काम की बात : एजुकेशन लोन पर भी मिलती है सरकार की सब्सिडी, कैसे उठाएं फायदा और क्‍या है योग्‍यता?


हाइलाइट्स

लड़कियों की हायर एजुकेशन के लिए लोन पर 0.5 फीसदी तक ब्‍याज छूट मिलती है.
मोरेटोरियम अवधि पढ़ाई का साल और उसके एक साल बाद तक का समय होता है.
कई बार इस लोन पर लगने वाली ब्‍याज दर से ज्‍यादा रिटर्न निवेश पर मिलता है.

नई दिल्‍ली. देश-दुनिया में हायर एजुकेशन का खर्चा जिस तरह से बढ़ रहा है, अब इसे पूरा करने के लिए बड़ी संख्‍या में एजुकेशन लोन लिए जाते हैं. यह पर्सनल लोन से सस्‍ते होने के साथ कई और बेनिफिट भी दिलाते हैं, लेकिन शायद आपको यह नहीं पता होगा कि सरकार की ओर से एजुकेशन लोन पर भी सब्सिडी मिलती है.

कुछ बैंक भी लड़कियों की हायर एजुकेशन के लिए लोन पर 0.5 फीसदी तक ब्‍याज छूट की पेशकश करते हैं, लेकिन केंद्र और राज्‍यों की ओर से कई ऐसी योजनाएं चलाई जा रही हैं, जो लड़के-लड़कियों सभी को लोन पर सब्सिडी देते हैं. सेंट्रल सेक्‍टर इंटरेस्‍ट सब्सिडी स्‍कीम, पढ़ो प्रदेश एजुकेशन लोन इंटरेस्‍ट सब्सिडी स्‍कीम और डॉ. अंबेडकर सेंट्रल सेक्‍टर स्‍कीम ऑफ इंटरेस्‍ट सब्सिडी जैसी योजनाओं के जरिये सरकार हायर शिक्षा के लिए सब्सिडी देती है. यह सब्सिडी मोरेटोरियम अवधि के दौरान दी जाती है. मोरेटोरियम अवधि का मतलब जब तक पढ़ाई चल रही उसके एक साल बाद तक के समय से है. मसलन, कोई कोर्स तीन साल का है तो चार साल की मोरेटोरियम अवधि होगी.

ये भी पढ़ें – अब फोन और बिजली बिल की तरह होगा मोटर इंश्योरेंस, UBI पॉलिसी में जितनी चलेगी गाड़ी, उतना ही देना होगा प्रीमियम

एजुकेशन लोन कई मायनों में बेहतर
एक्‍सपर्ट का कहना है कि अमूमन माता-पिता अपने बच्‍चों को हायर एजुकेशन देने के लिए अपने इमरजेंसी फंड का इस्‍तेमाल करते हैं या फिर संपत्ति बेचकर फंड जुटाते हैं. दोनों ही हालात में पैरेंट्स पर फाइनेंशियल बोझ बढ़ जाता है. इससे ज्‍यादा अच्‍छा है कि वे एजुकेशन लोन ले लें. कई बार इस लोन पर लगने वाली ब्‍याज दर से ज्‍यादा रिटर्न निवेश पर मिलता है. लिहाजा बचत के पैसों को इसमें लगाना ठीक नहीं है.

सेंट्रल सेक्‍टर इंटरेस्‍ट सब्सिडी स्‍कीम के फायदे
मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय ने साल 2009 में यह योजना उतारी थी, जिसका मकसद आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के छात्रों को हायर एजुकेशन दिलाने में मदद करना है. इस पर ब्‍याज सब्सिडी सिर्फ तकनीकी और प्रोफेशनल कोर्स की पढ़ाई पर ही दी जाती है. इस योजना के जरिये आप विदेश में पढ़ाई नहीं कर सकते हैं. योजना के तहत मोरेटोरियम अवधि के दौरान ब्‍याज से पूरी तरह छूट होती है और नौकरी लगने पर छात्र को ब्‍याज सहित कर्ज चुकाना होता है.

इस योजना का लाभ सिर्फ एक बार उठाया जा सकता है. ग्रेजुएट, पोस्‍ट ग्रेजुएट या डिप्‍लोमा कोर्स के लिए योजना लोन देती है. लोन की राशि अधिकतम 7.5 लाख रुपये है, जिसके लिए किसी कोलैटरल की जरूरत नहीं होती. हालांकि, योजना में आवेदन के लिए अभिभावक की सालाना आमदनी कम से कम 4.5 लाख रुपये होनी चाहिए.

पढ़ो प्रदेश एजुकेशन लोन इंटरेस्‍ट सब्सिडी स्‍कीम के फीचर्स
इस योजना की शुरुआत साल 2006 में हुई थी और इसका लाभ अल्‍पसंख्‍यक समुदाय के गरीब छात्रों को दिया जाता है. इसके तहत विदेश में मास्‍टर, एमफिल, पीएचडी जैसी हायर डिग्री लेने के लिए चुने गए छात्रों को लोन दिया जाता है. योजना के तहत सिर्फ एक कोर्स के लिए ही लोन लिया जा सकता है. छात्र को कोर्स शुरू होने के पहले साल में ही योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन करना होगा. दूसरे या उसके अगले साल में आवेदन नहीं कर सकेंगे. मोरेटोरियम पीरियड में ब्‍याज नहीं लगेगा, लेकिन बाद में ब्‍याज और मूलधन चुकाना होगा.

ये भी पढ़ें – Moonlighting Action : मूनलाइटिंग पर भारतीय कंपनी का पहला एक्‍शन, विप्रो ने 300 कर्मचारियों को निकाला

योजना का लाभ उठाने के लिए पैरेंट्स की कुल आमदनी सालाना 6 लाख रुपये से ज्‍यादा नहीं होनी चाहिए. साथ ही योजना के तहत लिस्‍टेड कोर्स में दाखिला लेने पर ही छात्र को इसका लाभ दिया जाएगा.

डॉ. अंबेडकर सेंट्रल सेक्‍टर स्‍कीम ऑफ इंटरेस्‍ट सब्सिडी योजना
यह स्‍कीम ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर पिछले वर्ग के छात्रों के लिए शुरू की गई है. यहां भी छात्रों को मास्‍टर, एमफिल या पीएचडी डिग्री हासिल करने के लिए एजुकेशन लोन पर मोरेटोरियम के दौरान ब्‍याज से छूट दी जाती है. सब्सिडी के लिए आवेदन करने वाले छात्रों को ओबीसी कास्‍ट सर्टिफिकेट लगाना जरूरी होता है. इसमें अभिभावक की सालाना आमदनी 2.5 लाख रुपये से ज्‍यादा नहीं होनी चाहिए. छात्र को आय प्रमाण पत्र के साथ आवेदन करना होगा और उसी कोर्स के लिए ब्‍याज सब्सिडी मिलेगी, जो सूची में शामिल होंगे.

Tags: Bank Loan, Business news in hindi, Education Loan, Loan moratorium

image Source

Enable Notifications OK No thanks