टेस्ला से होगी 10 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी, नई नियुक्तियों पर एलन मस्क ने लगाई रोक


नई दिल्ली. दिग्गज इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला अपने 10 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी करेगी. दुनिया के सबसे रईस व्यक्ति और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने यह बात कही है. इससे पहले उन्होंने अपने कर्मचारियों से कहा था कि वे ऑफिस आकर काम करें नहीं तो इस्तीफा दे दें.

टेस्ला के अधिकारियों को उन्होंने ई-मेल भेजा है. अपने ई-मेल में उन्होंने दुनियाभर में नई नियुक्तियों पर रोक लगाने की बात कही है. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता जताते हुए कहा है कि मौजूदा हालात को देखकर बहुत बुरा लग रहा है.

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अधिकारियों को भेजा ई- मेल
एलन मस्क की ओर से टेस्ला के अधिकारियों को यह इंटरनल ई-मेल गुरुवार को भेजा गया है. यह ई-मेल “दुनियाभर में सभी नियुक्तियों को रोकें” शीर्षक से भेजा गया है. इसी ई-मेल के हवाले से रॉयटर्स ने बताया है कि टेस्ला के 10 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी होगी. इससे पहले मस्क ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि कर्मचारी को हर हफ्ते 40 घंटे ऑफिस में रह कर काम करना होगा, नहीं तो वे नौकरी छोड़ दें. मस्क ने मंगलवार रात कर्मचारियों को भेजे ई-मेल में लिखा था, “टेस्ला में सभी को ऑफिस में हर हफ्ते कम से कम 40 घंटे बिताने ही होंगे. यदि नहीं आते हैं तो हम मान लेंगे कि आपने इस्तीफा दे दिया है.”

मस्क की हो रही आलोचना
एलन मस्क के इस आदेश की अब आलोचना हो रही है. ऑस्ट्रेलिया के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति स्कॉट फरक्वार ने लगातार कई ट्वीट्स कर उन पर तंज कसा है. उन्होंने अपने ट्वीट में इसे “1950 के दशक जैसा आदेश” बताया है. इतना ही नहीं, उन्होंने टेस्ला के कर्मचारियों को अपनी कंपनी में नौकरी करने का ऑफर तक दे दिया है.

उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “हम वित्त वर्ष 2026 तक एटलसियन के कर्मचारियों की संख्या 25,000 तक बढ़ाना चाहते हैं. टेस्ला का कोई कर्मचारी इंटरेस्टेड है?” इस पर पलटवार करते हुए मस्क ने कहा, “इस तरह के ट्वीट्स बताते हैं कि मंदी एक अहम आर्थिक सफाई का काम क्यों करती है.”

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आपको बता दें कि एलन मस्क भारत में टेस्ला की इलेक्ट्रिक कारें बेचना चाह रहे हैं, लेकिन इसमें उन्हें दिक्कत हो रही है. दरअसल, वे चीन एवं अन्य देशों में निर्माण कर यहां इंपोर्ट करके कार बेचना चाहते हैं. इंपोर्टेड कारों पर ड्यूटी बहुत ज्यादा है. मस्क इस ड्यूटी को घटाने की मांग कर रहे हैं. इसके जवाब में अभी हाल ही में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि वे यहां अपना प्लांट लगाएं, जिससे कारों की लागत कम रहेगी. लेकिन मस्क का कहना है कि टेस्ला उस जगह पर अपना कोई मैन्युफैक्चरिंग प्लांट नहीं लगाएगी, जहां प्लांट लगाने से पहले कार बेचने और सर्विस देने की मंजूरी न मिले.

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