Movie Review
शी सीजन 2
कलाकार
अदिति पोहनकर
,
विश्वास किनी
,
किशोर कुमार जी
और
शिवानी रंगोले आदि
लेखक
इम्तियाज अली
,
मनीष गायकवाड
,
अनुजा गोंधालेकर
और
दिव्या जौहरी
निर्देशक
आरिफ अली
निर्माता
टिपिंग प्वाइंट प्रोडक्शंस
और
विंडो सीट फिल्म्स
ओटीटी
नेटफ्लिक्स
बुजुर्ग फिल्म निर्माता मुकेश भट्ट कहते हैं कि हिंदी सिनेमा में इन दिनों एक ‘कॉन गेम’ चल रहा है। कम लोग ही सिनेमा बना रहे, ज्यादातर बस दर्शकों को बेवकूफ बनाने के तरीके ढूंढ रहे हैं। अनुराग कश्यप की फिल्म ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ में तिग्मांशु धूलिया का वह संवाद तो आपको याद ही होगा, ‘हिंदुस्तान में जब तक सलीमा है, लोग *** बनते रहेंगे।’ ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ बनाने वाली कंपनी वायकॉम 18 स्टूडियोज की ही बच्चा कंपनी टिपिंग प्वाइंट ने इम्तियाज अली की वेब सीरीज ‘शी’ के पहले और दूसरे सीजन में भी पैसा लगाया है। इसका तीसरा सीजन भी पहले से मंजूर है। नेटफ्लिक्स ने पैसा बांट दिया है तो सीरीज तो बननी है और आपने नेटफ्लिक्स का महीने का 499 रुपये एडवांस भर दिया है तो मजबूरन इसे वसूल करने के लिए ये सीरीज देखनी ही है लेकिन वेब सीरीज ‘शी’ का दूसरा सीजन देखना बहुत धैर्य का काम है।