे होंगे। निर्माण का काम नवंबर से शुरू होने की संभावना है।

सर्किट हाउस में राममंदिर निर्माण समिति की दूसरे दिन की बैठक शुक्रवार सुबह 10 बजे से शुरू हुई। बैठक के बाद ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि हमने अयोध्या धाम की विभिन्न योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण किया है। अयोध्या में जो योजनाएं चल रही हैं, तीर्थयात्रियों के लिए उनकी और क्या उपयोगिता हो सकती है इसको लेकर बैठक में चर्चा हुई है। पार्किंग निर्माण के स्थलों को भी देखा गया है। तय हुआ है कि जहां पार्किंग बनेगी वहां दुकानें भी होंगी। भक्तों के लिए शौचालय, पेयजल जैसे मूलभूत सुविधाएं भी वहां विकसित की जाएंगी। उन्होंने बताया कि रामजन्मभूमि परिसर में बनने वाले यात्री सुविधा केंद्र में क्या-क्या सुविधाएं विकसित की जानी है इसको लेकर चर्चा की गई।

ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि बैठक में परकोटा निर्माण को लेकर भी चर्चा हुई। परकोटा राममंदिर परिसर के आठ एकड़ में बनना है। सामान्य स्प से परकोटे में एक ही प्रवेश द्वार होता है, लेकिन चर्चा हुई कि आपात स्थिति के लिए तीन दरवाजे और बनाए जाएं। इसलिए परकोटे में चार प्रवेश द्वार बनाने को लेकर सहमति बनी। बताया कि परकोटे की डिजाइन फाइनल हो चुकी है। ड्राइंग पर मंथन अभी जारी है। कहा कि परकोटे का निर्माण अक्तूबर-नवंबर से शुरू हो जाएगा। सबसे पहले पश्चिम दिशा से काम शुरू होगा। पश्चिम दिशा में अभी रिटेनिंग वाल का निर्माण काम चल रहा है, पूरा होते ही परकोटे को आकार देने का काम प्रारंभ कर दिया जाएगा। बैठक में ट्रस्टी बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र, विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह, राममंदिर के आर्किटेक्ट आशीष सोमपुरा सहित एलएंडटी, टाटा व ट्रस्ट के इंजीनियर मौजूद रहे।

 
70 एकड़ के 70 फीसदी भाग में होगी लैंडस्केपिंग

ट्रस्टी डॉ.अनिल मिश्र ने बताया कि बैठक में रामजन्मभूमि परिसर की लैंडस्केपिंग को लेकर चर्चा हुई। 70 एकड़ के परिसर में मात्र 30 फीसदी भाग में मंदिर निर्माण व अन्य प्रकल्प बनने हैं। शेष 70 फीसदी भूमि का विकास किस तरह किया जाए इसको लेकर चर्चा हुई। परिसर के लैंडस्केपिंग की जिम्मेदारी दिल्ली की एक एजेंसी को सौंपी गई है। एजेंसी के आर्किटेक्टों की टीम ने नृपेंद्र मिश्र सहित ट्रस्टियों के समक्ष लैंडस्केपिंग की योजनाओं का प्रजेंटेशन भी दिया। 70 फीसदी एरिया को रामायणकालीन दृश्यों से सजाया जाएगा। रामायण कालीन वृक्षों से परिसर सज्जित होगा। इको फ्रेंडली परिसर बनाने की योजना है। कई योजनाओं से परिसर की भव्यता बढ़ेगी जो भक्तों को भी आकर्षित करेगी।

 
प्रसार भारती ने शुरू किया वृत्तचित्र पर काम

ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि राममंदिर आंदोलन के संघर्ष को डॉक्यूमेंट्री फिल्म के जरिए पर्दे पर दिखाने की तैयारी की जा रही है। इस वृत्तचित्र में 1528 से लेकर राममंदिर निर्माण की हर एक कड़ी को पेश किया जाएगा। फिल्म का उद्देश्य राममंदिर आंदोलन के पांच सदी के संघर्ष से युवाओं को परिचित कराने का है। बताया कि प्रसार भारती ने इस वृत्तचित्र पर काम शुरू कर दिया है। उसने इसके लिए एक एजेंसी का चयन भी कर लिया है। जो डॉटा, वीडियो, फोटो एकत्र करने में जुटी है।

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राममंदिर निर्माण समिति एवं श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की दो दिवसीय बैठक शुक्रवार को समाप्त हो गई। बैठक में मंदिर समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने निर्माण कार्यों की समीक्षा की। रामजन्मभूमि परिसर के 70 फीसदी भाग में लैंडस्केपिंग सहित परकोटा के निर्माण को लेकर चर्चा हुई। बैठक में भक्तों के लिए सुविधाएं विकसित करने का काम तेज करने पर सहमति बनी है। राममंदिर परिसर के आठ एकड़ में बनने वाले परकोटा में चार दरवाजे होंगे। निर्माण का काम नवंबर से शुरू होने की संभावना है।

सर्किट हाउस में राममंदिर निर्माण समिति की दूसरे दिन की बैठक शुक्रवार सुबह 10 बजे से शुरू हुई। बैठक के बाद ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि हमने अयोध्या धाम की विभिन्न योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण किया है। अयोध्या में जो योजनाएं चल रही हैं, तीर्थयात्रियों के लिए उनकी और क्या उपयोगिता हो सकती है इसको लेकर बैठक में चर्चा हुई है। पार्किंग निर्माण के स्थलों को भी देखा गया है। तय हुआ है कि जहां पार्किंग बनेगी वहां दुकानें भी होंगी। भक्तों के लिए शौचालय, पेयजल जैसे मूलभूत सुविधाएं भी वहां विकसित की जाएंगी। उन्होंने बताया कि रामजन्मभूमि परिसर में बनने वाले यात्री सुविधा केंद्र में क्या-क्या सुविधाएं विकसित की जानी है इसको लेकर चर्चा की गई।



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