दीप्ति गुप्ता की निर्देशित और शूट की गई सोना की ओटीटी डॉक्यूमेंट्री ‘शट अप सोना’ शुक्रवार को रिलीज हुई। सिंगर ने कहा कि वह कई बॉलिवुड फिल्मों के जैसे ऑटोबायोग्राफी बनाने की कोशिश नहीं कर रही थीं। उन्होंने कहा कि यह एक ‘महिला कलाकार की यात्रा’ के बारे में है और महिलाओं को अपना ब्रांड बनाने के लिए अवसर नहीं मिलते, जितना कि मेल कलाकारों को मिलता है। ‘द क्विंट’ के साथ एक इंटरव्यू में, सोना ने म्यूजिक अवॉर्ड्स में परफॉर्मेंस देने की कोशिश के दौरान अपने संघर्ष को भी शेयर किया और बताया कि कैसे अपने मुखर होने के कारण उन्हें ‘बहुत सारे काम’ से हाथ धोना पड़ा।
टैलेंट के बावजूद मुझे नहीं बुलाया…
सोना ने कहा, ‘मेरे मुखर होने के कारण मैंने बहुत काम खो दिया है। मेरी फिल्म में आप देखेंगे कि मैं राम को लेकर दयालु नहीं हूं। उन्हें NH7 में बुलाया जा रहा है, जहां मुझे होना चाहिए था। एक तरह से मैं उनसे ज्यादा काबिल हूं। मैं राम से बड़ी लाइव परफॉर्मर हूं। मेरे पास एक बैंड है, मैं पिछले 15 सालों से दौरा कर रही हूं, लेकिन मुझे कभी भी NH7 में नहीं बुलाया गया है। सच तो यह है, मैं शायद चिड़चिड़ी औरत हूं, जिसे NH7 नहीं बुलाएगा। मुझे लगता है कि मुझमें कमियां हैं। लेकिन जब मैं गलती करती हूं, तो मैं सॉरी कहने और किसी को गले लगाने के लिए तैयार हूं। शायद NH7 को भी ऐसा करना चाहिए।’
हम किस भारत में जी रहे- सोना
सोना ने विशाल को फोन करने और उन्हें यह बताने की भी बात कही कि वह कश्मीर जैसे राजनीतिक मुद्दों के बारे में बात करते हैं, लेकिन वह वहां चुप हैं जहां उनकी अपनी इंडस्ट्री में ये सब हो रहा है। उन्होंने कहा कि वह NH7 ऑर्गनाइज करने वाली कंपनी में एक स्टेकहोल्डर थीं, लेकिन फिर भी उन्हें नहीं बुलाया गया। उन्होंने कहा, ‘विशाल मुझसे कहते थे कि ‘तुम अपना वुमन फेस्टिवल करो’। क्या हमें मंच पर गाने के लिए एक वुमन कोट की जरूरत है? हम किस भारत में रह रहे हैं?’
संजय लीला भंसाली की तारीफ
सोना ने यह भी कहा कि उन्हें शाहरुख खान की ‘रईस’ के ‘जालिमा’ गाने में गाने के लिए केवल पांच लाइनें मिलीं, जबकि सिंगर अरिजीत सिंह ने लगभग पूरा गाना गाया। उन्होंने कहा कि अक्सर महिलाओं को कॉन्सोलेशन प्राइज के रूप में गानों के रिप्राइज्ड वर्जन की पेशकश की जाती है। हालांकि, सोना ने फिल्ममेकर संजय लीला भंसाली की उनकी फिल्मों में ‘कम साउंडट्रैक’ रखने के लिए तारीफ की।