Sherdil, The Pilibhit Saga Review: पंकज त्रिपाठी के तिलिस्म पर टिकी कमजोर फिल्म, निराश किया सृजित मुखर्जी ने


अमर उजाला ब्यूरो, मुंबई
Published by: शशि सिंह
Updated Fri, 24 Jun 2022 01:30 AM IST

Movie Review

शेरदिल: द पीलीभीत सागा

कलाकार

पंकज त्रिपाठी
,
नीरज काबी
और
सयानी गुप्ता आदि

लेखक

सुदीप निगम
,
अतुल कुमार राय
और
सृजित मुखर्जी

निर्देशक

सृजित मुखर्जी

निर्माता

टी सीरीज

सिनेमा के ओटीटी दौर ने हाशिये पर रहे जिन दमदार कलाकारों को सुपरस्टार बनाया है, उनमें पंकज त्रिपाठी का नाम सबसे आगे आता है। उनकी अदाकारी के लाखों दीवाने हैं। किरदार भी उन्हें फिल्मों और वेब सीरीज में शानदार मिल रहे हैं। लेकिन, पंकज त्रिपाठी अकेले अपने बूते एक पूरी फिल्म को खींच ले जाएंगे, उनसे ये उम्मीद करना उनके साथ भी थोड़ी ज्यादती ही है। निर्देशक सृजित मुखर्जी बांग्ला फिल्मों का बड़ा नाम रहे हैं। 12 साल के अपने फिल्मी सफर में वह अब तक 19 फिल्में बना चुके हैं। फिल्म ‘बेगम जान’ से उन्होंने हिंदी सिनेमा में कदम रखा। नेटफ्लिक्स की फिल्मावली ‘रे’ में भी उन्होंने किस्मत आजमाई और अब वह लेकर आए हैं, ‘शेरदिल: द पीलीभीत सागा’। क्रिकेटर मिताली राज के संघर्षों पर बनी उनकी एक और हिंदी फिल्म ‘शाबास मिट्ठू’ भी अगले महीने रिलीज होने वाली है। उत्तर प्रदेश स्थित दुधवा नेशनल पार्क के आसपास के गांवों में जानवरों और इंसानों के बीच होने वाले रोजमर्रा के संघर्ष की फिल्म ‘शेरदिल: द पीलीभीत सागा’ अच्छी कहानी हो सकती थी लेकिन सृजित मुखर्जी को हिंदी पट्टी का रंग ढंग समझने में अभी समय लगेगा।



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