Success Story: दृष्टिबाधित है फिर भी बनीं सीबीएसई टॉपर, 12वीं में हासिल किए 500 में से 496 अंक


Success Story of CBSE 12th Topper: सीबीएसई कक्षा 12वीं के नतीजे जारी होने के साथ ही देश को एक ऐसी स्टार मिली है, जो पहले अपनी अंधेरी दुनिया में कहीं खोई हुई थी। अब उसे देश के सामने लाने का काम किया है सीबीएसई रिजल्ट ने। हम बात कर रहे हैं कोच्चि की निवासी कक्षा 12वीं की छात्रा हन्ना साइमन की।

 

स्टूडेंट, यू-ट्यूबर, सिंगर, मोटिवेशनल स्पीकर और अब टॉपर भी

बहु-प्रतिभाशाली हन्ना होनहार और मेधावी भी है। हन्ना साइमन, एक स्टूडेंट होने के साथ ही एक यू-ट्यूबर, सिंगर और मोटिवेशनल स्पीकर तो है ही, लेकिन हाल ही में, उसके परिचय में एक और बड़ा तमगा जुड़ गया। हन्ना साइमन ने कक्षा 12वीं सीबीएसई की परीक्षा के परिणाम में 500 में से 496 अंक प्राप्त किए हैं। वह सीबीएसई कक्षा 12वीं की विशेष योग्यता श्रेणियों की टॉपर बनीं हैं।   

 

दिव्यांगता से परेशानियां आईं लेकिन सफलता को रोक न पाईं

हन्ना साइमन, माइक्रोफथाल्मिया (Microphthalmia) से पीड़ित है। यह एक ऐसी बीमारी है जो जन्म दोष के साथ होती है। जिसके परिणामस्वरूप दोनों आंखों के असामान्य आकार के कारण वह दृष्टिबाधित हो गई। फिर भी, उसने साबित कर दिया है कि माइक्रोफथाल्मिया या कोई अन्य दिव्यांगता के कारण परेशानियां आ सकती हैं लेकिन सफलता को रोक नहीं सकती। हन्ना साइमन ने इसी सोच और अपनी मेहनत के बलबूते 500 में से 496 का स्कोर प्राप्त कर हम सभी के लिए श्रेष्ठ उदाहरण प्रस्तुत किया है।

 

माता-पिता ने सामान्य स्कूल में पढ़ने भेजा

मीडिया से बात करते हुए, हन्ना ने संघर्ष के विभिन्न प्रसंगों को साझा किया, जिससे उसे वह सफलता हासिल करने में मदद मिली, जिसका वह आज आनंद ले रही है। वह यह भी बताती है कि कैसे उसके माता-पिता ने दुनिया का सामना करने में उसकी मदद की है। हन्ना कहती हैं कि मेरे माता-पिता ने मेरे लिए यह चुनाव किया – जब आप 12 साल के लिए एक विशेष स्कूल में पढ़ते हैं, तो आप बाकी दुनिया से कट जाते हैं। इसलिए, मेरे माता-पिता ने सोचा कि एक विशेष स्कूल से एक सामान्य स्कूल में ट्रांसफर लेने के बजाय, एक सामान्य स्कूल में शुरू से ही पढ़ना बेहतर है। 

 

उसकी उपलब्धि लाखों लोगों के लिए आशा की किरण 

इसके अलावा, उसने एक सामान्य स्कूल में पढ़ने के अपने अनुभव भी साझा किए, जिसकी अपनी चुनौतियां थीं। बकौल हन्ना, जब मैं छोटी थी, तब मुझे धमकाया जाता था और अन्य छात्रों से मुझे दूर रखा जाता था। लेकिन मुझे पता था कि मुझे अपने जीवन में इन चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, इसलिए बचपन से ही उनका सामना करने ने मुझे जीवन की बड़ी चुनौतियों का सामना करने के लिए मजबूत बना दिया है। हन्ना जन्म दोष के कारण देख नहीं सकती, लेकिन उसकी उपलब्धि और उसका संघर्ष लाखों लोगों के लिए आशा की किरण की तरह चमक रहा है।



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