गुजरात हाईकोर्ट : आयकर विभाग से पूछा, क्या मौत पर मुआवजा भी आय, कर वसूलना सही? 1986 में विमान अपहरण से जुड़ा मामला


सार

विमान अपहरण के दौरान पत्नी की मौत पर मिले मुआवजे को लेकर आयकर विभाग ने 2014 में समन कर कल्पेश नामक शख्स से इस आय के बारे में पूछा था। जवाब में कल्पेश ने बताया कि यह पैसा उसे अमेरिका में कानूनी लड़ाई के फैसले में मुआवजे के तौर पर मिला है। विभाग ने पिछले साल इस मामले को फिर से खोला है। जानिए हाईकोर्ट ने और क्या कुछ कहा है..

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गुजरात हाईकोर्ट ने आयकर विभाग से पूछा है कि क्या मौत के मुआवजे के तौर पर पीड़ित परिवार को मिली आर्थिक मदद को भी आय समझा जा सकता है? और क्या इस पर भी कर वसूला जा सकता है? आयकर विभाग ने गुजरता के कल्पेश दलाल को 1986 विमान अपहरण मामले पत्नी की मौत पर मिले 20 करोड़ रुपये के मुआवजे पर कर भुगतान का नोटिस भेजा था। पीठ ने 14 मार्च को अगली सुनवाई तक आयकर विभाग से इन सवालों का जवाब मांगा है।

जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस निशा ठाकुर की खंड पीठ ने आयकर से कहा, आपका सैद्धांतिक तर्क यह है कि मुआवजा आय नहीं है और उस पर कर नहीं लगाया जा सकता। हम इस मामले में कोई सहानुभूति नहीं दिखा रहे, बस आपके नोटिस से ऐसा समझ में आ रहा है कि जो कुछ मुआवजे के माध्यम से प्राप्त किया गया है, उसे एक आय के रूप में देखा जा सकता है ताकि आप उस पर कर लगा सकें। क्या ऐसा हो सकता है? पीठ ने आयकर विभाग से पूछा, याचिकाकर्ता का दावा है कि मुआवजे की रकम पर कर नहीं लग सकता, क्या आपने इसका विरोध करने की मांग की है?

याचिकाकर्ता को न्यूयॉर्क की अदालत ने 2014-15 में मुआवजा दिलाया था
याचिकाकर्ता की पत्नी तृप्ति की 1986 में पैन अमेरिकन वर्ल्ड एयरवेज की उड़ान के अपहरण के दौरान मौत हुई थी।  वह उन 50 लोगों में शामिल थी जिनकी इस हादसे में मौत हुई थी। न्यूयार्क की अदालत ने मुआवजे के तौर पर कल्पेश दलाल को 2013-14 और 2014-15 में 20 करोड़ रुपये का मुआवजा दिलवाया था। कल्पेश ने लेकिन इस रकम को 2014-15 के कर रिटर्न में आय के तौर पर नहीं दिखाया।

आयकर ने 2014 में किया समन
आयकर विभाग ने 2014 में समन कर कल्पेश से इस आय के बारे में पूछा था। जवाब में कल्पेश ने बताया कि यह पैसा उसे अमेरिका में कानूनी लड़ाई के फैसले में मुआवजे के तौर पर मिला है। आयकर विभाग ने पिछले साल इस मामले को फिर खोला और दलाल को नोटिस जारी कर मुआवजे के 20 करोड़ रुपये पर आयकर भुगतान करने को कहा। जिसके बाद कल्पेश ने हाईकोर्ट का रुख किया।

हादसे में 13 भारतीय मारे गए थे
तृप्ति दलाल पैन एएम उड़ान से अपने 11 वर्षीय बेटे और 21 सदस्यीय डांस ट्रूप के साथ 5 सितंबर 1986 को न्यूयार्क की यात्रा कर रही थीं। मुंबई से उड़े विमान में कुल 360 यात्री सवार थे। फलस्तीन के चार आतंकियों ने पाकिस्तान के कराची से इस विमान का अपहरण कर लिया। आतंकियों की गोली बारी में मरने वाले 50 लोगों में तृप्ति समेत 13 भारतीय और दो अमेरिकी थे।

विस्तार

गुजरात हाईकोर्ट ने आयकर विभाग से पूछा है कि क्या मौत के मुआवजे के तौर पर पीड़ित परिवार को मिली आर्थिक मदद को भी आय समझा जा सकता है? और क्या इस पर भी कर वसूला जा सकता है? आयकर विभाग ने गुजरता के कल्पेश दलाल को 1986 विमान अपहरण मामले पत्नी की मौत पर मिले 20 करोड़ रुपये के मुआवजे पर कर भुगतान का नोटिस भेजा था। पीठ ने 14 मार्च को अगली सुनवाई तक आयकर विभाग से इन सवालों का जवाब मांगा है।

जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस निशा ठाकुर की खंड पीठ ने आयकर से कहा, आपका सैद्धांतिक तर्क यह है कि मुआवजा आय नहीं है और उस पर कर नहीं लगाया जा सकता। हम इस मामले में कोई सहानुभूति नहीं दिखा रहे, बस आपके नोटिस से ऐसा समझ में आ रहा है कि जो कुछ मुआवजे के माध्यम से प्राप्त किया गया है, उसे एक आय के रूप में देखा जा सकता है ताकि आप उस पर कर लगा सकें। क्या ऐसा हो सकता है? पीठ ने आयकर विभाग से पूछा, याचिकाकर्ता का दावा है कि मुआवजे की रकम पर कर नहीं लग सकता, क्या आपने इसका विरोध करने की मांग की है?



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