Retirement Planning : बुढ़ापे में नहीं होगी पैसों की किल्लत, बस करना होगा ये काम, जानें पूरी डिटेल्स


नई दिल्ली. अगर आप चाहते हैं कि बुढ़ापे में कभी भी पैसों की किल्लत न हो तो खास रणनीति बनाकर अपने निवेश को मैनेज करना होगा. अगर जीवनभर की पूंजी यानी एंप्लाइज प्रोविडेंट फंड (EPF) और ग्रेच्युटी को सही रणनीति से मैनेज किया जाए तो रिटायरमेंट के बाद बुढ़ाप के लिए अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत बना सकते हैं.

बैंक बाजार के सीईओ आदिल शेट्टी का कहना है कि अपने निवेश को मैनेज करने के साथ अपनी सभी वित्तीय देनदारियों का भी जल्द  निपटारा करना होगा. अगर आपने कोई होम लोन, कार लोन या अन्य कोई कर्ज लिया है तो उसका जल्द भुगतान करें. इसे एकमुश्त चुकाने के लिए अपने पीएफ और ग्रेच्युटी की रकम का इस्तेमाल कर सकते हैं या रेगुलर प्री-पेमेंट्स का विकल्प चुन सकते हैं.

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बढ़ने दें ईपीएफ खाते में पैसा
वर्तमान में डेट फंडों में सबसे अधिक 8.5 फीसदी ब्याज ईपीएफ पर मिल रहा है. आखिरी कामकाजी दिन के बाद आपके ईपीएफ में जमा पैसे पर 36 महीने का ब्याज मिलता है यानी अगर आपने 31 मार्च 2022 तक काम किया तो ईपीएफ खाते में जमा पैसे पर इस खाते के बंद होने से पहले तीन वित्त वर्ष 2021-22, 2022-23 और 2023-24 के लिए ब्याज मिलेगा. ईपीएफ खाते में जमा पैसे पर चक्रवृद्धि ब्याज मिलता है. ऐसे में बहुत जरूरत न हो तो ईपीएफ फंड से पैसे न निकालें.

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ज्यादा जोखिम वाले विकल्पों में न लगाएं पैसा
जोखिम लेने की क्षमता के हिसाब से विभिन्न एसेट क्लासेज में अपने पैसे लगाएं. इसका मतलब है कि अगर आप अधिक जोखिम नहीं उठा सकते हैं तो अधिक रिटर्न के चलते में हाई रिस्क वाले विकल्प में पैसे लगाने से बचें. इसके लिए कम जोखिम वाले डेट ओरिएंटेड उत्पाद चुन सकते हैं. इसके लिए आप पीपीएफ, म्चूयुचल फंड्स की बैलेंस्ड एडवांटेड स्कीम्स, डेट ओरिएंटेड हाइब्रिड म्यूचुअल फंड स्कीम्स और पोस्ट ऑफिस सेविंग्स में एकमुश्त निवेश जैसे विकल्पों को चुन सकते हैं.

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आपात फंड बनाएं, हेल्थ इंश्योरेंस खरीदें
किसी भी आकस्मिक खर्चे के लिए आपात फंड बनाएं. रिटायरमेंट के बाद कम-से-कम 5 लाख रुपये आपके पास नगदी के रूप में तुरंत उपलब्ध हो सके. इसका इंतजाम जरूर होना चाहिए. इस पैसे का इस्तेमाल किसी मेडिकल इमरजेंसी या अन्य किसी विशेष जरूरतों के लिए कर सकते हैं. इस पैसे को रेगुलर बैंक डिपॉजिट या लिक्विड म्यूचुअल फंड स्कीम में रखा जा सकता है. मेडिकल खर्चों को लेकर एक और तैयारी बहुत जरूरी है और वह है हेल्थ इंश्योरेंस. आपके पास बेहतर कवरेज वाली हेल्थ पॉलिसी जरूर होनी चाहिए ताकि मेडिकल से जुड़े खर्च अधिक वित्तीय बोझ न डाल सकें.

Tags: Investment, Saving

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