बचपन में लो ब्लड शुगर का इलाज ब्रेन डैमेज से बचाता है – स्टडी


Low Blood Sugar in infancy prevents Brain Damage : हाइपोग्लाइसीमिया (Hypoglycemia) एक ऐसी स्थिति है, जिसमें आपका ब्लड शुगर (Blood Sugar) या ग्लूकोज का लेवल सामान्य से कम हो जाता है. स्टडी से पता चलता है कि लो ब्लड शुगर का लेवल हर 6 में से एक बच्चे को प्रभावित करता है. ग्लूकोज ब्रेन और शरीर के लिए एनर्जी का प्राथमिक स्रोत है, अगर इसका लेवल कम होगा तो इसके आपकी सेहत पर नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं. इस स्टडी में दावा किया गया है कि ये 4.5 साल से कम उम्र के बच्चे के न्यूरोडेवलपमेंट (Neurodevelopment ) के लिए बेहद खराब हो सकता है. जेएएमए (JAMA) मेडिकल जर्नल में प्रकाशित स्टडी में वैज्ञानिकों ने पाया है कि बचपन में ही लो ब्लड शुगर का इलाज कराने से बच्चे के ब्रेन में दीर्घकालिक नुकसान को रोका जा सकता है. कनाडा स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ वाटरलू और न्यूजीलैंड स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ ऑकलैंड की तरफ से की गई अपनी तरह की इस पहली स्टडी में हाइपोग्लाइसीमिया वाले बच्चों में ब्लड शुगर को स्थिर करने की सिफारिश की गई है, ताकि उनके ब्रेन को नुकसान से बचाया जा सके.

हाइपोग्लाइसीमिया (लो ब्लड शुगर)  की अवस्था में ब्लड में ग्लूकोज का लेवल बहुत कम हो जाता है. लो ब्लड शुगर एक सामान्य बीमारी है, जिससे 6 में से एक या उससे ज्यादा नवजात पीड़ित पाए जाते हैं. चूंकि, ग्लूकोज ब्रेन और शरीर के लिए ईंधन का मुख्य सोर्स है, इसलिए लो ब्लड शुगर का इलाज नहीं होने पर 4.5 साल की उम्र तक बच्चों के तंत्रिका विकास (neural development) पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है.

क्या कहते हैं जानकार
नई स्टडी में मिड-चाइल्डहुड यानी मध्य-बचपन (9 से 10 वर्ष की आयु) में एक बच्चे के ब्रेन के विकास के दीर्घकालिक प्रभावों को देखा और उन बच्चों के बीच शैक्षिक प्रदर्शन में कोई महत्वपूर्ण अंतर नहीं पाया जो नवजात शिशुओं और उनकी जैसी उम्र में हाइपोग्लाइसेमिक थे. यूनिवर्सिटी ऑफ वाटरलू के प्रोफेसर बेन थाम्पसन ने कहा, ये राहत की बात है कि हाइपोग्लाइसीमिया के साथ जन्में जिन बच्चों का इलाज किया गया, उनके ब्रेन को दीर्घकालिक नुकसान की आशंका नहीं थी.

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ब्रेन डैमेज के रिस्क वाले बच्चों का इलाज
रिसर्च टीम पिछले एक दशक से नवजात शिशुओं में लो ब्लड शुगर के इलाज के लिए डेक्सट्रोज जेल (dextrose gel) के उपयोग की जांच कर रही है, जिससे शिशुओं को जन्म के तुरंत बाद न्यूबोर्न इंटेंसिव केयर यूनिट में भर्ती होने की आवश्यकता से बचा जा सके. डेक्सट्रोज मकई या गेहूं से प्राप्त चीनी है, जो रासायनिक रूप से रक्त शर्करा के बराबर है.

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‘जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (JAMA)’ में प्रकाशित एक अलग स्टडी में, रिसर्चर्स ने बच्चों में हाइपोग्लाइसीमिया के इलाज के रूप में डेक्सट्रोज जेल के दीर्घकालिक प्रभावों को देखा और दो साल की उम्र में न्यूरो-संवेदी हानि के जोखिम में कोई अंतर नहीं पाया। . कनाडा और ऑस्ट्रेलिया सहित न्यूजीलैंड के बाहर के देशों की बढ़ती संख्या में अब इस दवा का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।

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