Supreme court: महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड को सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार, एजी को वकील के रूप में हटाने से नाराज


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सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड द्वारा अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल को उसके वकील के रूप में हटाने को लेकर कड़ी फटकार लगाई। मुस्लिमों द्वारा भूमि दान पर कानूनी सवालों और वक्फ कानूनों के तहत इसकी स्थिति से संबंधित याचिकाओं के एक बैच पर सुनवाई से पहले शीर्ष अदालत ने यह टिप्पणी की। अदालत ने वक्फ बोर्ड से कहा कि अटॉर्नी जनरल (एजी) के साथ ऐसा व्यवहार सही नहीं है। 

अटॉर्नी जनरल ने कहा कि अंतिम समय में एजी निष्कासन न्याय के उचित प्रशासन में हस्तक्षेप करने का एक अनुचित प्रयास है और स्पष्ट रूप से अदालत की अवमानना है। सीजेआई रमना ने कहा,  आपका (एजी) पत्र देखकर मैं बहुत परेशान हूं। आप (वक्फ बोर्ड) क्या सोच रहे हैं? वेणुगोपाल के पत्र का संज्ञान लेने के बाद प्रधान न्यायाधीश एन वी रमना ने कहा कि क्या आप भारत के महान्यायवादी के साथ इस तरह व्यवहार करते हैं। इस पर वक्फ बोर्ड के वकील ने जवाब दिया, मैं ईमानदारी से माफी मांगता हूं। 

सुनवाई की शुरुआत में न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ को वेणुगोपाल ने बताया कि उन्हें मामले से हटा दिया गया है और इस आशय का एक पत्र जारी गया था। सीजेआई ने कहा, जब वह कुछ मामलों के बावजूद इस मामले पर बहस करने के लिए तैयार हो गए थे, और आपने उनकी जगह ले ली। यह क्या है? एजी को हटाने का यह तरीका नहीं है। मैं (सुनवाई की) तारीख आगे नहीं बढ़ाऊंगा। इसे निर्धारित दिन पर सूचीबद्ध करें।  

कोविड से पीड़ित होने के बावजूद मामले की तैयारी कर रहे एजी ने सोमवार को शीर्ष अदालत के रजिस्ट्रार न्यायिक को मामले में वकील के रूप में उन्हें हटाने का आरोप लगाया और कहा कि न्याय के प्रशासन में हस्तक्षेप करने का एक अनुचित प्रयास हुआ है और यह अदालत की अवमानना के बराबर है। जिसे निशाना बनाया गया है, वह भारत का महान्यायवादी है।  

विस्तार

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड द्वारा अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल को उसके वकील के रूप में हटाने को लेकर कड़ी फटकार लगाई। मुस्लिमों द्वारा भूमि दान पर कानूनी सवालों और वक्फ कानूनों के तहत इसकी स्थिति से संबंधित याचिकाओं के एक बैच पर सुनवाई से पहले शीर्ष अदालत ने यह टिप्पणी की। अदालत ने वक्फ बोर्ड से कहा कि अटॉर्नी जनरल (एजी) के साथ ऐसा व्यवहार सही नहीं है। 

अटॉर्नी जनरल ने कहा कि अंतिम समय में एजी निष्कासन न्याय के उचित प्रशासन में हस्तक्षेप करने का एक अनुचित प्रयास है और स्पष्ट रूप से अदालत की अवमानना है। सीजेआई रमना ने कहा,  आपका (एजी) पत्र देखकर मैं बहुत परेशान हूं। आप (वक्फ बोर्ड) क्या सोच रहे हैं? वेणुगोपाल के पत्र का संज्ञान लेने के बाद प्रधान न्यायाधीश एन वी रमना ने कहा कि क्या आप भारत के महान्यायवादी के साथ इस तरह व्यवहार करते हैं। इस पर वक्फ बोर्ड के वकील ने जवाब दिया, मैं ईमानदारी से माफी मांगता हूं। 

सुनवाई की शुरुआत में न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ को वेणुगोपाल ने बताया कि उन्हें मामले से हटा दिया गया है और इस आशय का एक पत्र जारी गया था। सीजेआई ने कहा, जब वह कुछ मामलों के बावजूद इस मामले पर बहस करने के लिए तैयार हो गए थे, और आपने उनकी जगह ले ली। यह क्या है? एजी को हटाने का यह तरीका नहीं है। मैं (सुनवाई की) तारीख आगे नहीं बढ़ाऊंगा। इसे निर्धारित दिन पर सूचीबद्ध करें।  

कोविड से पीड़ित होने के बावजूद मामले की तैयारी कर रहे एजी ने सोमवार को शीर्ष अदालत के रजिस्ट्रार न्यायिक को मामले में वकील के रूप में उन्हें हटाने का आरोप लगाया और कहा कि न्याय के प्रशासन में हस्तक्षेप करने का एक अनुचित प्रयास हुआ है और यह अदालत की अवमानना के बराबर है। जिसे निशाना बनाया गया है, वह भारत का महान्यायवादी है।  



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