The Lincoln Lawyer Review: दो एपिसोड ज्यादा हैं इस वेब सीरीज में


जासूसी उपन्यास और लीगल थ्रिलर पढ़ने के शौकीनों के लिए माइकल कोनेली कोई नया नाम नहीं है. उनके लिखे करीब 31 उपन्यास करीब 40 भाषाओं में प्रकाशित हो चुके हैं और 7.5 करोड़ उनकी पाठक संख्या है. 2005 में उन्होंने एक उपन्यास लिखा था “द लिंकन लॉयर” जो कि इतना मक़बूल हुआ कि पहले उस पर एक फिल्म बनाई गयी और अब हाल ही में 10 एपिसोड की एक वेब सीरीज जो कि नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ की गयी है. इसमें मुख्य किरदार है मिकी हॉलर नाम के एक वकील जो कि थोड़ी निजी और थोड़ी कानूनी समस्याओं से उलझते उलझते अपने क्लाइंट्स के केस सुलझाते हैं लेकिन उनकी नैतिकता उन्हें हमेशा गलत लोगों का साथ देने से रोकती है. 2019 तक इस सीरीज के 7 उपन्यास आ चुके हैं. वेब सीरीज द लिंकन लॉयर मूलतः इसी नाम के उपन्यास पर आधारित है साथ ही अन्य उपन्यासों से भी मिकी हॉलर के जीवन के कुछ किस्सों को इसमें शामिल किया गया है ताकि उनका किरदार सशक्त रूप से सामने आ सके. सीरीज में कुछ किस्से और भी दिखाए गए हैं जो मिकी की ज़िन्दगी से सीधा सरोकार तो नहीं रखते मगर सीरीज की लम्बाई ज़रूर बढ़ा देते हैं.

मिकी हॉलर (मैन्युएल गार्सिया) दो बार शादी कर चुका है, पहली शादी से उसकी एक बेटी है और उसकी पहली पत्नी मैगी (नेवे कैम्पबेल) भी वकील है और डिस्ट्रिक्ट अटोर्नी के ऑफिस में काम करती है. दूसरी पत्नी लोर्ना (बेकी न्यूटन) अब मिकी के साथ उसकी सेक्रेटरी के तौर पर काम करती है. मिकी ने कुछ समय पहले एक केस में एक निर्दोष शख्स को जेल की सजा दिलवा दी थी जिसके बाद उसका एक्सीडेंट हो जाता है और वो अंतर्द्वंद्व से गुज़रते हुए नशे का आदी हो जाता है. अपने व्यसन से मुक्ति पा कर जब वो लौटता है तो उसे अपने एक परिचित वकील की हत्या की खबर लगती है. एक जज मिकी को बुलाकर उस परिचित वकील के सारे केस उसे दे देते हैं जिसमें मुख्य केस होता है एक गेमिंग कंपनी के मालिक ट्रेवर एलियट का जिस पर अपनी पत्नी और पत्नी के प्रेमी योग शिक्षक की हत्या का आरोप होता है. सीरीज इस केस की कहानी के साथ साथ मिकी के अन्य केसेस, अपनी पहली पत्नी और बेटी से सम्बन्ध सुधारने के उसके प्रयासों और फिर से अपनी प्रैक्टिस जमाने के उसकी कोशिशों पर आधारित है.

लिंकन लॉयर का कॉन्सेप्ट अनूठा है. मिकी को ऑफिस में बैठ कर काम करना पसंद नहीं है इसलिए वो अपनी लिंकन कार में ही अपना ऑफिस चलाता है और केस की छानबीन करता है जिस वजह से सब उसे लिंकन लॉयर कहते हैं. इस सीरीज में हालाँकि इस बात को बड़े ही सतही तौर पर दिखाया गया है लेकिन ये कार कहानी का महत्वपूर्ण हिस्सा है. हिंदी फिल्मों और वेब सीरीज के ठीक विपरीत अमेरिकन लीगल स्टोरीज में वकील सिर्फ वकालत करता है. वकील सर्वगुण सम्पन्न नहीं है और इसलिए उसकी सेक्रेटरी के हिस्से काफी काम होते हैं. केस में जासूसी करने के लिए वो एक प्राइवेट डिटेक्टिव किस्म का शख्स रखता है. पुलिस के पास से केस की जानकारी पाने के लिए वो भी वो अपने जासूस की ही मदद लेता है. लिंकन लॉयर पर 2011 में जो फिल्म बनी थी उसके हीरो थे मैथ्यू मैकोनहे और वो फिल्म काफी पसंद की गयी थी. मिकी हॉलर के किरदार में मैनुएल गार्सिया ने अभिनय ठीक किया है लेकिन वो मैथ्यू मैकोनहे की बराबरी नहीं कर पाए हैं. शुरू के दो तीन एपिसोड में तो मैनुएल कोई विशेष प्रभाव ही नहीं छोड़ पाते लेकिन धीरे धीरे वो भी अपने रंग में लौट आते हैं और दर्शकों को अपनी गिरफ्त में ले लेते हैं. पूरी सीरीज में वो कभी भी फालतू की डायलॉगबाज़ी करते हुए नज़र नहीं आये हैं. ठीक विपरीत उनके क्लाइंट ट्रेवर एलियट की भूमिका में क्रिस्टोफर गोरहम ने कमाल काम किया है. क्रिस्टोफर को दर्शक पहले कई फिल्मों में देख चुके हैं और कोवर्ट ऑपरेशन नाम के एक प्रसिद्ध टीवी शो में उन्होंने एक ब्लाइंड तकनीशियन ऑगी एंडरसन का महत्वपूर्ण किरदार निभाया था.

वेब सीरीज में कानूनी दांवपेंच और भारीभरकम कानूनी भाषा का इस्तेमाल बिलकुल नहीं किया गया है. जिन केसेस की मदद से मिकी अपना खोया हुआ आत्मविश्वास वापस पाता है वो कानूनी दांवपेंचों से नहीं सुलझाए गए हैं. हालाँकि मिकी की पत्नी मैगी के ज़रिये ज़रूर एक केस में कानून दांवपेंचों का खेल दिखाया गया है लेकिन वो भी बहुत सरल तरीके से कहानी में बुने गए थे. मिकी की सेक्रेटरी और उसकी दूसरी पत्नी लोर्ना भी कानून की आधी पढाई छोड़ चुकी है क्योंकि उसके प्रोफ़ेसर ने उसके साथ गलत हरकत करने की कोशिश की थी. लोर्ना भी कानून की थोड़ी बहुत जानकार है लेकिन वो ज़्यादातर समय मिकी की दोस्त बन कर ही रहती है. बाकी कलाकार जैसे सिस्को की भूमिका में एंगस सेम्प्सन, डिटेक्टिव ग्रिग्स की भूमिका में नतारे गुमा या इज़्ज़ी की भूमिका में जैज़ी राकोल ने अच्छा अभिनय किया है. बाकी कलाकार थोड़े थोड़े समय के लिए परदे पर आते हैं और अपनी क्षमता के मुताबिक अभिनय करते हैं. वैसे मिकी की दोनों पत्नियों मैगी और लोर्ना को अगर छोड़ दिया जाए तो बाकी कलाकार लगभग लगभग साधारण ही नज़र आते हैं.

टेड हम्फ्रे और डेविड केली ने मिलकर इस सीरीज को लिखा है और इसे एक बोरिंग कानूनी सीरीज बनाने के बजाये इसे एक रोचक कहानी में तब्दील किया है. सीरीज का नाम ज़रूर लिंकन लॉयर है लेकिन इसकी कहानी मिकी हॉलर सीरीज की दूसरी किताब द ब्रास वर्डिक्ट से ली गयी है. इस सीरीज की कमज़ोरी है इसके किरदारों पर खासकर मिकी पर अत्यधिक निर्भरता. लगता है कि इसके आगे भी सीजन बनाने की तैयारी की गयी है लेकिन इस सीजन में कानूनी दांव-पेंच की कमी खली है. एक केस को किस तरह बनाया जाता है, उसकी प्रस्तुति में क्या तयारी लगती है, जज किस तरह से व्यव्हार करते हैं और जूरी किस तरह से भावनात्मक निर्णय लेती है…ये सब बहुत ही जल्दी जल्दी निपटाया गया है. मिकी के किरदार को स्थापित करने छोटे छोटे केसेस दिखाए गए हैं वो भी बड़ी जल्दी जल्दी ख़त्म कर दिए गए हैं जिसकी वजह से मिकी की बुद्धिमता नज़र नहीं आती. कई जगह तो प्रतिवादी वकील और जज की बुद्धि पर भी शक होता है कि उन्होंने इतना बड़ा साक्ष्य छोड़ दिया और अपना ही केस कमज़ोर कर लिया. सिर्फ एक केस पर पूरा फोकस रखा जाता और उसमें किरदारों के जरिये रहस्य जोड़ा जाता तो शायद ये सीरीज और मज़ेदार हो जाती छोटे छोटे किस्सों को न रख कर कम से कम दो एपिसोड का समय बचाया जा सकता था और एकदम कसी हुई वेब सीरीज 8 एपिसोड में खत्म हो जाती.

Tags: Film review, Netflix

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