एंटरटेनमेंट डेस्क, अमर उजाला
Published by: वर्तिका तोलानी
Updated Sat, 30 Apr 2022 11:58 AM IST
आज यानी 30 अप्रैल को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। आज रात 12 बजकर 15 मिनट पर शुरू होने वाले सूर्य ग्रहण को देखने के लिए लोग बेहद उत्साहित हैं। वह ग्लासेस और अन्य तकनीक से इस नजारे का लुत्फ उठाते हैं। साथ ही इसके बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करते हैं। हालांकि हमेशा से ऐसा नहीं था। जब तकनीक विकसित नहीं हुई थी, तब जानकार सूर्य ग्रहण को नग्न आंखों से देखने के लिए मना करते थे, क्योंकि इसकी किरणे बेहद हानिकारक होती हैं। लेकिन यह जानने के बावजूद लोग सूर्य ग्रहण के दौरान घर से बाहर निकलते थे। इसलिए 44 साल पहले भारत सरकार ने लोगों को सूर्यग्रहण देखने से रोकने के लिए एक अनोखा तरीका अपनाया था।
16 फरवरी, 1980 की बात है। सूर्य ग्रहण का वक्त था। सरकार को डर था कि जनता बिना किसी सुरक्षा उपाय के घरों से बाहर निकल जाएगी और सूर्य की हानिकारक किरणों की वजह से उन्हें इसका दुष्प्रभाव झेलना पड़ेगा। इसलिए सरकार ने लोगों को घरों में कैद रखने के लिए फिल्म इंडस्ट्री का साहरा लिया। सरकार ने दूरदर्शन पर अमिताभ और धर्मेंद्र की फिल्म ‘चुपके चुपके’ दिखाने का फैसला किया। बता दें कि उस जमाने में टीवी पर केवल रविवार को ही फिल्म टेलीकास्ट की जाती थी। लेकिन सूर्य ग्रहण के कारण शनिवार को अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र की फिल्म का प्रसारण किया गया था।
बता दें कि अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र अभिनीत फिल्म ‘चुपके-चुपके’ एक कॉमेडी फिल्म थी। साल 1978 में रिलीज हुई इस फिल्म का निर्देशन ऋषिकेश मुखर्जी ने किया था। इसमें धर्मेंद्र और अमिताभ बच्चन के अलावा शर्मिला टैगोर और जया बच्चन मुख्य भूमिका में थे। इस फिल्म में धर्मेंद्र ने ड्राइवर प्यारे मोहन और प्रोफेसर परिमल त्रिपाठी का रोल निभाया था।
आज यानी 30 अप्रैल को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। आज रात 12 बजकर 15 मिनट पर शुरू होने वाले सूर्य ग्रहण को देखने के लिए लोग बेहद उत्साहित हैं। वह ग्लासेस और अन्य तकनीक से इस नजारे का लुत्फ उठाते हैं। साथ ही इसके बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करते हैं। हालांकि हमेशा से ऐसा नहीं था। जब तकनीक विकसित नहीं हुई थी, तब जानकार सूर्य ग्रहण को नग्न आंखों से देखने के लिए मना करते थे, क्योंकि इसकी किरणे बेहद हानिकारक होती हैं। लेकिन यह जानने के बावजूद लोग सूर्य ग्रहण के दौरान घर से बाहर निकलते थे। इसलिए 44 साल पहले भारत सरकार ने लोगों को सूर्यग्रहण देखने से रोकने के लिए एक अनोखा तरीका अपनाया था।
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