Reliance Succession Plan : उत्तराधिकार पर विवाद से बच्चों को बचाना चाहते हैं मुकेश अंबानी, कभी भाई अनिल से हुआ था टकराव


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देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने रिलायंस समूह से मंगलवार को एक बड़ी खबर निकलकर सामने आई है। रिलायंस के मुखिया मुकेश अंबानी ने उत्तराधिकार की कमान अगली पीढ़ी को सौंपने की प्रक्रिया में आकाश अंबानी को रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड के सर्वेसर्वा का पद सौंप दिया है। आकाश अंबानी को आरजेआईओ के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के चेयरमैन पद कर 27 जून से नियुक्ति को मंजूरी दे दी गई है। कंपनी की ओर से स्टॉक एक्सचेंज को मंगलवार को इस बारे में सूचना दी गई है। 

पिछले साल ब्लूमबर्ग ने अपनी एक रिपोर्ट में ये दावा किया था कि रिलायंस इंडस्ट्री के मुखिया मुकेश अंबानी अगली पीढ़ी को कारोबार का हस्तांतरण करने की तैयारियों में जुटे हैं। उस रिपोर्ट में यह भी कहा गया था तेल से लेकर टेलीकॉम तक फैले रिलायंस ग्रुप के कारोबार का उत्तराधिकारी चुनने में मुकेश अंबानी रिटेल चेन वॉलमार्ट के संस्थापक सैम वॉल्टन का मॉडल अपनाएंगे। आपको बता दें कि वॉलमार्ट के संस्थापक ने अपना उत्तराधिकारी चुनने में बहुत ही सिम्पल मॉडल अपनाया था। उन्होंने अपने सक्सेज प्लान का मूल मंत्र रखा था- परिवार को केन्द्र में रखो, लेकिन मैनेजमेंट कंट्रोल अलग-अलग हाथों में दो। 

मुकेश अंबानी ने साल 2021 में अपने पिता धीरूभाई अंबानी के जन्मदिन पर आयोजित किए गए एक कार्यक्रम में कहा था कि अब रिलायंस की लीडरशिप को बदले जाने की जरूरत है। इस कार्यक्रम में उन्होंने अपने बच्चों पर पूरा भरोसा जताते हुए कहा था कि रिलायंस आने वाले समय में दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित और सशक्त कंपनियों में शामिल होगी।

खबरों के अनुसार मुकेश अंबानी अपने परिवार में उत्ततराधिकारी तय करने के मामले में यह चाहते हैं कि बच्चों में उत्तराधिकार के सवाल पर कभी कोई शंका नहीं रहे। कुल मिलाकर वे नहीं चाहते थे कि जैसा विवाद उनके और उनके छोटे भाई अनिल अंबानी के बीच ग्रुप के बंटवारे को लेकर हुआ था, वैसी कोई परिस्थिति उनके बच्चों के बीच ना पैदा हो। 

आपको बता दें कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के संस्थापक धीरूभाई अंबानी की मौत के बाद मुकेश अंबानी ने साल 2002 में ग्रुप के चेयरमैन का पद संभाला था। हालांकि उसके बाद उत्तराधिकार को लेकर उनके और उनके छोटे भाई अनिल अंबानी के बीच कुछ टकराव देखने को मिला था, जिसके बाद ग्रुप का दोनों भाइयों के बीच विभाजन कर दिया गया था। मुकेश अपने बच्चों के बीच ऐसी कोई परिस्थिति पैदा नहीं होने देना चाहते हैं। 

गौरतलब है कि मुकेश अंबानी की पत्नी नीता अंबानी के अलावे उनके तीनों बच्चे आकाश, ईशा और अनंत अंबानी रिलायंस ग्रुप के अलग-अलग बिजनेस में अपनी-अपनी भूमिका निभाते हैं। एक बार मुकेश अंबानी अपने बच्चों के बारे में यह भी कह चुके हैं कि उनके तीनों बच्चे एक दिन उनके पिता धीरूभाई अंबानी की विरासत को बुलंदियों पर ले जाएंगे।     

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देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने रिलायंस समूह से मंगलवार को एक बड़ी खबर निकलकर सामने आई है। रिलायंस के मुखिया मुकेश अंबानी ने उत्तराधिकार की कमान अगली पीढ़ी को सौंपने की प्रक्रिया में आकाश अंबानी को रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड के सर्वेसर्वा का पद सौंप दिया है। आकाश अंबानी को आरजेआईओ के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के चेयरमैन पद कर 27 जून से नियुक्ति को मंजूरी दे दी गई है। कंपनी की ओर से स्टॉक एक्सचेंज को मंगलवार को इस बारे में सूचना दी गई है। 

पिछले साल ब्लूमबर्ग ने अपनी एक रिपोर्ट में ये दावा किया था कि रिलायंस इंडस्ट्री के मुखिया मुकेश अंबानी अगली पीढ़ी को कारोबार का हस्तांतरण करने की तैयारियों में जुटे हैं। उस रिपोर्ट में यह भी कहा गया था तेल से लेकर टेलीकॉम तक फैले रिलायंस ग्रुप के कारोबार का उत्तराधिकारी चुनने में मुकेश अंबानी रिटेल चेन वॉलमार्ट के संस्थापक सैम वॉल्टन का मॉडल अपनाएंगे। आपको बता दें कि वॉलमार्ट के संस्थापक ने अपना उत्तराधिकारी चुनने में बहुत ही सिम्पल मॉडल अपनाया था। उन्होंने अपने सक्सेज प्लान का मूल मंत्र रखा था- परिवार को केन्द्र में रखो, लेकिन मैनेजमेंट कंट्रोल अलग-अलग हाथों में दो। 

मुकेश अंबानी ने साल 2021 में अपने पिता धीरूभाई अंबानी के जन्मदिन पर आयोजित किए गए एक कार्यक्रम में कहा था कि अब रिलायंस की लीडरशिप को बदले जाने की जरूरत है। इस कार्यक्रम में उन्होंने अपने बच्चों पर पूरा भरोसा जताते हुए कहा था कि रिलायंस आने वाले समय में दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित और सशक्त कंपनियों में शामिल होगी।

खबरों के अनुसार मुकेश अंबानी अपने परिवार में उत्ततराधिकारी तय करने के मामले में यह चाहते हैं कि बच्चों में उत्तराधिकार के सवाल पर कभी कोई शंका नहीं रहे। कुल मिलाकर वे नहीं चाहते थे कि जैसा विवाद उनके और उनके छोटे भाई अनिल अंबानी के बीच ग्रुप के बंटवारे को लेकर हुआ था, वैसी कोई परिस्थिति उनके बच्चों के बीच ना पैदा हो। 

आपको बता दें कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के संस्थापक धीरूभाई अंबानी की मौत के बाद मुकेश अंबानी ने साल 2002 में ग्रुप के चेयरमैन का पद संभाला था। हालांकि उसके बाद उत्तराधिकार को लेकर उनके और उनके छोटे भाई अनिल अंबानी के बीच कुछ टकराव देखने को मिला था, जिसके बाद ग्रुप का दोनों भाइयों के बीच विभाजन कर दिया गया था। मुकेश अपने बच्चों के बीच ऐसी कोई परिस्थिति पैदा नहीं होने देना चाहते हैं। 

गौरतलब है कि मुकेश अंबानी की पत्नी नीता अंबानी के अलावे उनके तीनों बच्चे आकाश, ईशा और अनंत अंबानी रिलायंस ग्रुप के अलग-अलग बिजनेस में अपनी-अपनी भूमिका निभाते हैं। एक बार मुकेश अंबानी अपने बच्चों के बारे में यह भी कह चुके हैं कि उनके तीनों बच्चे एक दिन उनके पिता धीरूभाई अंबानी की विरासत को बुलंदियों पर ले जाएंगे।     



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