हाइलाइट्स
कुल वैश्विक चावल कारोबार में भारत की 40 फीसदी हिस्सदारी है.
चावल रोपाई क्षेत्र इस साल तीन साल के निचले स्तर पर आ गया है.
कम बारिश के कारण चावल की रोपाई में कमी आई है.
नई दिल्ली. देश के प्रमुख चावल (Rice) उत्पादक क्षेत्रों में बारिश कम होने से इस बार चावल के बुआई क्षेत्र में जबरदस्त कमी आई है. देश में चावल का रकबा (rice acreage) तीन साल के निचले स्तर पर आ गया है. चावल के बुआई एरिया में कमी आने और एक्सपोर्ट मांग बढ़ने से देश में चावल के भाव (Rice Rate) भी ऊपर जाने लगे हैं. कुछ इलाकों में तो कई वैराइटी के रेट 10 फीसदी तक बढ़ चुके हैं.
अगर भारत के चावल उत्पादन में कमी आती है तो इससे वैश्विक खाद्य सुरक्षा के लिए भी संकट खड़ा हो जाएगा. भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक देश है. कुल वैश्विक चावल कारोबार में भारत की 40 फीसदी हिस्सदारी है. रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण पहले से ही खाद्य पदार्थों की कीमतों में भारी इजाफा हो चुका है. अब अगर भारत में चावल उत्पादन में गिरावट आती है तो इससे दुनिया में महंगाई और बढ़ेगी.
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रोपाई क्षेत्र में 13 फीसदी की कमी
लाइव मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस मॉनसून सीजन बारिश की कमी से चावल रोपाई का कार्य प्रभावित हुआ है. विशेषकर पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के धान उत्पादक क्षेत्रों में बहुत कम बारिश हुई है. इस कारण यहां रोपाई बुरी तरह पिछड़ी है. ये दोनों राज्य देश के कुल चावल उत्पादन में 25 फीसदी हिस्सेदारी रखते हैं. इनके अलावा बिहार, झारखंड, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और ओडिशा से भी कम रोपाई की खबरें आ रही हैं.
निर्यात बैन की आशंका
व्यापारियों का कहना है कि चावल उत्पादन में कमी आने से भारत में महंगाई को काबू करना बहुत मुश्किल हो जाएगा. अगर इस प्रमुख कमोडिटी का उत्पादन कम होता है तो इसके निर्यात पर बैन भी लग सकता है. भारत करीब 100 देशों को चावल का निर्यात करता है.
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बढ़ने लगे दाम
निर्यात मांग बढ़ने और कम उत्पादन की आशंकाओं से भारत में चावल के रेट बढ़ने लगे हैं. बंगाल, ओडिशा और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में पिछले दो सप्ताह में चावल की कुछ वैराइटी के दाम 10 फीसदी तक बढ़ चुके हैं. कोलकाता में पिछले एक साल में (29 जुलाई तक) चावल की खुदरा कीमतों में 25 प्रतिशत का उछाल आया, जबकि रांची में ये 11.4 प्रतिशत और चेन्नई में ये 5.5 प्रतिशत बढ़ी हैं. राइस शिपर्स स्पॉन्ज एंटरप्राइजेज़ लिमिटेड के डायरेक्टर मुकेश जैन का कहना है कि चावल का निर्यात भाव भी बढ़ रहा है और सितंबर तक इसके 400 डॉलर टन होने की संभावना है. फिलहाल चावल निर्यात मूल्य 365 डॉलर प्रति टन है.
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Tags: Business news in hindi, Inflation, Rice
FIRST PUBLISHED : August 03, 2022, 16:19 IST