जम्मू-कश्मीर: सांबा के बाड़ में संदिग्ध सुरंग मिलने के बाद सुरक्षा बढ़ी, बीएसएफ चला रही बड़े पैमाने पर अभियान


सार

सांबा सेक्टर में बुधवार को अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ जवानों को एक सुरंग मिली है। जिसके बाद इलाके में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। बीएसएफ इलाके में बड़े पैमाने पर अभियान चला रही है।

ख़बर सुनें

जम्मू के सांबा इलाके में बाड़ के पास सामान्य क्षेत्र में बुधवार को एक संदिग्ध सुरंग मिलने के बाद सुरक्षा बढ़ा दी गई है। आज इलाके में बीएसएफ इलाके में सघन तलाशी अभियान भी चला रही है। 

आपको बता दें कि 22 अप्रैल को जम्मू के सुंजवां इलाके में एक मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के दो आतंकवादी मारे गए थे। जांच में पता चला कि उन्हें एक मिनी ट्रक ने सांबा के सोपोवाल इलाके से उठाया था और वहीं से घुसपैठ की थी। 

इसके बाद बीएसएफ ने उस इलाके में बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया था। सांबा सेक्टर में बुधवार को अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ जवानों को एक सुरंग मिली। आपको बता दें कि सीमा पर लगाई गई तारबंदी का सुरक्षा घेरा तोड़ने में नाकाम पाकिस्तान सांबा जिले की भौगोलिक स्थितियों को घुसपैठ के लिए इस्तेमाल कर रहा है। 

सरकंडे की आड़ और रेतीली व दोमट मिट्टी के नीचे सुरंग खोदकर आतंकी भेजे जा रहे हैं। बुधवार को सांबा बॉर्डर पर चक फकीरा पोस्ट के पास जो सुरंग मिली है, उसकी भौगोलिक स्थिति भी ऐसी ही है। यहां भी रेतीली, दोमट मिट्टी के टीले हैं, जहां पानी का रिसाव होने का खतरा नहीं रहता।
 
जमीन के नीचे खोदाई कर लंबी सुरंग बनाई गई है, जिससे आतंकी घुसपैठ की भी आशंका है। इससे पूर्व 29 अगस्त 2020 में चक फकीरा पोस्ट से तीन किलोमीटर दूर बैनगलाड में भी सुरंग मिली थी। बैनगलाड के बाद 22 नवंबर 2020 को सांबा बॉर्डर पर ही रिगाल के पास बीएसएफ के तलाशी अभियान में सुरंग खोजी गई थी। वहीं, जनवरी 2021 में कठुआ के हीरानगर में सुरंग मिली थी। (संवाद)

सुरंग बनाने में लगाए पेशेवर इंजीनियर
खुफिया एजेंसियों के सूत्रों ने बताया कि सुरंग से घुसपैठ में पाकिस्तानी सेना बेहद पेशेवर इंजीनियरों की सेवाएं ले रही है। सुरंग के लिए ऐसे स्थान चुने जाते हैं, जहां खोदाई आसान हो और पानी के रिसाव का खतरा भी न रहे। अब तक मिलीं ज्यादातर सुरंगें रेतीली और दोमट मिट्टी वाली जमीन पर मिली हैं। इन सुरंगों के ऊपर की जमीन पर टीले जैसी जगह थी।

स्लीपर नेटवर्क भी सक्रिय
कठुआ और सांबा में अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर पाकिस्तान के ओवर ग्राउंड वर्कर का नेटवर्क भी सक्रिय है। ऐसे में माना जा रहा है कि सुरंग खोदने से लेकर घुसपैठ के बाद आतंकियों को ठिकानों तक पहुंचाने में यह नेटवर्क काम कर रहा है। पिछले दिनों ही कठुआ जिले के सरहदी इलाके से कुछ लोग गिरफ्तार किए गए हैं, जिनके तार घुसपैठ के लिए खोदी गई सुरंग से जुड़ रहे हैं। वहीं, सांबा और जम्मू जिले के सरहदी इलाकों से भी कई संदिग्ध पकड़े जा चुके हैं।

विस्तार

जम्मू के सांबा इलाके में बाड़ के पास सामान्य क्षेत्र में बुधवार को एक संदिग्ध सुरंग मिलने के बाद सुरक्षा बढ़ा दी गई है। आज इलाके में बीएसएफ इलाके में सघन तलाशी अभियान भी चला रही है। 

आपको बता दें कि 22 अप्रैल को जम्मू के सुंजवां इलाके में एक मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के दो आतंकवादी मारे गए थे। जांच में पता चला कि उन्हें एक मिनी ट्रक ने सांबा के सोपोवाल इलाके से उठाया था और वहीं से घुसपैठ की थी। 

इसके बाद बीएसएफ ने उस इलाके में बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया था। सांबा सेक्टर में बुधवार को अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ जवानों को एक सुरंग मिली। आपको बता दें कि सीमा पर लगाई गई तारबंदी का सुरक्षा घेरा तोड़ने में नाकाम पाकिस्तान सांबा जिले की भौगोलिक स्थितियों को घुसपैठ के लिए इस्तेमाल कर रहा है। 

सरकंडे की आड़ और रेतीली व दोमट मिट्टी के नीचे सुरंग खोदकर आतंकी भेजे जा रहे हैं। बुधवार को सांबा बॉर्डर पर चक फकीरा पोस्ट के पास जो सुरंग मिली है, उसकी भौगोलिक स्थिति भी ऐसी ही है। यहां भी रेतीली, दोमट मिट्टी के टीले हैं, जहां पानी का रिसाव होने का खतरा नहीं रहता।

 





Source link

Enable Notifications OK No thanks