सुप्रीम कोर्ट रूम लाइव : वर्ग विशेष को निशाना बनाए जाने का दावा, यूपी सरकार से भी जवाब-तलब


सार

सुप्रीम कोर्ट ने जहांगीरपुरी में बुलडोजर से अवैध निर्माण ढहाने के मामले में बृहस्पतिवार को अगले आदेश तक यथास्थिति रखने का आदेश दिया। साथ ही, यूपी की योगी सरकार को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा। शीर्ष अदालत ने साफ किया, अन्य राज्यों में इस तरह की कार्रवाइयों पर एकतरफा रोक का आदेश नहीं दिया जा सकता।

ख़बर सुनें

सुप्रीम कोर्ट में बुलडोजर कार्रवाई पर सुनवाई के दौरान जमीयत के वकील दुष्यंत दवे ने कहा, यह राष्ट्रीय महत्व का मुद्दा बन गया है। हर दंगे के बाद एक विशेष वर्ग को निशाना बनाकर बुलडोजर कार्रवाई करना सरकारी नीति बनती जा रही है। जस्टिस एल नागेश्वर राव ने इस पर पूछा, कैसे, यह तो सिर्फ दिल्ली के एक इलाके का मामला है, यह राष्ट्रीय महत्व का कैसे हो सकता है? दवे ने दलील दी, यह अब सरकारी नीति बन गई है।

हर दंगे के बाद समाज के विशेष वर्ग के घरों पर बुलडोजर चला दिए जाते हैं। आखिर बुलडोजर को कैसे राज्य नीति का उपकरण बना दिया गया। यह सिर्फ जहांगीरपुरी का मामला नहीं है, यह अब देश के सामाजिक ढांचे पर प्रभाव डाल रहा है। दवे ने कहा, ऐसा कैसे होता है कि भाजपा अध्यक्ष नगर आयुक्त को ढांचे ढहाने के लिए पत्र लिखते हैं और बुलडोजर लेकर गरीबों के घर गिरा दिए जाते हैं।

जबकि कानून इस सबके लिए नोटिस का प्रावधान देता है, अपील करने की सुविधा देता है। आप ओलगा तेलिस मामला देखिए। वहां भी सुप्रीम कोर्ट ने ही संरक्षण दिया था। दवे ने कहा, पुलिस और प्रशासन संविधान के हिसाब से चलने चाहिए न कि भाजपा नेताओं के पत्र के आधार पर। उनकी एक ख्वाहिश आज निर्देश बन जाती है।

सरदार पटेल और आंबेडकर ने किया था आगाह
दवे ने कहा, मैं सरदार वल्लभ भाई पटेल और डॉ बीआर आंबेडकर के इस बारे में दी गई चेतावनियों के बारे में बताता हूं। दोनों ने ही समय समय पर इसके बारे में आगाह किया है। उन्होंने कहा था, अगर इस तरह की चीजों को होने दिया गया तो कहीं कानून नहीं बचेगा।

इन्हें सैनिक फार्म, गोल्फ लिंक्स का अतिक्रमण नहीं दिखता, ये सिर्फ गरीबों के घर गिरा रहे
दवे ने कहा, इन लोगों को सैनिक फार्म या गोल्फ लिंक्स नहीं नजर आता, जहां हर दूसरे घर में अतिक्रमण है। इन्हें सिर्फ गरीबों के घर ढहाने में मजा आता है। जहांगीरपुरी में गरीबों के घर गिराए गए, इसके लिए कौन जिम्मेदार है।

दिल्ली में 731 अवैध झुग्गियां पर इनके निशाने पर सिर्फ वह एक जहां समुदाय विशेष के लोग
दवे ने कहा, दिल्ली में 731 अवैध झुग्गियां हैं, जहां लाखों लोग रहते हैं। लेकिन इनके निशाने पर सिर्फ एक है, क्योंकि वहां एक विशेष समुदाय के लोग रहते हैं। यहां 30 साल से अधिक समय से इनके मकान हैं, दुकानें हैं। दवे ने कहा, हम एक लोकतांत्रिक देश में रहते हैं, आखिर यहां इस तरह की कार्रवाई की अनुमति कैसे दी जा सकती है।

मुस्लिमों को अतिक्रमण से जोड़ा : सिब्बल
जमीयत की दूसरी याचिका की पैरवी कर रहे कपिल सिब्बल ने पीठ को बताया कि देश में अतिक्रमण एक गंभीर समस्या है, लेकिन उससे भी गंभीर यह है कि मुसलमानों को अतिक्रमण से जोड़ दिया गया। इस पर जस्टिस राव ने पूछा, क्यों हिंदू संपत्तियों पर इसका असर नहीं पड़ता?

सिब्बल ने कहा, इक्का-दुक्का मामलों में पड़ता है, लेकिन जब भी जुलूस निकाले जाते हैं और तनाव होता है तो सिर्फ एक समुदाय के घरों पर ही बुलडोजर चलाया जाता है। आप एमपी का उदाहरण देखें, वहां के मंत्री कहते हैं कि अगर मुस्लिम कुछ ऐसा करते हैं तो उन्हें न्याय की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। इस पर मेहता ने कहा, खरगोन में 88 हिंदुओं और 26 मुस्लिमों के घर गिराए गए। ऐसे में यह कहना कि सिर्फ एक समुदाय पर कार्रवाई की गई, गलत है।

हम अभी देशभर के लिए आदेश जारी नहीं कर सकते
पीठ के आदेश सुनाने के बाद सिब्बल ने दूसरी याचिका में बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की। सिब्बल ने कहा, ऐसा नहीं होना चाहिए कि दूसरे राज्यों में बुलडोजर चलाए जाते रहें। इस पर पीठ ने कहा, हम अभी इस तरह देशभर के लिए ब्लैंकेट आदेश जारी नहीं कर सकते। आप हमें वह बता रहे हैं जो कुछ समय पहले हो चुका है और आप भविष्य में जो होगा उस पर चिंता जाहिर कर रहे हैं। जब हमने एक मामले में आदेश जारी कर दिया, उसके बाद भी आपको लगता है कि ऐसा कुछ होगा।

निगहबानी के लिए और कैमरे लगाए
जहांगीरपुरी में निगरानी के लिए दिल्ली पुलिस ने और सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। बृहस्पतिवार को पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सी ब्लॉक में निगरानी बढ़ा दी गई है। हालांकि, सी ब्लॉक में निवासियों की आवाजाही प्रतिबंधित है लेकिन पुलिस ने एक व्यक्ति को कुशल चौक पर दुकान के शटर पर दस्तावेज चिपकाते देखा। जब दुकानदार से पूछताछ की तो उसने कहा कि अपनी दुकान और बुलडोजर को लेकर चिंतित है, इसलिए वह कागज चिपका रहा है।

अधिकारियों ने बताया कि संवेदनशील स्थिति को देखते हुए सीसीटीवी लगाए हैं। पुलिस ने हिंसा प्रभावित इलाके में सुरक्षा कड़ी कर दी है और भारी बैरिकेड्स लगाए जा रहे हैं। इनके अलावा पूरे इलाके में ड्रोन से निगरानी भी की जा रही है। सी ब्लॉक में मस्जिद के पास के रिहायशी इलाकों में जहां बीते शनिवार को हिंसा हुई वहां चारों तरफ से बैरिकेडिंग कर दी गई है।

हम हमेशा कठिन मुद्दे उठाते हैं : ब्रिटिश पीएम
ब्रिटिश प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन ने बृहस्पतिवार को संकेत दिया कि जब वह शुक्रवार को नई दिल्ली में अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे तो वह कठिन मुद्दों को उठाएंगे। माना जा रहा है कि वह जहांगीरपुरी में अतिक्रमण विरोधी अभियान के मुद्दे को उठा सकते हैं। वडोदरा में जेसीबी द्वारा स्थापित बुलडोजर फैक्ट्री पहुंचे तो विदेशी पत्रकारों के सवालों के  जवाब में कहा कि हम हमेशा कठिन मुद्दों पर बात करते हैं।

जहांगीरपुरी में बुलडोजर पर अगले आदेश तक रोक
सुप्रीम कोर्ट ने जहांगीरपुरी में बुलडोजर से अवैध निर्माण ढहाने के मामले में बृहस्पतिवार को अगले आदेश तक यथास्थिति रखने का आदेश दिया। साथ ही, यूपी की योगी सरकार को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा। शीर्ष अदालत ने साफ किया, अन्य राज्यों में इस तरह की कार्रवाइयों पर एकतरफा रोक का आदेश नहीं दिया जा सकता।

जमीयत उलमा-ए-हिंद की याचिका पर शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार, मध्य प्रदेश और गुजरात सरकार को भी नोटिस जारी किए। जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने कहा, आदेश के बाद भी एनडीएमसी की कार्रवाई जारी रहने पर हम गंभीर संज्ञान लेंगे।

 

पीठ ने मेयर से दो हफ्ते में हलफनामे पर जवाब मांगा है। अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद 9 मई को होगी। सीजेआई के निर्देश पर पीठ ने दो याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की है। एक याचिका में, जहांगीरपुरी में तोड़फोड़, दूसरी में यूपी, मप्र व गुजरात में बुलडोजर चलाने का मुद्दा था।

पीठ का नगर निगम से सवाल
आपको स्टॉल, कुर्सी-मेज हटाने के लिए बुलडोजर की जरूरत पड़ती है
नई दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया, कानूनन सड़क से स्टॉल, कुर्सी-मेज हटाने के लिए नोटिस की जरूरत नहीं होती। तब पीठ ने पूछा, तो बुलडोजर की जरूरत होती है। जस्टिस राव ने पूछा, क्या जहांगीरपुरी में सिर्फ स्टॉल व कुर्सी-मेजें ही हटाई गईं? मेहता बोले, सड़क व फुटपाथ पर जो था, उसे हटाया गया।

इमारतों के लिए एनडीएमसी ने नोटिस जारी किए : मेहता
सॉलिसिटर जनरल मेहता ने कहा, कोर्ट सही कह रहा है, बुलडोजर की जरूरत इमारतें गिराने के लिए ही होती है। जानकारी के अनुसार, एनडीएमसी ने इमारतों के अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस दिए हैं। जहांगीरपुरी में विध्वंस अभियान 19 जनवरी को शुरू हुआ था। फरवरी-मार्च में भी चला। दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर अभियान चलाया जा रहा है।
 

इस पर जस्टिस गवई ने कहा, कानून में कोई भी काम करने का तरीका है, उसे वैसे ही किया जाना चाहिए। अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस जारी होता है, दूसरे पक्ष को अपील के लिए 5 से 15 दिन का वक्त मिलता है। ऐसा हुआ? मेहता ने दोहराया, नोटिस जारी हुए हैं।

 

जस्टिस राव ने जूस की दुकान करने वाले गणेश गुप्ता के वकील संजय हेगड़े से पूछा, क्या आपके मुवक्किल को नोटिस मिला? क्या उनके स्टॉल, कुर्सी-मेज सड़क पर थे? हेगड़े ने कहा-कोई नोटिस नहीं मिला। मेहता दोहराते रहे कि नोटिस जारी हुए हैं।
 

वादी साबित करें नोटिस नहीं मिले फिर मैं दिखाता हूं
मेहता ने कहा, यह याचिका किसी पीड़ित नहीं, बल्कि संगठन ने दाखिल की है। अगर कार्रवाई बिना नोटिस के हुई है, तो लोगों को आगे आकर इसे साबित करना चाहिए। वादी साक्ष्य दें, फिर मैं नोटिस दिखाऊंगा। पीठ ने वादी पक्ष को मेहता के दावे पर हलफनामा देने को कहा है।

तौकीर की धमकी… मुसलमान सड़क पर उतरे तो संभलेंगे नहीं
इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल  के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खां ने कहा कि देश में मुसलमानों के खिलाफ नफरत का माहौल बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री की खामोशी टूट नहीं रही है। जिस दिन मुसलमान सड़क पर उतर आए तो किसी से नहीं संभलेगा। मौलाना ने एलान किया कि हालात नहीं संभले तो ईद के बाद वह बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे।

मुस्लिमों को फर्जी केसों में फंसा रहे : डॉ. बर्क
संभल। सपा सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क ने दिल्ली में बुलडोजर चलाने को गलत बताते हुए कहा, भाजपा सरकार मुसलमानों को झूठे और फर्जी मुकदमों में फंसा रही है। मुसलमानों पर जुल्म किया जा रहा है। यूपी में बिजली चेकिंग के नाम पर परेशान किया जा रहा है।

विस्तार

सुप्रीम कोर्ट में बुलडोजर कार्रवाई पर सुनवाई के दौरान जमीयत के वकील दुष्यंत दवे ने कहा, यह राष्ट्रीय महत्व का मुद्दा बन गया है। हर दंगे के बाद एक विशेष वर्ग को निशाना बनाकर बुलडोजर कार्रवाई करना सरकारी नीति बनती जा रही है। जस्टिस एल नागेश्वर राव ने इस पर पूछा, कैसे, यह तो सिर्फ दिल्ली के एक इलाके का मामला है, यह राष्ट्रीय महत्व का कैसे हो सकता है? दवे ने दलील दी, यह अब सरकारी नीति बन गई है।

हर दंगे के बाद समाज के विशेष वर्ग के घरों पर बुलडोजर चला दिए जाते हैं। आखिर बुलडोजर को कैसे राज्य नीति का उपकरण बना दिया गया। यह सिर्फ जहांगीरपुरी का मामला नहीं है, यह अब देश के सामाजिक ढांचे पर प्रभाव डाल रहा है। दवे ने कहा, ऐसा कैसे होता है कि भाजपा अध्यक्ष नगर आयुक्त को ढांचे ढहाने के लिए पत्र लिखते हैं और बुलडोजर लेकर गरीबों के घर गिरा दिए जाते हैं।

जबकि कानून इस सबके लिए नोटिस का प्रावधान देता है, अपील करने की सुविधा देता है। आप ओलगा तेलिस मामला देखिए। वहां भी सुप्रीम कोर्ट ने ही संरक्षण दिया था। दवे ने कहा, पुलिस और प्रशासन संविधान के हिसाब से चलने चाहिए न कि भाजपा नेताओं के पत्र के आधार पर। उनकी एक ख्वाहिश आज निर्देश बन जाती है।

सरदार पटेल और आंबेडकर ने किया था आगाह

दवे ने कहा, मैं सरदार वल्लभ भाई पटेल और डॉ बीआर आंबेडकर के इस बारे में दी गई चेतावनियों के बारे में बताता हूं। दोनों ने ही समय समय पर इसके बारे में आगाह किया है। उन्होंने कहा था, अगर इस तरह की चीजों को होने दिया गया तो कहीं कानून नहीं बचेगा।

इन्हें सैनिक फार्म, गोल्फ लिंक्स का अतिक्रमण नहीं दिखता, ये सिर्फ गरीबों के घर गिरा रहे

दवे ने कहा, इन लोगों को सैनिक फार्म या गोल्फ लिंक्स नहीं नजर आता, जहां हर दूसरे घर में अतिक्रमण है। इन्हें सिर्फ गरीबों के घर ढहाने में मजा आता है। जहांगीरपुरी में गरीबों के घर गिराए गए, इसके लिए कौन जिम्मेदार है।



Source link

Enable Notifications OK No thanks