एक साथ सात डूबे: बुजुर्ग को बेटा और खोने पड़े तीन पोते, बिस्तर पर पड़े पिता पर भी टूटा गमों का पहाड़


पंजाब के बनूड़ के मीरा शाह कॉलोनी में रहने वाले दो सगे भाइयों समेत सात नौजवान हिमाचल प्रदेश स्थित गोबिंद सागर झील में डूब गए। उनके डूबने की सूचना जैसे ही आई तो इलाके का माहौल गमगीन हो गया। घटना के बाद पारिवारिक सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल था। परिवार के कुछ लोग शव लेने हिमाचल प्रदेश रवाना हो गए हैं। इलाके से 11 लोग मोटसाइकिल पर हिमाचल प्रदेश में धार्मिक स्थानों की यात्रा करने गए थे। माता नैना देवी मंदिर में माथा टेकने के बाद वे बाबा बालक नाथ मंदिर जा रहे थे। जब ये सारे लोग थाना बंगाणा के अधीन गांव कोलका के नजदीक स्थित बाबा गरीब दास मंदिर के पास दोपहर करीब साढ़े तीन बजे पहुंचे तो एक नौजवान ने नहाने की इच्छा जताई। इसके बाद कुछ युवक नहाने लगे। 

इस दौरान गहराई ज्यादा होने की वजह से एक नौजवान पानी में डूब गया। जब डूबने वाले ने शोर मचाया तो वहां पर खड़े छह नौजवान उसे पानी से निकालने लग पड़े। इस दौरान एक नौजवान का हाथ छूट गया जिसके बाद सारे डूब गए। गोबिंद सागर झील में डूबने से सात लोगों की मौत बनूड़ में शोक की लहर है। हादसे में एक बुजुर्ग ने अपने बेटे समेत तीन पोतों को खो दिया है। वहीं दो बेटों को खोने वाले पिता पर गमों का पहाड़ टूट पड़ा है। घटना की सूचना मिलने के बाद से मातम पसर गया है।

हर आंख नम है। लोगों का आरोप है कि घटना के बाद स्थानीय प्रशासन ने उनकी सुध तक नहीं ली। सभी मृतकों के परिजन दिहाड़ी करते हैं। इस हादसे में सुरजीत राम ने अपना एक बेटा व तीन पोते रमन, लाभ व लखवीर खो दिया है। 32 वर्षीय पवन कुमार तीन बेटियों व एक बेटे का पिता था। वह इलाके की शराब फैक्टरी में मजूदरी करता था। उस पर ही सारे परिवार की जिम्मेदारी थी। लाल चंद के दोनो बेटे रमन (19) और लाभ (17) की डूबने से मौत हुई है। 

रमन खूनीमाजरा के सरकारी कॉलेज में पढ़ता था। वहीं लाभ सीनियर सेकेंडरी स्कूल में 11 वीं का छात्र था। इनकी दो बहने हैं। लाल चंद की पिछले साल हादसे में चार जगह से टांग टूट गई थी। वह अभी तक बिस्तर पर पड़ा है। लखवीर बनूड़ के स्कूल में 11वीं का विद्यार्थी। विशाल (18) तीन भाई था। उसके पिता मजदूरी करते थे। अरुण 8वीं कक्षा का विद्यार्थी था। शिव (15) मैट्रिक कर रहा है। किशन, मोनू, फौजी व रमन भी इन नौजवानों के साथ थे।

सुबह घर से गए थे, तीन दिन बाद लौटना था

सुरजीत राम व चाचा ओम प्रकाश ने बताया कि वह घर से सुबह साढ़े पांच बजे के करीब मोटरसाइकिलों पर निकले थे। श्री नैना देवी, बाबा बालक थान व पीर निगाह घूमकर तीन दिन बाद वापस आने की बात कहकर गए थे। जाने के बाद कोई फोन भी नहीं किया। यह भी नहीं बताया गया कि पहले कहा पर जाना है। उन्हें सिर्फ टीवी पर खबर से पता चला। पार्षद भोला राम ने बताया कि शवों को पोस्टमार्टम के लिए ऊना अस्पताल में रखवा गया है।



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