PM Gati Shakti : रेलवे बोर्ड के तहत निदेशालय का किया गया गठन, 100 करोड़ रुपये तक की परियोजनाओं की दे सकेगा स्वीकृति


सार

इस राष्ट्रीय मास्टर प्लान का उद्देश्य, रेलवे और रोडवेज सहित 16 मंत्रालयों को एकीकृत योजना और बुनियादी ढांचा कनेक्टिविटी परियोजनाओं के समन्वित कार्यान्वयन के लिए एक साथ लाना है। पीएम गति शक्ति योजना को पिछले साल लॉन्च किया गया था।
 

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प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना के तहत अपनी परियोजनाओं को प्राथमिकता देने के लिए रेल मंत्रालय ने रेलवे बोर्ड के भीतर एक निदेशालय का गठन किया है। मंगलवार को सूत्रों ने इसकी जानकारी दी। सूत्रों के मुताबिक, इस महत्वाकांक्षी योजना में तेजी लाने के लिए रेलवे ने खुर्दा, बिलासपुर, दिल्ली और बेंगलुरु मंडलों में अपनी इकाइयां स्थापित की हैं।

मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए बनाए गए इस राष्ट्रीय मास्टर प्लान का उद्देश्य, रेलवे और रोडवेज सहित 16 मंत्रालयों को एकीकृत योजना और बुनियादी ढांचा कनेक्टिविटी परियोजनाओं के समन्वित कार्यान्वयन के लिए एक साथ लाना है। पीएम गति शक्ति योजना को पिछले साल लॉन्च किया गया था।

इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य परिवहन के एक साधन से दूसरे साधन में लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए एकीकृत और निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करना है। पीएम गति शक्ति योजना से बुनियादी ढांचे के कनेक्टिविटी की सुविधा मिलेगी। ये लोगों के लिए यात्रा के समय को भी कम करेगा।

एडिशनल मेंबर रैंक के अधिकारी की अध्यक्षता में बनाए गए नए निदेशालय में यातायात, नागरिक, विद्युत, सिग्नलिंग और दूरसंचार, वित्त और सुरक्षा जैसे विभिन्न विभागों के कार्यकारी निदेशक शामिल होंगे। सूत्र ने कहा कि इसके अलावा निदेशालय में भारतीय आर्थिक सेवा के निदेशक स्तर के आर्थिक सलाहकार भी होंगे। गति शक्ति निदेशालय को 100 करोड़ रुपये तक के कार्यों की स्वीकृति मिलेगी। इसे आखिर में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष द्वारा अनुमोदित किया जाएगा।

सूत्रों ने बताया कि मंडल स्तर पर भी ऐसी इकाइयां गठित की जाएंगी, जिनके प्रमुख मंडल रेल प्रबंधक होंगे। निदेशालय गति शक्ति योजना से संबंधित परियोजनाओं की योजना बनाने और प्राथमिकता देने, सर्वेक्षण और परियोजना रिपोर्ट की जांच और संचालन करने के लिए जिम्मेदार होगा। निदेशालय हितधारकों के साथ समन्वय भी करेंगे। इससे रेलवे में निदेशालयों की संख्या 24 से बढ़कर 25 हो जाएगी।

विस्तार

प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना के तहत अपनी परियोजनाओं को प्राथमिकता देने के लिए रेल मंत्रालय ने रेलवे बोर्ड के भीतर एक निदेशालय का गठन किया है। मंगलवार को सूत्रों ने इसकी जानकारी दी। सूत्रों के मुताबिक, इस महत्वाकांक्षी योजना में तेजी लाने के लिए रेलवे ने खुर्दा, बिलासपुर, दिल्ली और बेंगलुरु मंडलों में अपनी इकाइयां स्थापित की हैं।

मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए बनाए गए इस राष्ट्रीय मास्टर प्लान का उद्देश्य, रेलवे और रोडवेज सहित 16 मंत्रालयों को एकीकृत योजना और बुनियादी ढांचा कनेक्टिविटी परियोजनाओं के समन्वित कार्यान्वयन के लिए एक साथ लाना है। पीएम गति शक्ति योजना को पिछले साल लॉन्च किया गया था।

इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य परिवहन के एक साधन से दूसरे साधन में लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए एकीकृत और निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करना है। पीएम गति शक्ति योजना से बुनियादी ढांचे के कनेक्टिविटी की सुविधा मिलेगी। ये लोगों के लिए यात्रा के समय को भी कम करेगा।

एडिशनल मेंबर रैंक के अधिकारी की अध्यक्षता में बनाए गए नए निदेशालय में यातायात, नागरिक, विद्युत, सिग्नलिंग और दूरसंचार, वित्त और सुरक्षा जैसे विभिन्न विभागों के कार्यकारी निदेशक शामिल होंगे। सूत्र ने कहा कि इसके अलावा निदेशालय में भारतीय आर्थिक सेवा के निदेशक स्तर के आर्थिक सलाहकार भी होंगे। गति शक्ति निदेशालय को 100 करोड़ रुपये तक के कार्यों की स्वीकृति मिलेगी। इसे आखिर में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष द्वारा अनुमोदित किया जाएगा।

सूत्रों ने बताया कि मंडल स्तर पर भी ऐसी इकाइयां गठित की जाएंगी, जिनके प्रमुख मंडल रेल प्रबंधक होंगे। निदेशालय गति शक्ति योजना से संबंधित परियोजनाओं की योजना बनाने और प्राथमिकता देने, सर्वेक्षण और परियोजना रिपोर्ट की जांच और संचालन करने के लिए जिम्मेदार होगा। निदेशालय हितधारकों के साथ समन्वय भी करेंगे। इससे रेलवे में निदेशालयों की संख्या 24 से बढ़कर 25 हो जाएगी।



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