Shantha Rangaswamy: ये खिलाड़ी है भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पहली कप्तान, जानें शांता रंगास्वामी की उपलब्धि


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Shantha Rangaswamy : भारतीय क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान मिताली राज की बायोपिक शाबाश मिट्ठू का ट्रेलर रिलीज होने के बाद वह चर्चा में हैं। मिताली राज अपने शानदार प्रदर्शन और टीम की कप्तानी को लेकर हमेशा ही सुर्खियों में रहीं। केवल मिताली राज ही नहीं भारतीय क्रिकेट टीम की कई महिला खिलाड़ियों ने पिछले कुछ वर्षों में महिला क्रिकेट को एक अलग पहचान और मुकाम पर पहुंचाया। हरमनप्रीत कौर से लेकर स्मृति मंधाना, झूलन गोस्वामी आदि महिला खिलाड़ियों के प्रदर्शन ने महिला क्रिकेट को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थान दिलाया। लेकिन क्या आपको पता है कि भारत की महिला क्रिकेट टीम की पहली महिला कप्तान कौन थीं? कब भारतीय महिला क्रिकेट टीम बनीं और पहली कप्तान ने टीम का नेतृत्व कैसे किया? चलिए जानते हैं भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पहली कप्तान शांता रंगास्वामी के जीवन, करियर और उपलब्धियों के बारे में।

शांता रंगास्वामी का जीवन परिचय

शांता रंगास्वामी का जन्म एक जनवरी 1954 को हुआ था। उनके पिता का नाम सीवी रंगास्वामी और माता का नाम राजलक्ष्मी था। उनके परिवार में छह बहनें हैं, जिसमें शांता अपने माता पिता की तीसरी संतान थीं। शांता जब छोटी थीं, तो घर के आंगन में क्रिकेट खेला करती थीं। परिवार काफी बड़ा था, तो सभी बहनें घर पर ही खेला करती थीं।

शांता रंगास्वामी का खिलाड़ी बनने का सफर  

बाद में शांता ने बैडमिंटन, साॅफ्टबाॅल और अन्य कई खेलों में हिस्सा लिया। हालांकि क्रिकेट के लिए उनका अलग ही लगाव था। अपने क्रिकेट प्रेम को बढ़ाते हुए शांता रंगास्वामी ने क्लब क्रिकेटच खेलना शुरू कर दिया। हालांकि तब उन्हें ये नहीं पता था कि कभी वह भारतीय महिला क्रिकेट टीम का हिस्सा बनेंगी।

पहली महिला कप्तान कैसे बनीं शांता

भारत में पहली बार महिला क्रिकेट टीम का चयन साल 1976 में हुआ। महिला क्रिकेटर्स की टीम का पहला मैच वेस्टइंडीज के खिलाफ होना था। टेस्ट सीरीज के लिए जब महिला खिलाड़ियों का चयन किया गया तो उसमें शांता रंगास्वामी भी शामिल थीं। टेस्ट टीम की कमान ऑलराउंडर शांता रंगास्वामी को सौंपी गई। इस तरह पहली भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पहली कप्तान शांता रंगास्वामी बन गईं। वेस्टींडीज के लिए खिलाफ हुई इस पहली टेस्ट सीरीज में शांता ने आक्रामक बल्लेबाजी और तेज गेंदबाजी करके 1-0 से शिकस्त दी।

शांता रंगास्वामी का करियर  

शांता रंगास्वामी ने भारतीय महिला क्रिकेट टीम के लिए 1976 से 1991 तक 16 टेस्ट क्रिकेट मैच खेले। इस दौरान वह टीम की कप्तान रहीं। अपने 22 साल के करियर में शांता ने कई मैचों में उपलब्धि हासिल की, हालांकि उन दिनों महिला खिलाड़ियों को ज्यादा पैसे नहीं मिलते थे। कड़ी मेहनत, परिश्रम के बाद शांता ने करियर में उपलब्धि हासिल की। लगभग 12 टेस्ट मैच और 15 वन डे मैचों में वह महिला टीम की कप्तान रहीं।

शांता रंगास्वामी की उपलब्धियां

अर्जुन पुरस्कार पाने वाली वह पहली महिला थीं। महिला विश्व कप में न्यूजीलैंज के खिलाफ शांता ने शतक बनाया था। बीसीसीआई के महिलाओं के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित होने वाली पहली महिला थीं। कर्नाटक सरकार ने भी साल 2019 में उन्हें लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया था।

Shantha Rangaswamy : भारतीय क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान मिताली राज की बायोपिक शाबाश मिट्ठू का ट्रेलर रिलीज होने के बाद वह चर्चा में हैं। मिताली राज अपने शानदार प्रदर्शन और टीम की कप्तानी को लेकर हमेशा ही सुर्खियों में रहीं। केवल मिताली राज ही नहीं भारतीय क्रिकेट टीम की कई महिला खिलाड़ियों ने पिछले कुछ वर्षों में महिला क्रिकेट को एक अलग पहचान और मुकाम पर पहुंचाया। हरमनप्रीत कौर से लेकर स्मृति मंधाना, झूलन गोस्वामी आदि महिला खिलाड़ियों के प्रदर्शन ने महिला क्रिकेट को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थान दिलाया। लेकिन क्या आपको पता है कि भारत की महिला क्रिकेट टीम की पहली महिला कप्तान कौन थीं? कब भारतीय महिला क्रिकेट टीम बनीं और पहली कप्तान ने टीम का नेतृत्व कैसे किया? चलिए जानते हैं भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पहली कप्तान शांता रंगास्वामी के जीवन, करियर और उपलब्धियों के बारे में।

शांता रंगास्वामी का जीवन परिचय

शांता रंगास्वामी का जन्म एक जनवरी 1954 को हुआ था। उनके पिता का नाम सीवी रंगास्वामी और माता का नाम राजलक्ष्मी था। उनके परिवार में छह बहनें हैं, जिसमें शांता अपने माता पिता की तीसरी संतान थीं। शांता जब छोटी थीं, तो घर के आंगन में क्रिकेट खेला करती थीं। परिवार काफी बड़ा था, तो सभी बहनें घर पर ही खेला करती थीं।

शांता रंगास्वामी का खिलाड़ी बनने का सफर  

बाद में शांता ने बैडमिंटन, साॅफ्टबाॅल और अन्य कई खेलों में हिस्सा लिया। हालांकि क्रिकेट के लिए उनका अलग ही लगाव था। अपने क्रिकेट प्रेम को बढ़ाते हुए शांता रंगास्वामी ने क्लब क्रिकेटच खेलना शुरू कर दिया। हालांकि तब उन्हें ये नहीं पता था कि कभी वह भारतीय महिला क्रिकेट टीम का हिस्सा बनेंगी।

पहली महिला कप्तान कैसे बनीं शांता



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