ईडी और सतर्कता आयोग के प्रमुख का कार्यकाल बढ़ाए जाने का मुद्दा, उच्चतम न्यायलय ने केंद्र और CVC से मंगा जवाब


हाइलाइट्स

ईडी और सतर्कता आयोग के प्रमुख का कार्यकाल पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मंगा जवाब.
कांग्रेस और टीएमसी के नेताओं ने कार्यकाल में विस्तार के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.
सुप्रीम कोर्ट 10 दिन बाद मामले की सुनवाई करेगा.

नई दिल्ली. उच्चतम न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशक का कार्यकाल बढ़ाए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर मंगलवार को नोटिस जारी करते हुए केंद्र और केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) से जवाब मांगा. इन याचिकाओं में उस संशोधित कानून को चुनौती दी गई है, जिसके तहत निदेशक के कार्यकाल में पांच साल तक के विस्तार की अनुमति दी गई है. प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने आठ याचिकाओं पर केंद्र, सीवीसी और मौजूदा ईडी निदेशक सहित प्रतिवादियों को नोटिस जारी किए.

कांग्रेस नेताओं-रणदीप सिंह सुरजेवाला और जया ठाकुर तथा तृणमूल कांग्रेस के नेता साकेत गोखले ने भी याचिकाएं दाखिल की हैं. वकील एम एल शर्मा ने इस मामले पर पहली याचिका दायर की थी. पीठ ने कहा, ‘केंद्रीय कानून एजेंसी को नोटिस जारी किया जाए. मामले को 10 दिन बाद के लिए सूचीबद्ध किया जाए.’ सुरजेवाला की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी ने शीर्ष अदालत के फैसलों का हवाला दिया और कहा कि निश्चित कार्यकाल ‘स्वतंत्रता की पहचान’ है और इस तथ्य से कि पदाधिकारी को विस्तार मिल सकता है, पद की स्वतंत्रता ‘ध्वस्त’ हो जाएगी.

सुनवाई के दौरान पीठ को सीवीसी और फेमा कानूनों के तहत ईडी निदेशक की नियुक्ति प्रक्रिया के बारे में बताया गया. सिंघवी ने कहा कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के विपरीत, ईडी निदेशक की नियुक्ति करने वाली समिति में केवल कार्यपालिका के लोग शामिल होते हैं. मामले में एक याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने कहा कि वर्तमान ईडी निदेशक इस साल इस पद पर चार साल पूरे कर रहे हैं, तथा पिछले साल 18 नवंबर को उनकी सेवानिवृत्ति से कुछ दिन पहले एक अध्यादेश जारी किया गया था, जिसमें उनके कार्यकाल को एक और साल के लिए बढ़ा दिया गया था.

कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई की नेता जया ठाकुर की ओर से अधिवक्ता शशांक रत्नू और वरुण पेश हुए, जिन्होंने इस मामले में एक अलग जनहित याचिका दायर की है. अधिवक्ता एमएल शर्मा, जिन्होंने अपनी व्यक्तिगत क्षमता में याचिका दायर की है, ने कहा कि संवैधानिक योजना का उल्लंघन कर अध्यादेश पारित किया गया था. इस मुद्दे पर कुल आठ याचिकाएं दायर की गई हैं, जिनमें से ज्यादातर में केंद्रीय सतर्कता आयोग (संशोधन) अधिनियम, 2021 को चुनौती दी गई है जिसमें ईडी निदेशक के कार्यकाल को पांच साल तक बढ़ाने का प्रावधान है.

ईडी और सीबीआई निदेशकों को पद पर पांच साल तक रहने देने के लिए अध्यादेश लाए जाने के कुछ दिन बाद केंद्र ने 17 नवंबर, 2021 को ईडी प्रमुख संजय मिश्रा के कार्यकाल को 18 नवंबर, 2022 तक बढ़ा दिया था.

Tags: CVC, ED, Petition in Supreme Court



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