क्रिप्टो माइनिंग और ट्रांजैक्शंस पर पाबंदियां लगा सकता है रूस


रूस के सेंट्रल बैंक ने क्रिप्टोकरंसीज पर सख्ती करने का प्रपोजल दिया है। इससे क्रिप्टो सेगमेंट पर बड़ा असर पड़ सकता है क्योंकि रूस क्रिप्टो माइनिंग करने वाले बड़े देशों में से एक है। इससे पहले चीन ने भी बिटकॉइन माइनिंग पर रोक के साथ ही क्रिप्टो ट्रांजैक्शंस पर पाबंदियां लगाई थी। कुछ अन्य देश भी बिटकॉइन माइनिंग से इलेक्ट्रिसिटी की खपत बढ़ने के कारण मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। यूरोप के देश कोसोवो ने भी हाल ही में बिटकॉइन माइनिंग पर प्रतिबंध लगाया था।

पिछले कुछ वर्षों से रूस में अथॉरिटीज की ओर से क्रिप्टोकरंसीज पर पाबंदियां लगाने की जरूरत बताई जा रही है क्योंकि क्रिप्टोकरंसीज का इस्तेमाल गैर कानूनी गतिविधियों के लिए होने की आशंका है। रूस में दो वर्ष पहले क्रिप्टोकरंसीज को कानूनी दर्जा दिया गया था लेकिन पेमेंट्स में इनके इस्तेमाल की स्वीकृति नहीं दी गई है। बैंक ऑफ रशिया ने गुरुवार को क्रिप्टोकरंसी पेमेंट्स और क्रिप्टोकरंसी माइनिंग पर प्रतिबंध लगाने को कहा। इसके साथ ही इनकी ट्रेडिंग को लेकर सख्त कानून बनाने की मांग भी की गई है। बैंक ऑफ रशिया की ओर से प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है, “क्रिप्टोकरंसीज के इस्तेमाल से रूस के नागरिकों और फाइनेंशियल सिस्टम को नुकसान हो सकता है।” इसमें कहा गया है कि क्रिप्टोकरंसीज की ट्रेडिंग बढ़ने के कारण सट्टेबाजी से होने वाली डिमांड है।

रिपोर्ट के अनुसार, क्रिप्टोकरंसीज “पिरामिड स्कीमों” की तरह हैं क्योंकि इनकी वैल्यू मार्केट में नए लोगों के आने से बढ़ती है। रूस में क्रिप्टोकरंसीज की वार्षिक ट्रांजैक्शंस लगभग 5 अरब डॉलर (लगभग 37,270 करोड़ रुपये) होने का अनुमान है। इससे पहले ब्लूमबर्ग ने सूत्रों के हवाले से एक रिपोर्ट में बताया था कि रूस की सिक्योरिटी एजेंसी FSB ने बैंक ऑफ रशिया की हेड,  Elvira Nabiulina से क्रिप्टोकरंसीज पर बैन लगाने को लेकर बातचीत की है।  FSB को आशंका है कि क्रिप्टोकरंसीज ट्रांजैक्शंस का इस्तेमाल विपक्षी दलों और सरकार का विरोध करने वाले संगठनों की मदद के लिए किया जा रहा है।

भारत में भी क्रिप्टोकरंसीज पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठ चुकी है। केंद्र सरकार ने क्रिप्टोकरंसीज से जुड़ा कानून बनाने की तैयारी की है। इससे जुड़ा विधेयक संसद के शीतकालीन सत्र में प्रस्तुत करने की योजना थी लेकिन इसे टाल दिया गया है। स्वदेशी जागरण मंच जैसे कुछ संगठन क्रिप्टोकरंसीज का विरोध कर रहे हैं। इनका कहना है कि क्रिप्टोकरंसीज से अवैध गतिविधियां बढ़ सकती हैं। भारत में क्रिप्टोकरंसीज में ट्रेड करने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। 
 

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