School Cab Drivers Strike: परिवहन मंत्री के आश्वासन के बाद खत्म की हड़ताल, छात्रों-अभिभावकों को हुई परेशानी


अपनी मांगों के समर्थन में स्कूल कैब चालकों की हड़ताल से सोमवार को छात्रों और अभिभावकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। स्कूल कैब यूनियन के प्रतिनिधियों ने जगह जगह प्रदर्शन कर रोष जताते हुए मांगे जल्द पूरा करने की सरकार से मांग की। जनकपुरी में कैब चालकों ने चौराहे पर खड़े होकर वाहन मालिकों से भीख मांगकर रोष जताया। 

हड़ताल के दौरान पुलिस ने प्रीत विहार क्षेत्र में पांच-छह चालकों को हिरासत में लिए जाने के बाद चालकों में रोष बढ़ गया। यूनियन प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत से प्रतिनिधियों ने प्रमुख तौर पर पुराने वैध वाहनों को स्कूल कैब स्कीम के तहत पंजीकृत करने का अनुरोध किया। मंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया कि उनकी सभी जायज मांगों पर परिवहन विभाग जल्द न्यायोचित कदम उठाएगा। कैब चालकों ने मंगलवार से स्कूलों की ड्यूटी पर जाने का निर्णय लिया है। हड़ताल के कारण हुई परेशानी के लिए यूनियन के सदस्यों ने खेद जताया है।

स्कूलों में चलने वाले निजी कैब को वाणिज्यिक कैब के तौर पर चलाने की अनुमति, परिवहन विभाग और ट्रैफिक की तरफ से कार्रवाई करने, पहले जमा किए टैक्स का एडजस्टमेंट (फायदा) देने सहित अन्य मांगों के समर्थन में सैकड़ों चालक इस हड़ताल में शामिल हुए। इस वजह से सुबह से ही दिल्ली के स्कूलों में पढ़ने वाले करीब चार लाख छात्र-छात्राओं और अभिभावकों को परेशानी हुई। परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस की तरफ से चलाए जा रहे अभियान के तहत हजारों रुपये का जुर्माना किए जाने के विरोध में कैब चालकों ने दिल्ली के कई इलाकों में प्रदर्शन किया।

स्कूल कैब ट्रांसपोर्ट एकता यूनियन के अध्यक्ष रामचंद्र पहल ने बताया कि दिल्ली सचिवालय में परिवहन मंत्री के साथ करीब दो घंटे तक बैठक चली। इस दौरान सभी पहलुओं पर बातचीत हुई। परिवहन मंत्री ने हमारी मांगों को सुनने के बाद इस पर उचित कार्रवाई का भरोसा दिया है। इसके बाद हड़ताल खत्म करने का फैसला ले लिया गया है। दूसरे यूनियन के अध्यक्ष किशन वर्मा ने कहा कि कैब चालकों की लंबित मांगों पर सुनवाई का भरोसा मिला है। इसे जल्द लागू किए जाने से राहत मिलने की उम्मीद है।  

कार्रवाई से हादसे की बढ़ी आशंका

यूनियन के अध्यक्ष रामचंद्र ने कहा कि पिछले दिनों कैब चालकों पर संयुक्त अभियान के तहत कार्रवाई की जा रही है। इसके लिए उन्हें दौड़ाया जाता है। इससे हादसा होने की आशंका बढ़ जाती है। छात्र-छात्राओं और चालकों की सुरक्षा के लिहाज से जरूरी है कि कार्रवाई से पहले चालकों के लिए सरकार विकल्प दे ताकि उन्हें काम करने का मौका मिल सके। कोरोना काल में पहले ही वित्तीय तंगी से जूझ रहे हैं। दो साल तक कमाई नहीं हुई और अब इस तरह की कार्रवाई से परेशानी कई गुना बढ़ गई।

बसों में भी रही भारी भीड़

स्कूल कैब की हड़ताल के कारण सड़कों पर बसों में भारी भीड़ रही। उन्हें काफी इंतजार के बाद बसें आईं भी तो बस में सवार होना 

छात्र-छात्राओं के लिए मुश्किल था। स्कूलों के आसपास के सभी बस स्टॉप दोपहर के वक्त भरे हुए थे। भीड़ बढ़ने की वजह से बसें कम पड़ गईं।



Source link

Enable Notifications OK No thanks