नूंह (मेवात) के तावडू में खनन माफिया ने डंपर चढ़ाकर डीएसपी सुरेंद्र बिश्नोई की हत्या कर दी। डीएसपी सुरेंद्र बिश्नोई मूल रूप से हिसार जिले के आदमपुर विधानसभा क्षेत्र के गांव सारंगपुर के रहने वाले थे। वह 8 भाई हैं। जिसमें दो भाईयों की पहले मौत हो चुकी है। वर्ष 1993 में वह हरियाणा पुलिस में एएसआई भर्ती हुए थे। करीब दस साल पहले 2012 में डीएसपी के पद पर पदोन्नत हुए और दो साल पहले ही गुरुग्राम जिले में उनका तबादला हुआ था। परिजनों ने बताया कि 31 अक्टूबर 2022 को सुरेंद्र बिश्नोई का रिटायरमेंट होना था। उनकी मौत की सूचना पहुंचते ही गांव में मातम छा गया। बुधवार दोपहर बाद 2 बजे गांव सारंगपुर में सुरेंद्र बिश्नोई का अंतिम संस्कार होगा। सुरेंद्र की पत्नी कौशल्या गृहिणी हैं। जानकारी के अनुसार सुरेंद्र बिश्नोई के सबसे बड़े भाई अजीत थे। जिनकी 2009 में मौत हो चुकी है। दूसरे नंबर के भाई ओमप्रकाश गांव में ही खेतीबाड़ी का काम संभालते हैं।
उनकी लंबे समय तक कुरुक्षेत्र और यमुनानगर में नौकरी रही है। सुरेंद्र बिश्नोई ने कुरुक्षेत्र में अपना मकान बनाया हुआ है। इसी साल फरवरी में उनकी मां मन्नी देवी और मार्च में उनके पिता उग्रसेन की मौत हुई। 24 दिन के अंतराल में माता-पिता का साया उठ गया था, तब सुरेंद्र बिश्नोई अपने पैतृक गांव सारंगपुर आए थे।
सुबह 8:53 बजे भाई से हुई थी बात
अशोक ने बताया कि मंगलवार सुबह करीब 8:53 बजे ही उसकी अपने बड़े भाई से बात हुई थी। इसी साल अक्टूबर महीने में उनकी रिटायरमेंट होनी थी। अशोक ने बताया कि बड़े भाई सुरेंद्र ने जल्द ही घर आने की बात कही थी। मंगलवार सुबह ही सुरेंद्र बिश्नोई की अपने बड़े भाई ओमप्रकाश से बात हुई थी। सुरेंद्र बिश्नोई ने बारिश के बारे में पूछा था। उन्होंने नरमा की खेती के बारे में भी जानकारी ली थी।