नई दिल्ली. प्रॉपर्टी की खरीद फरोख्त में धोखाधड़ी नहीं हो जाएगी. सरकार इस तरह की धोखाधड़ी को रोकने के लिए बहुभाषी सॉफ्टवेयर (multilingual software) तैयार करवा रही है. इससे लोग भूमि संबंधी (land records) रिकार्ड 22 भाषाओं में जान सकेंगे. इस संबंध में केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh news) ने सोमवार को दिल्ली में यह घोषणा बजट में घोषित भूमि शासन सुधारों पर ई-पुस्तक “Empowering Citizens- Powering India के विमोचन के मौके पर की. उन्होंने कहा कि यह बहुभाषी सॉफ्टवेयर अप्रैल से शुरू करने की योजना बना रहा है, जिससे लोग भूमि का रिकॉर्ड अपनी भाषा में प्राप्त कर सकेंगे.
स्वदेशी रूप से विकसित एनजीडीआरएस (राष्ट्रीय सामान्य दस्तावेज़ पंजीकरण प्रणाली) सॉफ्टवेयर की जानकारी देते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि एनजीडीआरएस सॉफ्टवेयर लगभग 4 करोड़ में तैयार किया गया है. इस सॉफ्टवेयर के उपयोग के परिणाम स्वरूप राज्य सरकारों को भू-राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. मंत्री ने कहा कि एनजीडीआरएस 13 राज्यों में लागू किया जा रहा है, जिससे 22 करोड़ लोगों को लाभ होगा. अब तक इस प्रणाली के माध्यम से 30.9 लाख दस्तावेज पंजीकृत किये जा चुके हैं, जिनसे 16 हजार करोड़ से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ है.
उन्होंने कहा कि देश में यूएलपीआईएन (यूनीक लैंड पार्सल आइडेंटिफिकेशन नंबर) लागू होने के बाद गरीबों के अधिकार कोई नहीं छीन सकता. ULPIN को PAN, आधार, भूमि अभिलेख, न्यायालय और बैंकिंग प्रणाली से जोड़ने से भूमि मामलों में भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी से छुटकारा मिलेगा. अब तक, यूएलपीआईएन को 14 राज्यों में शुरू किया गया है.
ई-बुक की सामग्री विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान संख्या (यूएलपीआईएन), राष्ट्रीय सामान्य दस्तावेज़ पंजीकरण प्रणाली (एनजीडीआरएस) और भूमि अभिलेखों में भाषाई बाधा को तोड़ने के लिए-बहुभाषी भूमि रिकॉर्ड से संबंधित है. भूमि संसाधन विभाग द्वारा डिजिटल तकनीक अपनाने के बाद भूमि अभिलेख सूचना और प्रबंधन में पारदर्शिता आई है. धोखाधड़ी और बेनामी संपत्ति लेनदेन को रोकने के लिए प्रत्येक भूमि पार्सल को एक विशिष्ट भूमि पहचान संख्या (यूएलपीआईएन) प्रदान की जा रही है. बहुभाषी भूमि रिकॉर्ड से लोगों को उनकी क्षेत्रीय और मातृ भाषाओं में जानकारी मिल सकेगी.
इस मौके पर केन्द्रीय इस्पात और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति, पंचायती राज राज्य मंत्री कपिल मोरेश्वर पाटिल, भूमि संसाधन विभाग के सचिव अजय तिर्की और ग्रामीण विकास विभाग के सचिव नागेन्द्र नाथ सिन्हा तथा भूमि संसाधन विभाग के संयुक्त सचिव सोनमोनी बोरा मौजूद रहे.
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